राहुल द्रविड़ को आज भी चुभती हैं टीम इंडिया की वो 2 हार, बदलना चाहते हैं मैच का रिजल्ट
Rahul Dravid Two Big Defeats of Team India: भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी राहुल द्रविड़ ने टीम इंडिया को बतौर क्रिकेटर कई मैच जिताए हैं. वहीं द्रविड़ भारतीय टीम के हेड कोच भी रह चुके हैं, तब टीम इंडिया ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीता. लेकिन राहुल द्रविड़ के मन में आज भी कुछ कसक रह गई है, जिस वजह से उन्हें टीम इंडिया दो हार आज भी चुभ रही हैं. ये वो पल हैं, जब टीम इंडिया जीत की दहलीज पर खड़ी थी और मैच जीतने से चूक गई थी. इनमें से एक 1997 में बारबाडोस में मिली हार है. वहीं दूसरी 2003 में खेला गया वर्ल्ड कप फाइनल. बारबाडोस टेस्ट में मिली हार राहुल द्रविड़ ने रविचंद्रन अश्विन के यूट्यूब चैनल पर 1997 में वेस्टइंडीज के खिलाफ हुई सीरीज का जिक्र किया. उस समय भारत और कैरेबियाई टीम के बीच तीसरा टेस्ट बारबाडोस में खेला गया. इस मैच की दूसरी पारी में टीम इंडिया के सामने 120 रनों का लक्ष्य था, लेकिन भारतीय टीम 80 रन के स्कोर पर ऑल आउट हो गई. राहुल द्रविड़ ने कहा कि पिच काफी मुश्किल थी, लेकिन आखिरी विकेट अगर 50 से 60 रन जोड़ देते, तब हम वो मैच जीत सकते थे. इसके साथ ही सीरीज भी 1-0 से भारत के नाम होती. राहुल द्रविड़ ने बताया कि उस पूरी सीरीज में काफी बारिश हुई थी और केवल एक ही मैच का फैसला आया. द्रविड़ ने कहा कि अगर मुझे मौका मिले तो मैं उस मैच का रिजल्ट बदलना चाहूंगा. भारत ने हारा World Cup Final राहुल द्रविड़ को एक और हार जो आज भी चुभ रही है, वो है वर्ल्ड कप फाइनल 2003. द्रविड़ ने कहा कि हमने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का सही फैसला लिया था, क्योंकि ओवरकास्ट कंडीशन थी. लेकिन विपक्षी टीम का प्रदर्शन शानदार रहा और ऑस्ट्रेलिया ने वो फाइनल मुकाबला 125 रनों से जीत लिया. भारत सौरव गांगुली की कप्तानी में ये वर्ल्ड कप जीतने से चूक गया था. यह भी पढ़ें Asia Cup T20 Most Hundreds: एशिया कप टी20 के इतिहास में लगे हैं सिर्फ दो शतक, जानिए किन दो खिलाड़ियों ने किया है ये कारनामा

Rahul Dravid Two Big Defeats of Team India: भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी राहुल द्रविड़ ने टीम इंडिया को बतौर क्रिकेटर कई मैच जिताए हैं. वहीं द्रविड़ भारतीय टीम के हेड कोच भी रह चुके हैं, तब टीम इंडिया ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीता. लेकिन राहुल द्रविड़ के मन में आज भी कुछ कसक रह गई है, जिस वजह से उन्हें टीम इंडिया दो हार आज भी चुभ रही हैं. ये वो पल हैं, जब टीम इंडिया जीत की दहलीज पर खड़ी थी और मैच जीतने से चूक गई थी. इनमें से एक 1997 में बारबाडोस में मिली हार है. वहीं दूसरी 2003 में खेला गया वर्ल्ड कप फाइनल.
बारबाडोस टेस्ट में मिली हार
राहुल द्रविड़ ने रविचंद्रन अश्विन के यूट्यूब चैनल पर 1997 में वेस्टइंडीज के खिलाफ हुई सीरीज का जिक्र किया. उस समय भारत और कैरेबियाई टीम के बीच तीसरा टेस्ट बारबाडोस में खेला गया. इस मैच की दूसरी पारी में टीम इंडिया के सामने 120 रनों का लक्ष्य था, लेकिन भारतीय टीम 80 रन के स्कोर पर ऑल आउट हो गई.
राहुल द्रविड़ ने कहा कि पिच काफी मुश्किल थी, लेकिन आखिरी विकेट अगर 50 से 60 रन जोड़ देते, तब हम वो मैच जीत सकते थे. इसके साथ ही सीरीज भी 1-0 से भारत के नाम होती. राहुल द्रविड़ ने बताया कि उस पूरी सीरीज में काफी बारिश हुई थी और केवल एक ही मैच का फैसला आया. द्रविड़ ने कहा कि अगर मुझे मौका मिले तो मैं उस मैच का रिजल्ट बदलना चाहूंगा.
भारत ने हारा World Cup Final
राहुल द्रविड़ को एक और हार जो आज भी चुभ रही है, वो है वर्ल्ड कप फाइनल 2003. द्रविड़ ने कहा कि हमने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का सही फैसला लिया था, क्योंकि ओवरकास्ट कंडीशन थी. लेकिन विपक्षी टीम का प्रदर्शन शानदार रहा और ऑस्ट्रेलिया ने वो फाइनल मुकाबला 125 रनों से जीत लिया. भारत सौरव गांगुली की कप्तानी में ये वर्ल्ड कप जीतने से चूक गया था.
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