सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा या बेटे अर्जुन में कौन है ज्यादा पढ़ा-लिखा? जानें किसने कहां से की है पढ़ाई
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के बच्चे भी कमाल की मिसाल हैं. बेटा अर्जुन जहां क्रिकेट की पिच पर तेज रफ्तार गेंदों से अपना जलवा बिखेर रहा है, वहीं बेटी सारा तेंदुलकर मेडिकल की दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रही है. अर्जुन तेंदुलकर ने अपनी स्कूली पढ़ाई मुंबई के मशहूर धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल से की है. स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. क्रिकेट के मैदान में अर्जुन का जलवा अलग ही है. वह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज और एक ऑलराउंडर हैं. सारा ने कहां से की पढ़ाई-लिखाई? अर्जुन की बहन, सारा तेंदुलकर, पढ़ाई में हमेशा से ही बेहद होशियार रही हैं. उन्होंने भी अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई के टॉप धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल से पूरी की, जो कि देश के चुनिंदा और सबसे नामी स्कूलों में से एक है. पढ़ाई के प्रति उनके समर्पण का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्कूल के बाद उन्होंने विदेश में उच्च शिक्षा के लिए कदम बढ़ाया. सारा ने ब्रिटेन के नामी यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) से मेडिसिन में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. यह डिग्री हासिल करना आसान नहीं था, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने यह मुकाम पाया. यह भी पढ़ें-पीरियड्स लीव को लेकर दिल्ली में NSUI का जोरदार प्रदर्शन, जानें किन यूनिवर्सिटीज में पहले से है यह सुविधा सारा के इस करियर चुनाव में उनकी मां अंजली तेंदुलकर, का गहरा प्रभाव रहा है. अंजली खुद एक पीडियाट्रिशियन (बाल रोग विशेषज्ञ) हैं और बच्चों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव है. मां के पेशे ने न सिर्फ सारा को प्रेरित किया, बल्कि उनके अंदर दूसरों की मदद करने और समाज के लिए कुछ अच्छा करने की भावना भी जगाई. तेंदुलकर परिवार में खेल और शिक्षा का एक बेहतरीन संतुलन देखने को मिलता है. जहां अर्जुन क्रिकेट में अपना करियर बना रहे हैं, वहीं सारा चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं. दोनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में गंभीर मेहनत की है और अपनी राह खुद चुनी है. अर्जुन का सफर नहीं है आसान अर्जुन का क्रिकेट सफर आसान नहीं रहा. सचिन तेंदुलकर के बेटे होने के नाते उनसे हमेशा बड़ी उम्मीदें जुड़ी रहीं, लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से यह साबित किया कि वह अपनी मेहनत और कौशल के दम पर टीम में जगह बनाने में सक्षम हैं. वहीं, सारा ने भी यह दिखा दिया कि वह सिर्फ एक मशहूर क्रिकेटर की बेटी नहीं हैं, बल्कि खुद की एक मजबूत पहचान रखती हैं.यह भी पढ़ें-तीन से ज्यादा विषयों में हुए फेल तो अगली परीक्षा में नहीं मिलेगा बैठने मौका, जान लें CBSE का ये रूल

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के बच्चे भी कमाल की मिसाल हैं. बेटा अर्जुन जहां क्रिकेट की पिच पर तेज रफ्तार गेंदों से अपना जलवा बिखेर रहा है, वहीं बेटी सारा तेंदुलकर मेडिकल की दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रही है.
अर्जुन तेंदुलकर ने अपनी स्कूली पढ़ाई मुंबई के मशहूर धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल से की है. स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. क्रिकेट के मैदान में अर्जुन का जलवा अलग ही है. वह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज और एक ऑलराउंडर हैं.
सारा ने कहां से की पढ़ाई-लिखाई?
अर्जुन की बहन, सारा तेंदुलकर, पढ़ाई में हमेशा से ही बेहद होशियार रही हैं. उन्होंने भी अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई के टॉप धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल से पूरी की, जो कि देश के चुनिंदा और सबसे नामी स्कूलों में से एक है. पढ़ाई के प्रति उनके समर्पण का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्कूल के बाद उन्होंने विदेश में उच्च शिक्षा के लिए कदम बढ़ाया. सारा ने ब्रिटेन के नामी यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) से मेडिसिन में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. यह डिग्री हासिल करना आसान नहीं था, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने यह मुकाम पाया.
सारा के इस करियर चुनाव में उनकी मां अंजली तेंदुलकर, का गहरा प्रभाव रहा है. अंजली खुद एक पीडियाट्रिशियन (बाल रोग विशेषज्ञ) हैं और बच्चों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव है. मां के पेशे ने न सिर्फ सारा को प्रेरित किया, बल्कि उनके अंदर दूसरों की मदद करने और समाज के लिए कुछ अच्छा करने की भावना भी जगाई. तेंदुलकर परिवार में खेल और शिक्षा का एक बेहतरीन संतुलन देखने को मिलता है. जहां अर्जुन क्रिकेट में अपना करियर बना रहे हैं, वहीं सारा चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं. दोनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में गंभीर मेहनत की है और अपनी राह खुद चुनी है.
अर्जुन का सफर नहीं है आसान
अर्जुन का क्रिकेट सफर आसान नहीं रहा. सचिन तेंदुलकर के बेटे होने के नाते उनसे हमेशा बड़ी उम्मीदें जुड़ी रहीं, लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से यह साबित किया कि वह अपनी मेहनत और कौशल के दम पर टीम में जगह बनाने में सक्षम हैं. वहीं, सारा ने भी यह दिखा दिया कि वह सिर्फ एक मशहूर क्रिकेटर की बेटी नहीं हैं, बल्कि खुद की एक मजबूत पहचान रखती हैं.
यह भी पढ़ें-तीन से ज्यादा विषयों में हुए फेल तो अगली परीक्षा में नहीं मिलेगा बैठने मौका, जान लें CBSE का ये रूल
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