सावधान! गर्भनिरोधक गोली से महिलाओं में 3 गुना तक बढ़ सकता है ये खतरा, स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा
Women Health Tips: एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियों विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन वाले कॉम्बिनेशन पिल्स का इस्तेमाल करने वाली युवा महिलाओं में क्रिप्टोजेनिक स्ट्रोक का खतरा तीन गुना अधिक हो सकता है. क्रिप्टोजेनिक स्ट्रोक वह होता है, जिसका कोई स्पष्ट कारण नहीं होता और यह युवा वयस्कों में 40% तक इस्केमिक स्ट्रोक के मामलों का कारण बनता है. स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती हैं गर्भनिरोधक गोलियां इस बढ़ते स्वास्थ्य खतरे के बावजूद, गर्भनिरोधक दवाओं से जुड़े स्ट्रोक के जोखिमों पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है. यह स्टडी इस्तांबुल विश्वविद्यालय की डॉक्टर माइन सेजगिन और उनकी टीम ने की है. उन्होंने कहा कि यह रिसर्च यह दिखाता है कि गर्भनिरोधक गोलियां स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती हैं, और यह खतरा तब भी बना रहता है जब बाकी जोखिमों को भी ध्यान में रखा जाए. इससे यह लगता है कि इसमें जेनेटिक (वंशानुगत) या बॉडी के अंदर के कुछ और कारण हो सकते हैं. रिसर्च में 268 महिलाएं हुईं शामिल इस रिसर्च में 18 से 49 साल की 268 महिलाओं को शामिल किया गया, जिन्हें क्रिप्टोजेनिक स्ट्रोक हुआ था. इन्हें 268 ऐसी महिलाओं से तुलना की गई जिन्हें कभी स्ट्रोक नहीं हुआ था. ये रिसर्च यूरोप के 14 मेडिकल सेंटर्स में की गई. डॉक्टरों का कहना है कि जो महिलाएं पहले से ही दिल या नसों से जुड़ी किसी बीमारी की मरीज हैं या जिनका स्ट्रोक का इतिहास है, उन्हें गर्भनिरोधक गोलियां लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए. डॉक्टरों ने क्या सलाह दी? डॉ. सेजगिन ने कहा कि यह रिसर्च डॉक्टरों और महिलाओं—दोनों को—गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल को लेकर सोच-समझकर फैसला लेने के लिए प्रेरित करेगी, खासकर तब जब महिला को पहले से कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो. शोधकर्ता अब आगे यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि हार्मोन वाली गर्भनिरोधक गोलियां स्ट्रोक का खतरा क्यों बढ़ाती हैं, ताकि इसके पीछे के शरीर के अंदर के और वंशानुगत (जेनेटिक) कारणों को बेहतर तरीके से समझा जा सके. यह रिपोर्ट हाल ही में फिनलैंड के हेलसिंकी शहर में हुए यूरोपियन स्ट्रोक संगठन सम्मेलन 2025 में पेश किया गया. यह भी पढ़ें- बिना डाई के सफेद बालों को घर पर करें काला, बस अपनाने होंगे ये 6 तरीके

Women Health Tips: एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियों विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन वाले कॉम्बिनेशन पिल्स का इस्तेमाल करने वाली युवा महिलाओं में क्रिप्टोजेनिक स्ट्रोक का खतरा तीन गुना अधिक हो सकता है. क्रिप्टोजेनिक स्ट्रोक वह होता है, जिसका कोई स्पष्ट कारण नहीं होता और यह युवा वयस्कों में 40% तक इस्केमिक स्ट्रोक के मामलों का कारण बनता है.
स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती हैं गर्भनिरोधक गोलियां
इस बढ़ते स्वास्थ्य खतरे के बावजूद, गर्भनिरोधक दवाओं से जुड़े स्ट्रोक के जोखिमों पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है. यह स्टडी इस्तांबुल विश्वविद्यालय की डॉक्टर माइन सेजगिन और उनकी टीम ने की है. उन्होंने कहा कि यह रिसर्च यह दिखाता है कि गर्भनिरोधक गोलियां स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती हैं, और यह खतरा तब भी बना रहता है जब बाकी जोखिमों को भी ध्यान में रखा जाए. इससे यह लगता है कि इसमें जेनेटिक (वंशानुगत) या बॉडी के अंदर के कुछ और कारण हो सकते हैं.
रिसर्च में 268 महिलाएं हुईं शामिल
इस रिसर्च में 18 से 49 साल की 268 महिलाओं को शामिल किया गया, जिन्हें क्रिप्टोजेनिक स्ट्रोक हुआ था. इन्हें 268 ऐसी महिलाओं से तुलना की गई जिन्हें कभी स्ट्रोक नहीं हुआ था. ये रिसर्च यूरोप के 14 मेडिकल सेंटर्स में की गई. डॉक्टरों का कहना है कि जो महिलाएं पहले से ही दिल या नसों से जुड़ी किसी बीमारी की मरीज हैं या जिनका स्ट्रोक का इतिहास है, उन्हें गर्भनिरोधक गोलियां लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.
डॉक्टरों ने क्या सलाह दी?
डॉ. सेजगिन ने कहा कि यह रिसर्च डॉक्टरों और महिलाओं—दोनों को—गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल को लेकर सोच-समझकर फैसला लेने के लिए प्रेरित करेगी, खासकर तब जब महिला को पहले से कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो. शोधकर्ता अब आगे यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि हार्मोन वाली गर्भनिरोधक गोलियां स्ट्रोक का खतरा क्यों बढ़ाती हैं, ताकि इसके पीछे के शरीर के अंदर के और वंशानुगत (जेनेटिक) कारणों को बेहतर तरीके से समझा जा सके. यह रिपोर्ट हाल ही में फिनलैंड के हेलसिंकी शहर में हुए यूरोपियन स्ट्रोक संगठन सम्मेलन 2025 में पेश किया गया.
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बिना डाई के सफेद बालों को घर पर करें काला, बस अपनाने होंगे ये 6 तरीके
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