OMG इतनी ज्यादा गिरावट! भारत के जवाब देने से पहले ही पाताल में घुस गया पाकिस्तान का स्टॉक एक्सचेंज
India vs Pakistan Economy: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है. भारत ने इस मद्देनजर कई सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, पाकिस्तान ने भी भारत के साथ कारोबार नहीं करने का ऐलान किया है. दोनों देशों की इकोनॉमी में काफी अंतर दोनों देशों में इतना बड़ा इकोनॉमिक गैप पहले कभी नहीं रहा. सालों पहले तक, कुछ इकोनॉमिक एरिया ऐसे रहे हैं जिनमें पाकिस्तान भारत से आगे रहा है, जबकि आज पाकिस्तान कई प्रमुख इकोनॉमिक इंडिकेटर्स में भारत से पीछे है. चाहे बात जीडीपी ग्रोथ की हो या प्रति व्यक्ति आय या फिर महंगाई पर काबू पाना हो या रोजगार पैदा करने तक, भारत लगातार सुधारों और मजबूत आर्थिक प्रदर्शन के साथ आगे बढ़ा है, जबकि पाकिस्तान ठहराव और अस्थिरता से जूझ रहा है. एक तरफ दोनों देशों के बीच अपने प्रभाव का विस्तार करने की होड़ लगी है, लेकिन इनमें से केवल भारत ही है, जो निरंतर आर्थिक रूप से आगे बढ़ता जा रहा है और वैश्विक मंच पर अपना अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहा है. पाकिस्तान से कहीं आगे निकला भारत IMF की डेटा के मुताबिक, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के मामले में भारत ने पिछले कुछ दशकों में मजबूत आर्थिक प्रगति की है. साल 2000 में पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 733 डॉलर थी, जो भारत के 442 डॉलर के मुकाबले कहीं ज्यादा थी. इससे पता चलता है कि उस दौरान पाकिस्तान का प्रति व्यक्ति औसत आर्थिक उत्पादन भारत के मुकाबले अधिक मजबूत था. हालांकि, हाल के सालों में यह नतीजा उलट गया और प्रति व्यक्ति औसत आर्थिक उत्पादन में भारत तेजी से आगे बढ़ गया. 2014 में 1560 डॉलर से भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2024 तक बढ़कर 2,711 डॉलर हो गई, जो पिछले 10 सालों में 74 परसेंट की ग्रोथ को दर्शाता है. जबकि इस दौरान पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2014 में 1424 डॉलर से शुरू होकर 2024 तक सिर्फ 1,581 डॉलर तक ही बढ़ पाता है. यानी कि दस सालों में इसमें सिर्फ 11 परसेंट तक की ही बढ़ोतरी हुई है. दोनों देशों की जीडीपी में भी बड़ा गैप इसी तरह से 2000 में भारत की जीडीपी 468 बिलियन डॉलर थी, जिसका ग्लोबल जीडीपी में कंट्रीब्यूशन 1.37 परसेंट का था. वहीं, 2000 में पाकिस्तान की जीडीपी 99 बिलियन डॉलर थी. वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में उसका हिस्सा 2000 में 0.29 परसेंट रहा. 2014 से 2024 तक इन दस सालों में भारत का आर्थिक विकास तेजी के साथ हुआ है. भारत का सकल घरेलू उत्पाद 2014 में 2,039 बिलियन डॉलर से लगभग दोगुना होकर 2024 में 3,909 बिलियन डॉलर हो गया, जो 92 परसेंट का ग्रोथ दिखाता है. इसी तरह से ग्लोबल जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 2.55 परसेंट से बढ़कर 3.54 परसेंट हो गई, जो विश्व अर्थव्यवस्था में एक मजबूत भूमिका का संकेत है. जबकि इस दौरान पाकिस्तान की जीडीपी 271 बिलियन डॉलर से सिर्फ 373 बिलियन डॉलर तक ही पहुंच पाई. यह 37 परसेंट की ग्रोथ को दर्शाता है. ग्लोबल जीडीपी में इस हिस्सेदारी 0.34 परसेंट पर ही बरकरार रही. 2015 से 2025 के बीच भारत का एनुअल जीडीपी ग्रोथ रेट औसतन 6.8 परसेंट रहा. 2020 में कोरोना महामारी के बावजूद 2021 में 9.7 परसेंट और 2023 में 9.2 परसेंट की ग्रोथ रेट के साथ भारत ने अपनी जोरदार वापसी की. जबकि इस दौरान पाकिस्तान का जीडीपी ग्रोथ रेट महज 3.43 परसेंट ही रहा. रोजगार के मामले में भी भारत आगे रोजगार के एंगल से देखे तो भारत में 2018 में बेरोजगारी दर 8.9 परसेंट थी, जो कि अपेक्षाकृत ज्यादा है. 2025 तक अनुमानित इसमें 4.9 परसेंट तक की लगातार गिरावट आई है. इससे पता पलता है कि यहां के जॉब मार्केट में निरंतर सुधार हुआ है. वहीं, पाकिस्तान में बेरोजगारी दर 2018 में 5.8 परसेंट से और भी ज्यादा बढ़कर 2025 में 8 परसेंट तक पहुंच गई. 2015 में 4.9 परसेंट और 2024 में 4.7 परसेंट की रेट के साथ भारत में महंगाई काबू में रही. वहीं, पाकिस्तान में महंगाई में उछाल देखने को मिला है. 2015 में यह 4.5 परसेंट से लेकर 2024 में 23.4 परसेंट तक बढ़ गई, जो पाकिस्तान में आर्थिक तनाव और अस्थिरता के माहौल का संकेत है. ये भी पढ़ें: Waves Summit के मंच से बड़ा ऐलान, Youtube करने जा रहा भारत में 850 करोड़ का इंवेस्टमेंट; क्रिएटर्स को दिए 21000 करोड़

India vs Pakistan Economy: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है. भारत ने इस मद्देनजर कई सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, पाकिस्तान ने भी भारत के साथ कारोबार नहीं करने का ऐलान किया है.
दोनों देशों की इकोनॉमी में काफी अंतर
दोनों देशों में इतना बड़ा इकोनॉमिक गैप पहले कभी नहीं रहा. सालों पहले तक, कुछ इकोनॉमिक एरिया ऐसे रहे हैं जिनमें पाकिस्तान भारत से आगे रहा है, जबकि आज पाकिस्तान कई प्रमुख इकोनॉमिक इंडिकेटर्स में भारत से पीछे है.
चाहे बात जीडीपी ग्रोथ की हो या प्रति व्यक्ति आय या फिर महंगाई पर काबू पाना हो या रोजगार पैदा करने तक, भारत लगातार सुधारों और मजबूत आर्थिक प्रदर्शन के साथ आगे बढ़ा है, जबकि पाकिस्तान ठहराव और अस्थिरता से जूझ रहा है. एक तरफ दोनों देशों के बीच अपने प्रभाव का विस्तार करने की होड़ लगी है, लेकिन इनमें से केवल भारत ही है, जो निरंतर आर्थिक रूप से आगे बढ़ता जा रहा है और वैश्विक मंच पर अपना अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहा है.
पाकिस्तान से कहीं आगे निकला भारत
IMF की डेटा के मुताबिक, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के मामले में भारत ने पिछले कुछ दशकों में मजबूत आर्थिक प्रगति की है. साल 2000 में पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 733 डॉलर थी, जो भारत के 442 डॉलर के मुकाबले कहीं ज्यादा थी. इससे पता चलता है कि उस दौरान पाकिस्तान का प्रति व्यक्ति औसत आर्थिक उत्पादन भारत के मुकाबले अधिक मजबूत था.
हालांकि, हाल के सालों में यह नतीजा उलट गया और प्रति व्यक्ति औसत आर्थिक उत्पादन में भारत तेजी से आगे बढ़ गया. 2014 में 1560 डॉलर से भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2024 तक बढ़कर 2,711 डॉलर हो गई, जो पिछले 10 सालों में 74 परसेंट की ग्रोथ को दर्शाता है.
जबकि इस दौरान पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2014 में 1424 डॉलर से शुरू होकर 2024 तक सिर्फ 1,581 डॉलर तक ही बढ़ पाता है. यानी कि दस सालों में इसमें सिर्फ 11 परसेंट तक की ही बढ़ोतरी हुई है.
दोनों देशों की जीडीपी में भी बड़ा गैप
इसी तरह से 2000 में भारत की जीडीपी 468 बिलियन डॉलर थी, जिसका ग्लोबल जीडीपी में कंट्रीब्यूशन 1.37 परसेंट का था. वहीं, 2000 में पाकिस्तान की जीडीपी 99 बिलियन डॉलर थी. वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में उसका हिस्सा 2000 में 0.29 परसेंट रहा. 2014 से 2024 तक इन दस सालों में भारत का आर्थिक विकास तेजी के साथ हुआ है.
भारत का सकल घरेलू उत्पाद 2014 में 2,039 बिलियन डॉलर से लगभग दोगुना होकर 2024 में 3,909 बिलियन डॉलर हो गया, जो 92 परसेंट का ग्रोथ दिखाता है. इसी तरह से ग्लोबल जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 2.55 परसेंट से बढ़कर 3.54 परसेंट हो गई, जो विश्व अर्थव्यवस्था में एक मजबूत भूमिका का संकेत है.
जबकि इस दौरान पाकिस्तान की जीडीपी 271 बिलियन डॉलर से सिर्फ 373 बिलियन डॉलर तक ही पहुंच पाई. यह 37 परसेंट की ग्रोथ को दर्शाता है. ग्लोबल जीडीपी में इस हिस्सेदारी 0.34 परसेंट पर ही बरकरार रही. 2015 से 2025 के बीच भारत का एनुअल जीडीपी ग्रोथ रेट औसतन 6.8 परसेंट रहा.
2020 में कोरोना महामारी के बावजूद 2021 में 9.7 परसेंट और 2023 में 9.2 परसेंट की ग्रोथ रेट के साथ भारत ने अपनी जोरदार वापसी की. जबकि इस दौरान पाकिस्तान का जीडीपी ग्रोथ रेट महज 3.43 परसेंट ही रहा.
रोजगार के मामले में भी भारत आगे
रोजगार के एंगल से देखे तो भारत में 2018 में बेरोजगारी दर 8.9 परसेंट थी, जो कि अपेक्षाकृत ज्यादा है. 2025 तक अनुमानित इसमें 4.9 परसेंट तक की लगातार गिरावट आई है. इससे पता पलता है कि यहां के जॉब मार्केट में निरंतर सुधार हुआ है. वहीं, पाकिस्तान में बेरोजगारी दर 2018 में 5.8 परसेंट से और भी ज्यादा बढ़कर 2025 में 8 परसेंट तक पहुंच गई.
2015 में 4.9 परसेंट और 2024 में 4.7 परसेंट की रेट के साथ भारत में महंगाई काबू में रही. वहीं, पाकिस्तान में महंगाई में उछाल देखने को मिला है. 2015 में यह 4.5 परसेंट से लेकर 2024 में 23.4 परसेंट तक बढ़ गई, जो पाकिस्तान में आर्थिक तनाव और अस्थिरता के माहौल का संकेत है.
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