विपक्ष का झूठा प्रचार और फेक न्यूज़: देशविरोधी ताक़तों को मिल रहा बढ़ावा

2025 में भारत के लोकतांत्रिक परिदृश्य में एक बड़ी चुनौती उभरकर सामने आई है — विपक्षी नेताओं द्वारा फैलाई जा रही फेक न्यूज़ और झूठे नैरेटिव्स। यह सिर्फ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि अब यह राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और जनता के मनोबल को भी प्रभावित कर रहा है। राहुल गांधी, पवन खेड़ा और जयराम रमेश जैसे नेता बार-बार ऐसे बयान दे रहे हैं जो तथ्यों से परे हैं और फर्जी जानकारियों पर आधारित हैं।
मई-जून 2025 के बीच सामने आई कुछ प्रमुख फेक न्यूज़ घटनाएं इस खतरे की गंभीरता को दर्शाती हैं:
1. डोनाल्ड ट्रंप की बर्थडे परेड में पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर को बुलाने की अफवाह, जिसे व्हाइट हाउस ने खारिज किया।
2. राहुल गांधी की फर्जी बोर्डिंग पास, जिसमें दावा किया गया कि वे देश छोड़ रहे हैं — यह फोटोशॉप्ड निकला।
3. राहुल गांधी का AI-जनित शपथ ग्रहण वीडियो, जिसमें उन्हें प्रधानमंत्री बनते दिखाया गया — एक डीपफेक क्लिप थी।
4. लवण खैरा द्वारा किसान आंदोलन में "जहरीली गैस छोड़े जाने" का आरोप, जिसकी AIIMS रिपोर्ट ने पुष्टि नहीं की।
5. जयराम रमेश द्वारा ISRO की तकनीक अमेरिका को बेचे जाने का झूठा दावा।
6. विदेश मंत्री एस. जयशंकर का माफी मांगता हुआ वीडियो, जिसे PIB ने फर्जी करार दिया।
7. महाराष्ट्र चुनाव को राहुल गांधी द्वारा “मैच फिक्सिंग” कहना — जिसे चुनाव आयोग ने "बिल्कुल बेतुका" बताया।
8. लुधियाना उपचुनाव में फर्जी ओपिनियन पोल और पेड न्यूज को लेकर शिकायत।
9. राहुल गांधी की एक तस्वीर को पाकिस्तानी जासूस के चेहरे से मॉर्फ कर सोशल मीडिया पर फैलाना।
10. पाकिस्तान द्वारा एक वीडियो गेम (Arma 3) का युद्ध फुटेज भारत-पाक संघर्ष के नाम पर शेयर करना।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि झूठे प्रचार से देश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावित होती है। विदेशी मीडिया और भारत विरोधी ताक़तें इन बयानों का उपयोग कर भारत को अस्थिर और असत्यनिष्ठ राष्ट्र दिखाने का प्रयास करती हैं।
अब समय आ गया है कि जनता सच्चाई और अफवाह में फर्क समझे। लोकतंत्र में आलोचना जरूरी है, लेकिन देश को बदनाम करने वाला झूठ फैलाना राष्ट्रहित के खिलाफ है। जनता को चाहिए कि वे हर सूचना की पुष्टि करें, जिम्मेदार मीडिया को अपनाएं और राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक भूमिका निभाएं।
Disclaimer: इस लेख में व्यक्त किए गए विचार और मत लेखक के निजी विचार हैं। ये आवश्यक नहीं कि प्रकाशक/मंच/संस्था के विचारों से मेल खाते हों। इस लेख की किसी भी जानकारी, तथ्य या राय के लिए केवल लेखक ही उत्तरदायी हैं।
What's Your Reaction?






