सीजफायर के बाद भारत के लिए आई खुशखबरी! इस मामले में चीन से लेकर अमेरिका तक को छोड़ दिया पीछे

PMI: अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर जेपी मॉर्गन ने अपनी PMI डेटा रिलीज कर दी है. भारत दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों में टॉप पर है. इस डेटा के मुताबिक, अप्रैल 2025 में भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 58.2 रहा, जबकि सर्विस सेक्टर की PMI 58.7 रही. ये आंकड़े विकसित और उभरते दोनों बाजारों में सबसे अधिक हैं. इससे पता चलता है कि भारत का मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर किस तेज गति से आगे बढ़ रहा है. वहीं, अगर कंपोजिट पीएमआई की बात करें, तो यह अप्रैल में 59.7 रही, जबकि मार्च में यह 59.5 थी. कंपोजिट पीएमआई मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टर्स को मिलाकर तैयार होती है.  क्या होता है PMI?  बता दें कि PMI का फुल फॉर्म परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स है, जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की आर्थिक सेहत को मापने का काम करती है. इसकी मदद से किसी देश की आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाता है. आमतौर पर PMI नए ऑर्डर, इन्वेंटरी लेवल, सप्लाई डिलीवरी, प्रोडक्शन और रोजगार इन फैक्टर्स पर आधारित होता है. परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स को 1948 में अमेरिका स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ सप्लाई मैनेजमेंट (आईएसएम) ने शुरू किया था, जो सिर्फ अमेरिका के लिए काम करती है. मार्किट ग्रुप दुनिया के अन्‍य देशों के बिजनेस और मैन्युफैक्चरिंग माहौल का पता लगाने के लिए पीएमआई का सहारा लेती है.  इतना रहा चीन का PMI PMI डेटा में 50 को बेस माना जाता है. इससे ऊपर के पीएमआई आंकड़े का मतलब कारोबार में विस्तार हो रहा है. जबकि इससे नीचे के पीएमआई का मतलब है कि कारोबारी गतिविधि में कमी आ रही है. भारत का सर्विस पीएमआई मार्च में भी 58.5 पर मजबूत बना रहा. अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. अगर चीन की बात करें, तो चीन का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई अप्रैल में मार्किट और राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) दोनों के हिसाब से क्रमश: 50.4 और 49 पर रहा.  अमेरिका का कुछ ऐसा है हाल सर्विस सेक्टर में भी चीन भारत से पीछे है. चीन का मार्किट सर्विस पीएमआई 50.7 पर रहा, जबकि ऑफिशियल एनबीएस डेटा 50.1 था. ये आंकड़े ठीक है, लेकिन भारत से कहीं नीचे है. अमेरिका, यूरोजोन, ब्रिटेन और जापान जैसी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से मिलेजुले संकेत मिले हैं. आईएसएम के मुताबिक, अमेरिका का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 48.7 है, जबकि सर्विस पीएमआई 51.6 है. यह मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टर्स के सुस्ती से आगे बढ़ने को दिखाता है.  ये भी पढ़ें: सोशल मीडिया पर खुली पाकिस्तान की पोल, IMF से लोन मिलने से पहले ही खर्च कर दिए उससे कहीं ज्यादा

May 12, 2025 - 15:30
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सीजफायर के बाद भारत के लिए आई खुशखबरी! इस मामले में चीन से लेकर अमेरिका तक को छोड़ दिया पीछे

PMI: अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर जेपी मॉर्गन ने अपनी PMI डेटा रिलीज कर दी है. भारत दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों में टॉप पर है. इस डेटा के मुताबिक, अप्रैल 2025 में भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 58.2 रहा, जबकि सर्विस सेक्टर की PMI 58.7 रही. ये आंकड़े विकसित और उभरते दोनों बाजारों में सबसे अधिक हैं. इससे पता चलता है कि भारत का मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर किस तेज गति से आगे बढ़ रहा है. वहीं, अगर कंपोजिट पीएमआई की बात करें, तो यह अप्रैल में 59.7 रही, जबकि मार्च में यह 59.5 थी. कंपोजिट पीएमआई मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टर्स को मिलाकर तैयार होती है. 

क्या होता है PMI? 

बता दें कि PMI का फुल फॉर्म परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स है, जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की आर्थिक सेहत को मापने का काम करती है. इसकी मदद से किसी देश की आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाता है. आमतौर पर PMI नए ऑर्डर, इन्वेंटरी लेवल, सप्लाई डिलीवरी, प्रोडक्शन और रोजगार इन फैक्टर्स पर आधारित होता है.

परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स को 1948 में अमेरिका स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ सप्लाई मैनेजमेंट (आईएसएम) ने शुरू किया था, जो सिर्फ अमेरिका के लिए काम करती है. मार्किट ग्रुप दुनिया के अन्‍य देशों के बिजनेस और मैन्युफैक्चरिंग माहौल का पता लगाने के लिए पीएमआई का सहारा लेती है. 

इतना रहा चीन का PMI

PMI डेटा में 50 को बेस माना जाता है. इससे ऊपर के पीएमआई आंकड़े का मतलब कारोबार में विस्तार हो रहा है. जबकि इससे नीचे के पीएमआई का मतलब है कि कारोबारी गतिविधि में कमी आ रही है. भारत का सर्विस पीएमआई मार्च में भी 58.5 पर मजबूत बना रहा.

अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. अगर चीन की बात करें, तो चीन का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई अप्रैल में मार्किट और राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) दोनों के हिसाब से क्रमश: 50.4 और 49 पर रहा. 

अमेरिका का कुछ ऐसा है हाल

सर्विस सेक्टर में भी चीन भारत से पीछे है. चीन का मार्किट सर्विस पीएमआई 50.7 पर रहा, जबकि ऑफिशियल एनबीएस डेटा 50.1 था. ये आंकड़े ठीक है, लेकिन भारत से कहीं नीचे है. अमेरिका, यूरोजोन, ब्रिटेन और जापान जैसी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से मिलेजुले संकेत मिले हैं. आईएसएम के मुताबिक, अमेरिका का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 48.7 है, जबकि सर्विस पीएमआई 51.6 है. यह मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टर्स के सुस्ती से आगे बढ़ने को दिखाता है. 

ये भी पढ़ें:

सोशल मीडिया पर खुली पाकिस्तान की पोल, IMF से लोन मिलने से पहले ही खर्च कर दिए उससे कहीं ज्यादा

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