'मर चुके पायलट को दोषी ठहराना...', एयर इंडिया प्लेन क्रैश की जांच रिपोर्ट पर प्रियंका चतुर्वेदी ने उठाए सवाल
Priyanka Chaturvedi on Air India Plane Crash: शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने नागरिक उड्डयन मंत्री किन्नजारपु राममोहन नायडू को पत्र लिखकर एयर इंडिया फ्लाइट AI171 की दुर्घटना पर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी अंतरिम रिपोर्ट पर गंभीर आपत्ति जताई है. उन्होंने सवाल उठाया कि यह रिपोर्ट भारत में आधिकारिक तौर पर जारी होने से पहले अंतरराष्ट्रीय मीडिया, विशेषकर द वॉल स्ट्रीट जर्नल तक कैसे पहुंची. मृत पायलट को दोषी ठहराना गलत: चतुर्वेदी़प्रियंका ने कहा, "मुझे बिल्कुल आश्चर्य नहीं हुआ कि रिपोर्ट में उस पायलट को पूरी तरह दोषी ठहरा दिया गया है जो इस हादसे में जान गंवा चुका है और अब अपना पक्ष नहीं रख सकता." उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तीनों बड़ी कंपनियों को क्लीन चिट दी गई है, जबकि वे यात्रियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थीं. रिपोर्ट लीक की जांच और पारदर्शिता की मांगचतुर्वेदी ने पत्र में यह मांग की कि रिपोर्ट लीक की औपचारिक जांच हो, रिपोर्ट के लेखक की पहचान सार्वजनिक की जाए और जांच पैनल के सभी सदस्यों के नाम और हस्ताक्षर रिपोर्ट में दर्शाए जाएं. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट को "चुपचाप" देर रात जारी किया गया, कोई प्रेस ब्रीफिंग नहीं हुई और न ही निष्कर्षों में पारदर्शिता थी. पायलट संगठनों की आपत्ति भी दर्जउन्होंने बताया कि पायलट संगठनों ने भी जांच प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि जांच टीम में कोई अनुभवी एविएटर शामिल नहीं था. पायलटों के संगठनों ने स्वेच्छा से तकनीकी पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होने की पेशकश की थी ताकि निष्पक्षता और तकनीकी सटीकता बनी रह सके. मीडिया लीक से पायलट की छवि धूमिल करने का आरोपप्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि रिपोर्ट के चुनिंदा अंशों को लीक करके दिवंगत पायलट की छवि को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जो "निंदनीय" है. उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से मांग की कि AAIB जैसी एजेंसियों की रिपोर्टों के मीडिया कवरेज के लिए स्पष्ट गाइडलाइन बनाई जाए. ‘नैरेटिव’ के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरतचतुर्वेदी ने लिखा, "AI171 क्रैश और उसकी रिपोर्ट को लेकर जो नैरेटिव बनाया जा रहा है, उसमें मूकदर्शक नहीं बना जा सकता. यह जनता की सुरक्षा, पायलट मनोबल और भारत की वैश्विक विमानन छवि के लिए गंभीर चिंता का विषय है." AAIB रिपोर्ट में क्या था उल्लेखशनिवार को AAIB द्वारा जारी 15 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच उड़ान के कुछ सेकंड में 'रन' से 'कटऑफ' में चले गए. इससे विमान ने तेजी से ऊंचाई खोई और एक इमारत से टकरा गया, जिससे 260 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 241 यात्री शामिल थे. कॉकपिट रिकॉर्डिंग से मिले संकेत, तकनीकी खराबी नहींरिपोर्ट में पायलटों की पहचान नहीं की गई, लेकिन कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है कि उसने ईंधन क्यों काटा, जबकि दूसरा इससे इनकार करता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि विमान में कोई तकनीकी खराबी नहीं पाई गई, जिससे पायलट त्रुटि को संभावित कारण माना गया. पायलट्स एसोसिएशन ने भी जताई असहमतिएयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने AAIB की रिपोर्ट को लेकर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि यह जांच "गोपनीयता में डूबी" हुई है और पायलट के खिलाफ पक्षपातपूर्ण है. रिपोर्ट को जल्दबाज़ी में तैयार किया गया है और निष्कर्ष पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं.

Priyanka Chaturvedi on Air India Plane Crash: शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने नागरिक उड्डयन मंत्री किन्नजारपु राममोहन नायडू को पत्र लिखकर एयर इंडिया फ्लाइट AI171 की दुर्घटना पर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी अंतरिम रिपोर्ट पर गंभीर आपत्ति जताई है. उन्होंने सवाल उठाया कि यह रिपोर्ट भारत में आधिकारिक तौर पर जारी होने से पहले अंतरराष्ट्रीय मीडिया, विशेषकर द वॉल स्ट्रीट जर्नल तक कैसे पहुंची.
मृत पायलट को दोषी ठहराना गलत: चतुर्वेदी़
प्रियंका ने कहा, "मुझे बिल्कुल आश्चर्य नहीं हुआ कि रिपोर्ट में उस पायलट को पूरी तरह दोषी ठहरा दिया गया है जो इस हादसे में जान गंवा चुका है और अब अपना पक्ष नहीं रख सकता." उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तीनों बड़ी कंपनियों को क्लीन चिट दी गई है, जबकि वे यात्रियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थीं.
रिपोर्ट लीक की जांच और पारदर्शिता की मांग
चतुर्वेदी ने पत्र में यह मांग की कि रिपोर्ट लीक की औपचारिक जांच हो, रिपोर्ट के लेखक की पहचान सार्वजनिक की जाए और जांच पैनल के सभी सदस्यों के नाम और हस्ताक्षर रिपोर्ट में दर्शाए जाएं. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट को "चुपचाप" देर रात जारी किया गया, कोई प्रेस ब्रीफिंग नहीं हुई और न ही निष्कर्षों में पारदर्शिता थी.
पायलट संगठनों की आपत्ति भी दर्ज
उन्होंने बताया कि पायलट संगठनों ने भी जांच प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि जांच टीम में कोई अनुभवी एविएटर शामिल नहीं था. पायलटों के संगठनों ने स्वेच्छा से तकनीकी पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होने की पेशकश की थी ताकि निष्पक्षता और तकनीकी सटीकता बनी रह सके.
मीडिया लीक से पायलट की छवि धूमिल करने का आरोप
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि रिपोर्ट के चुनिंदा अंशों को लीक करके दिवंगत पायलट की छवि को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जो "निंदनीय" है. उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से मांग की कि AAIB जैसी एजेंसियों की रिपोर्टों के मीडिया कवरेज के लिए स्पष्ट गाइडलाइन बनाई जाए.
‘नैरेटिव’ के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत
चतुर्वेदी ने लिखा, "AI171 क्रैश और उसकी रिपोर्ट को लेकर जो नैरेटिव बनाया जा रहा है, उसमें मूकदर्शक नहीं बना जा सकता. यह जनता की सुरक्षा, पायलट मनोबल और भारत की वैश्विक विमानन छवि के लिए गंभीर चिंता का विषय है."
AAIB रिपोर्ट में क्या था उल्लेख
शनिवार को AAIB द्वारा जारी 15 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच उड़ान के कुछ सेकंड में 'रन' से 'कटऑफ' में चले गए. इससे विमान ने तेजी से ऊंचाई खोई और एक इमारत से टकरा गया, जिससे 260 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 241 यात्री शामिल थे.
कॉकपिट रिकॉर्डिंग से मिले संकेत, तकनीकी खराबी नहीं
रिपोर्ट में पायलटों की पहचान नहीं की गई, लेकिन कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है कि उसने ईंधन क्यों काटा, जबकि दूसरा इससे इनकार करता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि विमान में कोई तकनीकी खराबी नहीं पाई गई, जिससे पायलट त्रुटि को संभावित कारण माना गया.
पायलट्स एसोसिएशन ने भी जताई असहमति
एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने AAIB की रिपोर्ट को लेकर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि यह जांच "गोपनीयता में डूबी" हुई है और पायलट के खिलाफ पक्षपातपूर्ण है. रिपोर्ट को जल्दबाज़ी में तैयार किया गया है और निष्कर्ष पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं.
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