Shashi Tharoor: 'ट्रंप का सौदेबाजी का अंदाज अलग, भारत को...', शशि थरूर ने बताया कैसे हल होगा टैरिफ विवाद
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार (8 अगस्त 2025) को कहा कि उन्हें उम्मीद है भारत और अमेरिका टैरिफ विवाद को बातचीत के जरिए सुलझा लेंगे. यह बयान उस समय आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के चलते भारत पर दंड स्वरूप सबसे अधिक आयात टैरिफ लगाने की घोषणा की है. थरूर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से घनिष्ठ रिश्ते रहे हैं और दोनों रणनीतिक साझेदार के रूप में काम करते रहे हैं, लेकिन अगर अमेरिका का रवैया बदलता है तो भारत को अपनी नीतियों में बदलाव पर विचार करना होगा. थरूर का सीधा संदेश- भारत को भी विकल्प अपनाने होंगेसंसद के बाहर मीडिया से बातचीत में थरूर ने कहा कि एक ऐसा देश, जिसके साथ हमारे घनिष्ठ संबंध थे और हम रणनीतिक साझेदार के रूप में काम कर रहे थे अगर उस देश ने अपना व्यवहार बदल दिया है तो भारत को कई बातों पर विचार करना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि संभव है ट्रंप का यह कदम एक बातचीत की रणनीति हो, क्योंकि ट्रंप का सौदेबाजी का अंदाज अलग है. थरूर को उम्मीद है कि आने वाले 2-3 हफ्तों में बातचीत के जरिए कोई रास्ता निकाला जा सकता है. टैरिफ बढ़ाने की सलाहगुरुवार को थरूर ने सुझाव दिया था कि अगर अमेरिका भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाता है तो भारत को भी अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ 50 प्रतिशत तक बढ़ा देना चाहिए. यह बयान भारत की पारस्परिक प्रतिक्रिया नीति की ओर इशारा करता है, जिससे अमेरिका पर दबाव बनाया जा सके. ट्रंप का कदम और कारणअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से आयातित सामान पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की. इसके पीछे उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति संबंधी चिंताओं का हवाला दिया. यह कदम रूस से तेल खरीद के मुद्दे पर अमेरिका की नाराज़गी को दर्शाता है, जो मौजूदा वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल में संवेदनशील विषय बन चुका है. ये भी पढ़ें: बिहार चुनाव से पहले EC का बड़ा फैसला, मतदान अधिकारियों, मतगणना कर्मियों का मानदेय बढ़ाया

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार (8 अगस्त 2025) को कहा कि उन्हें उम्मीद है भारत और अमेरिका टैरिफ विवाद को बातचीत के जरिए सुलझा लेंगे. यह बयान उस समय आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के चलते भारत पर दंड स्वरूप सबसे अधिक आयात टैरिफ लगाने की घोषणा की है.
थरूर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से घनिष्ठ रिश्ते रहे हैं और दोनों रणनीतिक साझेदार के रूप में काम करते रहे हैं, लेकिन अगर अमेरिका का रवैया बदलता है तो भारत को अपनी नीतियों में बदलाव पर विचार करना होगा.
थरूर का सीधा संदेश- भारत को भी विकल्प अपनाने होंगे
संसद के बाहर मीडिया से बातचीत में थरूर ने कहा कि एक ऐसा देश, जिसके साथ हमारे घनिष्ठ संबंध थे और हम रणनीतिक साझेदार के रूप में काम कर रहे थे अगर उस देश ने अपना व्यवहार बदल दिया है तो भारत को कई बातों पर विचार करना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि संभव है ट्रंप का यह कदम एक बातचीत की रणनीति हो, क्योंकि ट्रंप का सौदेबाजी का अंदाज अलग है. थरूर को उम्मीद है कि आने वाले 2-3 हफ्तों में बातचीत के जरिए कोई रास्ता निकाला जा सकता है.
टैरिफ बढ़ाने की सलाह
गुरुवार को थरूर ने सुझाव दिया था कि अगर अमेरिका भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाता है तो भारत को भी अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ 50 प्रतिशत तक बढ़ा देना चाहिए. यह बयान भारत की पारस्परिक प्रतिक्रिया नीति की ओर इशारा करता है, जिससे अमेरिका पर दबाव बनाया जा सके.
ट्रंप का कदम और कारण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से आयातित सामान पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की. इसके पीछे उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति संबंधी चिंताओं का हवाला दिया. यह कदम रूस से तेल खरीद के मुद्दे पर अमेरिका की नाराज़गी को दर्शाता है, जो मौजूदा वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल में संवेदनशील विषय बन चुका है.
ये भी पढ़ें: बिहार चुनाव से पहले EC का बड़ा फैसला, मतदान अधिकारियों, मतगणना कर्मियों का मानदेय बढ़ाया
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