'हिंसा का समर्थन नहीं करती, लेकिन...', MNS कार्यकर्ताओं की हिंदी बोलने वालों के साथ मारपीट पर क्या बोलीं प्रियंका चतुर्वेदी?
Priyanka Chaturvedi on Marathi-Hindi Row: राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं की ओर से गैर-मराठी भाषी लोगों पर किए गए हालिया हमलों को लेकर काफी बवाल मचा है. इसमें मुंबई के एक राजस्थानी मूल के दुकानदार पर हमला भी शामिल है. इन हमलों को लेकर लोगों के गुस्से पर शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार (8 जुलाई) को प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि इस हिंसा की निंदा की जानी चाहिए, लेकिन इससे विपक्ष की ओर से हिंदी थोपने के खिलाफ किए जा रहे विरोध का मुद्दा भी नहीं भुलाया जाना चाहिए. प्रियंका चतुर्वेदी ने एनडीटीवी से कहा कि वह हिंसा का समर्थन नहीं करतीं, लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि अब तक विपक्ष की इस बात को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है कि जिसमें हमारा कहना है कि पहली कक्षा के छात्रों पर तीसरी भाषा थोपना अनुचित है. उन्होंने कहा, "इस समस्या की शुरुआत MNS ने नहीं की है, बल्कि यह महाराष्ट्र सरकार की ओर से पहली कक्षा के छात्रों के लिए एक भाषा को अनिवार्य बनाने के आदेश से उपजी है." उन्होंने आगे कहा, "हमने देखा है कि इस पूरे मामले पर बिना किसी संदर्भ के एकतरफा नैरेटिव सामने आया है. मैं शुरुआत MNS से करना चाहूंगी कि मैं पूरी तरह से सहमत नहीं हूं जो कुछ भी (मुंबई के उस दुकानदार पर हुए हमला) हुआ.” भाषा विवाद को लेकर ठाणे में भी ऐसा मामला सामने आया. एक वायरल वीडियो में शिवसेना (UBT) के सांसद राजन विचारे के कार्यालय में एक दुकान के कर्मचारियों को थप्पड़ मारते हुए भी देखा गया. इस पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "इस तरह की हिंसा के लिए कानून-व्यवस्था की प्रक्रिया मौजूद है." क्या है हिंदी-मराठी भाषा विवाद? दरअसल, इस वक्त देश के कई हिस्सों में क्षेत्रीय भाषाओं को लेकर विवाद जारी है. महाराष्ट्र में गैर-मराठी भाषी लोगों पर राज्य में काम करने के लिए मराठी सीखने का दबाव बनाया जा रहा है. वहीं, कई इस कड़ी में महाराष्ट्र सरकार की ओर से पहली कक्षा के छात्रों के लिए एक भाषा (हिंदी) को अनिवार्य बनाने के आदेश दिया गया. इसके बाद से राज्य में भाषा को लेकर विवाद और ज्यादा बढ़ गया. यह भी पढ़ेंः Bharat Bandh: भारत बंद का कहां कितना होगा असर? जानें स्कूल-कॉलेज और बैंक-बाजार समेत क्या-क्या नहीं खुलेंगे

Priyanka Chaturvedi on Marathi-Hindi Row: राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं की ओर से गैर-मराठी भाषी लोगों पर किए गए हालिया हमलों को लेकर काफी बवाल मचा है. इसमें मुंबई के एक राजस्थानी मूल के दुकानदार पर हमला भी शामिल है. इन हमलों को लेकर लोगों के गुस्से पर शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार (8 जुलाई) को प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि इस हिंसा की निंदा की जानी चाहिए, लेकिन इससे विपक्ष की ओर से हिंदी थोपने के खिलाफ किए जा रहे विरोध का मुद्दा भी नहीं भुलाया जाना चाहिए.
प्रियंका चतुर्वेदी ने एनडीटीवी से कहा कि वह हिंसा का समर्थन नहीं करतीं, लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि अब तक विपक्ष की इस बात को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है कि जिसमें हमारा कहना है कि पहली कक्षा के छात्रों पर तीसरी भाषा थोपना अनुचित है. उन्होंने कहा, "इस समस्या की शुरुआत MNS ने नहीं की है, बल्कि यह महाराष्ट्र सरकार की ओर से पहली कक्षा के छात्रों के लिए एक भाषा को अनिवार्य बनाने के आदेश से उपजी है."
उन्होंने आगे कहा, "हमने देखा है कि इस पूरे मामले पर बिना किसी संदर्भ के एकतरफा नैरेटिव सामने आया है. मैं शुरुआत MNS से करना चाहूंगी कि मैं पूरी तरह से सहमत नहीं हूं जो कुछ भी (मुंबई के उस दुकानदार पर हुए हमला) हुआ.” भाषा विवाद को लेकर ठाणे में भी ऐसा मामला सामने आया. एक वायरल वीडियो में शिवसेना (UBT) के सांसद राजन विचारे के कार्यालय में एक दुकान के कर्मचारियों को थप्पड़ मारते हुए भी देखा गया. इस पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "इस तरह की हिंसा के लिए कानून-व्यवस्था की प्रक्रिया मौजूद है."
क्या है हिंदी-मराठी भाषा विवाद?
दरअसल, इस वक्त देश के कई हिस्सों में क्षेत्रीय भाषाओं को लेकर विवाद जारी है. महाराष्ट्र में गैर-मराठी भाषी लोगों पर राज्य में काम करने के लिए मराठी सीखने का दबाव बनाया जा रहा है. वहीं, कई इस कड़ी में महाराष्ट्र सरकार की ओर से पहली कक्षा के छात्रों के लिए एक भाषा (हिंदी) को अनिवार्य बनाने के आदेश दिया गया. इसके बाद से राज्य में भाषा को लेकर विवाद और ज्यादा बढ़ गया.
यह भी पढ़ेंः Bharat Bandh: भारत बंद का कहां कितना होगा असर? जानें स्कूल-कॉलेज और बैंक-बाजार समेत क्या-क्या नहीं खुलेंगे
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