भारत-ब्रिटेन की डील से शराबियों की होगी मौज! कपड़े-जूते भी मिलेंगे सस्ते, जानें FTA का आप पर क्या होगा असर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूनाइटेड किंगडम (यूके) यात्रा के दौरान भारत ने गुरुवार (24 जुलाई, 2025) को ब्रिटेन के साथ बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने चेकर्स हाउस में पीएम मोदी का स्वागत किया. इस दौरान भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस डील से दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय की शुरुआत करेंगे. इस समझौते से दोनों देशों में निवेश बढ़ेगा और आम लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे. इस समझौते के तहत देश के लोगों के जेब पर सीधा असर होगा, क्योंकि एफटीए के तहत दवाई, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक से लेकर फैशन के सामान सस्ते हो जाएंगे. हालांकि, इससे कुछ चीजें महंगी भी होंगी. किन-किन चीजों के दाम होंगे सस्ते टेक्सटाइल और कपड़े के व्यापार को होगा फायदा भारत से ब्रिटेन में निर्यात किए जाने वाले कपड़ों और होम टेक्सटाइल उत्पादों पर फिलहाल लगने वाला 8 से 12 प्रतिशत तक का टैरिफ अब खत्म कर दिया जाएगा. इस समझौते से भारत का कपड़ा बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों के मुकाबले ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे. रत्न, आभूषण और चमड़ा उद्योग इस समझौते के बाद से अब सोने और हीरे के आभूषणों जैसे हाई वैल्यू प्रोडक्टस के साथ चमड़े के सामान को ब्रिटेन में ड्यूटी फ्री किया जाएगा और इस पर किसी तरह का कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा. यह कदम भारत के MSME और लग्जरी ब्रांडों को विशेष रूप से फायदा पहुंचाएगा और यूरोप के बाजारों में ब्रिटेन के माध्यम से भारत की उपस्थिति को मजबूत करेगा. इंजीनियरिंग वस्तुएं और ऑटो पार्ट्स भारत में बनने वाली मशीनरी, इंजीनियरिंग टूल्स और ऑटो पार्ट्स पर अब ब्रिटेन आयात शुल्क (इंपोर्ट ड्यूटीज) को खत्म कर देगा. इससे यूके और यूरोप की इंडस्ट्रियल सप्लाई चेन में भारत की भागीदारी को जोर मिलेगा आईटी और प्रोफेसनल सर्विस FTA से इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर और अकाउंटिंग जैसे क्षेत्रों में प्रोफेसनल क्वालिफिकेशंस की मान्यता और वीजा नियमों में ढील दी जाएगी. इससे भारत के प्रोफेशनल्स ब्रिटेन में जाकर आसानी से काम कर पाएंगे और इस समझौते के बाद आईटी, फाइनेंस, कानून और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में अगले पांच सालों में करीब 60,000 नई नौकरियां बनने की संभावना है. दवाई और मेडिकल डिवाइसेज मुक्त व्यापार समझौते से भारतीय दवा कंपनियों को ब्रिटेन में रेगुलेटरी प्रोसेस के आसान होने से फायदा होगा और दवाइयां सस्ती होंगी. इसमें विशेषकर जेनेरिक दवाएं शामिल हैं. इससे NHS तक पहुंच भी आसान होगी और भारत की कंपनियों के लिए दवाइयों की मंजूरी प्रक्रिया भी तेज हो सकती है. फूड प्रोसेसिंग, चाय, मसाले और समुद्री उत्पाद बासमती चावल, झींगा जैसे समुद्री उत्पादों, प्रीमियम चाय और मसालों सहित भारत के कई कृषि और खाद्य निर्यात सामानों पर इंपोर्ट ड्यूटीज खत्म कर दिए जाएंगे. यह असम, गुजरात, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में निर्याता से संबंधी व्यापारों को फायदा होगा. केमिकल्स और स्पेशलिटी मेटेरियल्स FTA से एग्रोकेमिकल्स, प्लास्टिक और स्पेशल केमिकल्स पर कम टैरिफ पर गुजरात और महाराष्ट्र के प्रमुख इंडस्ट्रियल हब से निर्यात को जोर मिलेगा. भारत इस समझौते के तहत 2030 तक ब्रिटेन के साथ अपने केमिकल निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य रखता है. ग्रीन एनर्जी और क्लीनटेक यह समझौता सौर ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) इंफ्रास्ट्रक्चर सहित रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के जॉइंट वेंचर्स के लिए रास्ता खोलेगा. इससे ब्रिटेन के भारत के स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की उम्मीद है और इससे संयुक्त रूप से नई इनोवेटिव तकनीकों को विकसित करने को भी जोर मिलेगा. मादक पेय (ब्रिटेन को फायदा) भारत और ब्रिटेन के बीच FTA डील से अब शराबियों की मौज होगी. क्योंकि भारत अगले 10 साल में स्कॉच व्हिस्की पर लगने वाले 150 प्रतिशत टैरिफ को घटाकर मात्र 30 प्रतिशत कर देगा. इससे भारत में ब्रिटेन की बाजार की हिस्सेदारी में काफी बढोत्तरी होगी और भारत में शराब के शौकिन लोगों और होटल बिजनेज में शामिल लोगों को शराब किफायती कीमतों पर मिलेगी. यह भी पढ़ेंः बांग्लादेश एयरफोर्स जेट क्रैशः घायलों के इलाज के लिए चीन ढाका भेजेगा अपनी मेडिकल टीम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूनाइटेड किंगडम (यूके) यात्रा के दौरान भारत ने गुरुवार (24 जुलाई, 2025) को ब्रिटेन के साथ बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने चेकर्स हाउस में पीएम मोदी का स्वागत किया. इस दौरान भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.
इस डील से दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय की शुरुआत करेंगे. इस समझौते से दोनों देशों में निवेश बढ़ेगा और आम लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे. इस समझौते के तहत देश के लोगों के जेब पर सीधा असर होगा, क्योंकि एफटीए के तहत दवाई, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक से लेकर फैशन के सामान सस्ते हो जाएंगे. हालांकि, इससे कुछ चीजें महंगी भी होंगी.
किन-किन चीजों के दाम होंगे सस्ते
- टेक्सटाइल और कपड़े के व्यापार को होगा फायदा
भारत से ब्रिटेन में निर्यात किए जाने वाले कपड़ों और होम टेक्सटाइल उत्पादों पर फिलहाल लगने वाला 8 से 12 प्रतिशत तक का टैरिफ अब खत्म कर दिया जाएगा. इस समझौते से भारत का कपड़ा बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों के मुकाबले ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे.
- रत्न, आभूषण और चमड़ा उद्योग
इस समझौते के बाद से अब सोने और हीरे के आभूषणों जैसे हाई वैल्यू प्रोडक्टस के साथ चमड़े के सामान को ब्रिटेन में ड्यूटी फ्री किया जाएगा और इस पर किसी तरह का कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा. यह कदम भारत के MSME और लग्जरी ब्रांडों को विशेष रूप से फायदा पहुंचाएगा और यूरोप के बाजारों में ब्रिटेन के माध्यम से भारत की उपस्थिति को मजबूत करेगा.
- इंजीनियरिंग वस्तुएं और ऑटो पार्ट्स
भारत में बनने वाली मशीनरी, इंजीनियरिंग टूल्स और ऑटो पार्ट्स पर अब ब्रिटेन आयात शुल्क (इंपोर्ट ड्यूटीज) को खत्म कर देगा. इससे यूके और यूरोप की इंडस्ट्रियल सप्लाई चेन में भारत की भागीदारी को जोर मिलेगा
- आईटी और प्रोफेसनल सर्विस
FTA से इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर और अकाउंटिंग जैसे क्षेत्रों में प्रोफेसनल क्वालिफिकेशंस की मान्यता और वीजा नियमों में ढील दी जाएगी. इससे भारत के प्रोफेशनल्स ब्रिटेन में जाकर आसानी से काम कर पाएंगे और इस समझौते के बाद आईटी, फाइनेंस, कानून और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में अगले पांच सालों में करीब 60,000 नई नौकरियां बनने की संभावना है.
- दवाई और मेडिकल डिवाइसेज
मुक्त व्यापार समझौते से भारतीय दवा कंपनियों को ब्रिटेन में रेगुलेटरी प्रोसेस के आसान होने से फायदा होगा और दवाइयां सस्ती होंगी. इसमें विशेषकर जेनेरिक दवाएं शामिल हैं. इससे NHS तक पहुंच भी आसान होगी और भारत की कंपनियों के लिए दवाइयों की मंजूरी प्रक्रिया भी तेज हो सकती है.
- फूड प्रोसेसिंग, चाय, मसाले और समुद्री उत्पाद
बासमती चावल, झींगा जैसे समुद्री उत्पादों, प्रीमियम चाय और मसालों सहित भारत के कई कृषि और खाद्य निर्यात सामानों पर इंपोर्ट ड्यूटीज खत्म कर दिए जाएंगे. यह असम, गुजरात, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में निर्याता से संबंधी व्यापारों को फायदा होगा.
- केमिकल्स और स्पेशलिटी मेटेरियल्स
FTA से एग्रोकेमिकल्स, प्लास्टिक और स्पेशल केमिकल्स पर कम टैरिफ पर गुजरात और महाराष्ट्र के प्रमुख इंडस्ट्रियल हब से निर्यात को जोर मिलेगा. भारत इस समझौते के तहत 2030 तक ब्रिटेन के साथ अपने केमिकल निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य रखता है.
- ग्रीन एनर्जी और क्लीनटेक
यह समझौता सौर ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) इंफ्रास्ट्रक्चर सहित रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के जॉइंट वेंचर्स के लिए रास्ता खोलेगा. इससे ब्रिटेन के भारत के स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की उम्मीद है और इससे संयुक्त रूप से नई इनोवेटिव तकनीकों को विकसित करने को भी जोर मिलेगा.
- मादक पेय (ब्रिटेन को फायदा)
भारत और ब्रिटेन के बीच FTA डील से अब शराबियों की मौज होगी. क्योंकि भारत अगले 10 साल में स्कॉच व्हिस्की पर लगने वाले 150 प्रतिशत टैरिफ को घटाकर मात्र 30 प्रतिशत कर देगा. इससे भारत में ब्रिटेन की बाजार की हिस्सेदारी में काफी बढोत्तरी होगी और भारत में शराब के शौकिन लोगों और होटल बिजनेज में शामिल लोगों को शराब किफायती कीमतों पर मिलेगी.
यह भी पढ़ेंः बांग्लादेश एयरफोर्स जेट क्रैशः घायलों के इलाज के लिए चीन ढाका भेजेगा अपनी मेडिकल टीम
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