सिर में होता है तेज दर्द और रोशनी करती है परेशान, जानें किस बीमारी ने बना लिया शिकार?

अगर आपको अचानक तेज सिरदर्द होने लगे, आंखों के सामने रोशनी से चुभन महसूस हो और बुखार भी आने लगे, तो इसे हल्के में न लें. ये लक्षण दिमागी बुखार यानी मेनिनजाइटिस के हो सकते हैं. दिमागी बुखार एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जिसमें समय पर इलाज न मिलने पर मरीज की जान भी जा सकती है. दिमागी बुखार को मेडिकल भाषा में मेनिनजाइटिस कहते हैं. इसमें दिमाग और रीढ़ की हड्डी को ढकने वाली झिल्ली (मेनिन्जिस) में सूजन आ जाती है. यह सूजन बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के संक्रमण से हो सकती है. इस बीमारी के लक्षण तेज और लगातार सिरदर्द तेज बुखार रोशनी देखकर आंखों में दर्द या चुभन गर्दन में अकड़न उल्टी और जी मिचलाना भ्रम या बेहोशी बच्चों में लगातार रोना और सुस्ती अगर ये लक्षण एक साथ नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. दिमागी बुखार क्यों होता है? बैक्टीरियल इंफेक्शन: जैसे नाइसेरिया मेनिनजाइटिडिस या स्ट्रेप्टोकॉकस न्यूमोनिया. वायरल इंफेक्शन: आमतौर पर कम गंभीर लेकिन फिर भी खतरनाक हो सकता है. फंगल इंफेक्शन: कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में ज्यादा होता है. संक्रमण अक्सर नाक, कान या गले से शुरू होकर दिमाग तक पहुंच जाता है. किसे है ज्यादा खतरा? 5 साल से छोटे बच्चे कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग भीड़-भाड़ वाले इलाकों में रहने वाले हाल में सिर या कान का इंफेक्शन झेल चुके लोग इलाज कैसे होता है? बैक्टीरियल दिमागी बुखार में तुरंत एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं. वायरल केस में लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं और आराम दिया जाता है. मरीज को अस्पताल में भर्ती करना जरूरी होता है, ताकि उसका ऑक्सीजन लेवल, ब्लड प्रेशर और बॉडी टेंपरेचर कंट्रोल में रखा जा सके. बचाव के उपाय बच्चों को मेनिनजाइटिस का टीका लगवाएं. साफ-सफाई का ध्यान रखें. संक्रमित व्यक्ति के बहुत नजदीक जाने से बचें. सर्दी, खांसी या कान का इंफेक्शन होने पर समय पर इलाज करवाएं. कब जाएं डॉक्टर के पास? अगर अचानक तेज बुखार, सिरदर्द, रोशनी से परेशानी और गर्दन में अकड़न महसूस हो, तो देर न करें. दिमागी बुखार तेजी से बढ़ता है और इलाज में देरी जानलेवा हो सकती है. सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में डिप्टी एडवाइजर डॉ. ईशू गोयल ने यूट्यूब पर पोस्ट वीडियो में मेनिनजाइटिस की जानकारी विस्तार से दी. उन्होंने लक्षण की गंभीरता, निदान और उपचार पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. साथ ही, यह भी बताया कि इस दिक्कत को समय पर पहचना और इलाज कराना कितना जरूरी है. उनके अनुसार,  मेनिनजाइटिस के समय पर पहचान और तुरंत इलाज से जान बचाई जा सकती है, जबकि देरी जानलेवा साबित हो सकती है. इसे भी पढ़ें: कैंसर से मौत का खतरा हो जाएगा एकदम कम, इस विटामिन की डोज करती है मदद Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Aug 12, 2025 - 18:30
 0
सिर में होता है तेज दर्द और रोशनी करती है परेशान, जानें किस बीमारी ने बना लिया शिकार?

अगर आपको अचानक तेज सिरदर्द होने लगे, आंखों के सामने रोशनी से चुभन महसूस हो और बुखार भी आने लगे, तो इसे हल्के में न लें. ये लक्षण दिमागी बुखार यानी मेनिनजाइटिस के हो सकते हैं. दिमागी बुखार एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जिसमें समय पर इलाज न मिलने पर मरीज की जान भी जा सकती है. दिमागी बुखार को मेडिकल भाषा में मेनिनजाइटिस कहते हैं. इसमें दिमाग और रीढ़ की हड्डी को ढकने वाली झिल्ली (मेनिन्जिस) में सूजन आ जाती है. यह सूजन बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के संक्रमण से हो सकती है.

इस बीमारी के लक्षण

  • तेज और लगातार सिरदर्द
  • तेज बुखार
  • रोशनी देखकर आंखों में दर्द या चुभन
  • गर्दन में अकड़न
  • उल्टी और जी मिचलाना
  • भ्रम या बेहोशी
  • बच्चों में लगातार रोना और सुस्ती

अगर ये लक्षण एक साथ नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

दिमागी बुखार क्यों होता है?

  • बैक्टीरियल इंफेक्शन: जैसे नाइसेरिया मेनिनजाइटिडिस या स्ट्रेप्टोकॉकस न्यूमोनिया.
  • वायरल इंफेक्शन: आमतौर पर कम गंभीर लेकिन फिर भी खतरनाक हो सकता है.
  • फंगल इंफेक्शन: कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में ज्यादा होता है.
  • संक्रमण अक्सर नाक, कान या गले से शुरू होकर दिमाग तक पहुंच जाता है.

किसे है ज्यादा खतरा?

  • 5 साल से छोटे बच्चे
  • कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग
  • भीड़-भाड़ वाले इलाकों में रहने वाले
  • हाल में सिर या कान का इंफेक्शन झेल चुके लोग

इलाज कैसे होता है?

बैक्टीरियल दिमागी बुखार में तुरंत एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं. वायरल केस में लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं और आराम दिया जाता है. मरीज को अस्पताल में भर्ती करना जरूरी होता है, ताकि उसका ऑक्सीजन लेवल, ब्लड प्रेशर और बॉडी टेंपरेचर कंट्रोल में रखा जा सके.

बचाव के उपाय

  • बच्चों को मेनिनजाइटिस का टीका लगवाएं.
  • साफ-सफाई का ध्यान रखें.
  • संक्रमित व्यक्ति के बहुत नजदीक जाने से बचें.
  • सर्दी, खांसी या कान का इंफेक्शन होने पर समय पर इलाज करवाएं.

कब जाएं डॉक्टर के पास?

अगर अचानक तेज बुखार, सिरदर्द, रोशनी से परेशानी और गर्दन में अकड़न महसूस हो, तो देर न करें. दिमागी बुखार तेजी से बढ़ता है और इलाज में देरी जानलेवा हो सकती है. सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में डिप्टी एडवाइजर डॉ. ईशू गोयल ने यूट्यूब पर पोस्ट वीडियो में मेनिनजाइटिस की जानकारी विस्तार से दी. उन्होंने लक्षण की गंभीरता, निदान और उपचार पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. साथ ही, यह भी बताया कि इस दिक्कत को समय पर पहचना और इलाज कराना कितना जरूरी है. उनके अनुसार,  मेनिनजाइटिस के समय पर पहचान और तुरंत इलाज से जान बचाई जा सकती है, जबकि देरी जानलेवा साबित हो सकती है.

इसे भी पढ़ें: कैंसर से मौत का खतरा हो जाएगा एकदम कम, इस विटामिन की डोज करती है मदद

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow