फूटा ढोल है राहुल गांधी। By Shyamanand Mishra
फूटा ढोल मीठा स्वर कभी नहीं देता है, उल्टे अच्छे संगीत को भी बेसुरा बना देता है। उसी तरह राहुल गांधी देश हित में कभी बयान नहीं दे सकता है। उल्टे उनके बयानों से सेना पर प्रश्न एवं देश को कमजोर दिखाना चाहता है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री जी खुला मंच से सेना के शौर्य एवं सीज़ फायर पर दोनों देशों के सेना पदाधिकारियों की सहमत से भारत अपनी शर्तों के आधार पर स्वीकार किया था। जिसे प्रधानमंत्री जी ने स्पष्ट कर दिया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर जी अमेरिका में ट्रंप को बता दिया कि भारत-पाकिस्तान सीज फायर में कोई तीसरा नहीं है। फिर भी भारत का फूटा ढोल राहुल गांधी अपने प्रधानमंत्री बयानों पर विश्वास नहीं कर रहा है। लेकिन अमेरिका का फूटा ढोल ट्रंप के बयानों को सही सिद्ध कर रहा है।
आजकल राहुल गांधी के जैसा ही ट्रंप के बयानों को कोई संज्ञान नहीं लेता है। ट्रंप कब क्या-क्या बोलता है, कब किस से दोस्ती तो कब किस से दुश्मनी करता है, वह भी एक फूटा ढोल राहुल गांधी की जोड़ी बन गया है
राहुल बार-बार मोदी को समर्पण करने वाला बता रहा है, लेकिन सच्चाई देश देख रहा है कि मोदी देश हित में समर्पण करने वाला नहीं समर्पण करवाने वाला भारत के प्रधानमंत्री है। कारगिल युद्ध में भाजपा ने पाकिस्तान को समर्पण करवा के अपना जमीन हासिल किया। गलबन में जब चीन भारत की टकराव हुआ तो चीन को समर्पण करा के पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। अब बार-बार पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकियों को मार कर पाकिस्तान को समर्पण करने पर मजबूर कर देता है। सिंदूर ऑपरेशन, जल संधि पर भारत के कड़े प्रहार से पाकिस्तान समर्पण कर के गिरगिरा रहा है, फिर भी राहुल गांधी कहता है भारत समर्पण कर दिया है।
दूसरी तरफ कांग्रेस समर्पण की एक सूची है, देश आजाद के साथ ही कांग्रेस जिन्ना के सामने समर्पण कर दिया था। फ़लतः देश दो टुकड़ों में हो गया। कांग्रेस ने चीन के आगे समर्पण कर स्काई चीन की भूभाग गंवाया। तो संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थाई सदस्यता कांग्रेस ने चीन को सौंप कर समर्पण कर दिया। पाकिस्तान से बार-बार युद्ध जीतने के बाद भी कांग्रेस ने समर्पण कर के अपना भूभाग गंवाया। तो देश के एक प्रधानमंत्री को भी विदेश में ही जान गंवाना पड़ा। इतना सब के बाद भी एक समर्पण संयुक्त राष्ट्र संघ में न्याय की गुहार लगाया। कांग्रेस जमाने में कश्मीर में दो निशान - दो विधान अपने ही सेवा पर अनेकों प्रतिबंध लगाया। कश्मीर में तिरंगा उठाना भारतीयों का अपराध माना जाता था और आज की कश्मीर है जो लाल चौक क्या सारे कश्मीर तिरंगा लहरा रहा है। खुद प्रधानमंत्री जी भी तिरंगा लहरा रहे हैं।
एक निशान एक विधान भारत की पहचान बन गया है। अब भाजपा शासन में आतंकी हो या पाकिस्तान या उनके समर्थक सभी को भारत की समर्पण करवाने की शक्ति समझ में आ गया है।
सारे देश देख रहा है लेकिन एक है देश का फूटा ढोल राहुल गांधी जिसका विरासत है नेहरू खानदान, लेकिन है वह फिरोज खान के खानदान, लेकिन गांधी उपनाम से बना रखा है अपनी पहचान, गांधी जी के कर्मों की एक भी नहीं है निशान, इसलिए गांधी जी नाम का सदा करता रहता है अपमान, ऐसा है देश का फूटा ढोल राहुल नादान, जिसे लेस मात्र भी नहीं है राजनीति का ज्ञान, फिर भी कांग्रेस उसे विपक्ष की नेता बना कर दिखाता है अपना शान।
यही है कांग्रेस की समर्पण की पहचान।
Disclaimer: इस लेख में व्यक्त किए गए विचार और मत लेखक के निजी विचार हैं। ये आवश्यक नहीं कि प्रकाशक/मंच/संस्था के विचारों से मेल खाते हों। इस लेख की किसी भी जानकारी, तथ्य या राय के लिए केवल लेखक ही उत्तरदायी हैं।
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