शराब नहीं पीते और स्मोकिंग भी नहीं करते फिर भी उम्र से पहले कांपने लगे हैं हाथ, समझ लीजिए हो गई है ये गंभीर बीमारी

हाथों का कांपना ऐसी समस्या है, जिसका कनेक्शन उम्र बढ़ने के साथ होता है. हालांकि, एक रिसर्च में ऐसा खुलासा हुआ है, जो युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोगों के खतरे की घंटी है. दरअसल, रिसर्च में देखा गया कि उन लोगों को भी हाथ कांपने की दिक्कत हो रही है, जो न तो शराब पीते हैं और न ही स्मोकिंग करते हैं. आइए जानते हैं कि ऐसा होने की वजह क्या है?  हाथ कांपने का क्या है मतलब? हाथों का कांपना ऐसी स्थिति है, जिसमें हाथों में बिना वजह कंपन महसूस होता है. यह दिक्कत सामान्य तनाव, थकान या कैफीन के ज्यादा सेवन से हो सकती है, लेकिन यह परेशानी बार-बार और बिना किसी वजह हो तो यह गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का संकेत हो सकता है.  हाथ कांपने के प्रमुख कारण एसेंशियल ट्रेमर: एसेंशियल ट्रेमर दुनिया भर में सबसे आम न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर में से एक है, जो बिना वजह कंपन का कारण होता है. यह दिक्कत आमतौर पर हाथों में शुरू होती है. इसकी वजह से लिखने, खाने या बर्तन पकड़ने जैसे काम भी मुश्किल लगते हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स एंड स्ट्रोक (NINDS) के अनुसार, यह स्थिति आनुवंशिक हो सकती है और 40 साल से कम उम्र के लोगों में भी देखी जा सकती है. पार्किंसंस: पार्किंसंस एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो दिमाग में डोपामाइन प्रॉडक्शन करने वाली सेल्स के नुकसान के कारण होता है. यह बीमारी अब युवाओं में भी देखी जा रही है. खासतौर पर 30 से 40 साल उम्र के लोग इसकी चपेट में काफी ज्यादा आ रहे हैं. आराम करते वक्त भी हाथों का कांपना इस बीमारी का शुरुआती लक्षण है.  स्ट्रेस और एंग्जाइटी: मानसिक तनाव और चिंता भी हाथ कांपने का प्रमुख कारण हो सकते हैं. जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूरोसाइकोलॉजी में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, काफी समय तक टेंशन रहने से मस्तिष्क का न्यूरोट्रांसमीटर बैलेंस प्रभावित होता है. इसकी वजह से बिना वजह हाथ कांप सकते हं. यह समस्या उन लोगों में खासकर देखी जाती है, जो शराब या स्मोकिंग से दूर रहते हैं. हालांकि, काम, परिवार या सामाजिक दबाव के कारण टेंशन में रहते हैं.  थायरॉइड: हाइपरथायरॉइडिज्म (हाइपर एक्टिव थायरॉइड) भी हाथ कांपने का कारण हो सकता है. दरअसल, थायरॉइड हार्मोन का डिसबैलेंस नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे हाथों में कंपन, घबराहट और तेज धड़कन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. यह दिक्कत महिलाओं में बेहद कॉमन है.  पोषक तत्वों की कमी: विटामिन बी12, मैग्नीशियम और फोलेट की कमी कारण भी हाथ कांपने की दिक्कत हो सकती है. दरअसल, शाकाहारी या वीगन डाइट लेने वालों में विटामिन बी12 की कमी आम है, जो नर्वस सिस्टम पर असर डालती है. इसके अलावा मैग्नीशियम की कमी भी मांसपेशियों में ऐंठन और कंपन को बढ़ावा देती है. नींद की कमी: नींद की कमी नर्वस सिस्टम पर प्रेशर डालती है और हाथ कांपने का कारण बन सकती है. यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स केस मेडिकल सेंटर की एक अध्ययन के अनुसार, नींद पूरी न होने से दिमाग का कामकाज प्रभावित होता है, जिससे हाथों में कंपन हो सकता है. यह दिक्कत उन लोगों में ज्यादा होती है, जो बिजी लाइफस्टाइल की वजह से रात में 7-8 घंटे की नींद नहीं ले पाते हैं. ये भी पढ़ें: कंडोम इस्तेमाल करने के बाद भी हो सकता है HIV? जवाब सुनकर हैरान रह जाएंगे आप Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Jun 8, 2025 - 16:30
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शराब नहीं पीते और स्मोकिंग भी नहीं करते फिर भी उम्र से पहले कांपने लगे हैं हाथ, समझ लीजिए हो गई है ये गंभीर बीमारी

हाथों का कांपना ऐसी समस्या है, जिसका कनेक्शन उम्र बढ़ने के साथ होता है. हालांकि, एक रिसर्च में ऐसा खुलासा हुआ है, जो युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोगों के खतरे की घंटी है. दरअसल, रिसर्च में देखा गया कि उन लोगों को भी हाथ कांपने की दिक्कत हो रही है, जो न तो शराब पीते हैं और न ही स्मोकिंग करते हैं. आइए जानते हैं कि ऐसा होने की वजह क्या है? 

हाथ कांपने का क्या है मतलब?

हाथों का कांपना ऐसी स्थिति है, जिसमें हाथों में बिना वजह कंपन महसूस होता है. यह दिक्कत सामान्य तनाव, थकान या कैफीन के ज्यादा सेवन से हो सकती है, लेकिन यह परेशानी बार-बार और बिना किसी वजह हो तो यह गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का संकेत हो सकता है. 

हाथ कांपने के प्रमुख कारण

एसेंशियल ट्रेमर: एसेंशियल ट्रेमर दुनिया भर में सबसे आम न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर में से एक है, जो बिना वजह कंपन का कारण होता है. यह दिक्कत आमतौर पर हाथों में शुरू होती है. इसकी वजह से लिखने, खाने या बर्तन पकड़ने जैसे काम भी मुश्किल लगते हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स एंड स्ट्रोक (NINDS) के अनुसार, यह स्थिति आनुवंशिक हो सकती है और 40 साल से कम उम्र के लोगों में भी देखी जा सकती है.

पार्किंसंस: पार्किंसंस एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो दिमाग में डोपामाइन प्रॉडक्शन करने वाली सेल्स के नुकसान के कारण होता है. यह बीमारी अब युवाओं में भी देखी जा रही है. खासतौर पर 30 से 40 साल उम्र के लोग इसकी चपेट में काफी ज्यादा आ रहे हैं. आराम करते वक्त भी हाथों का कांपना इस बीमारी का शुरुआती लक्षण है. 

स्ट्रेस और एंग्जाइटी: मानसिक तनाव और चिंता भी हाथ कांपने का प्रमुख कारण हो सकते हैं. जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूरोसाइकोलॉजी में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, काफी समय तक टेंशन रहने से मस्तिष्क का न्यूरोट्रांसमीटर बैलेंस प्रभावित होता है. इसकी वजह से बिना वजह हाथ कांप सकते हं. यह समस्या उन लोगों में खासकर देखी जाती है, जो शराब या स्मोकिंग से दूर रहते हैं. हालांकि, काम, परिवार या सामाजिक दबाव के कारण टेंशन में रहते हैं. 

थायरॉइड: हाइपरथायरॉइडिज्म (हाइपर एक्टिव थायरॉइड) भी हाथ कांपने का कारण हो सकता है. दरअसल, थायरॉइड हार्मोन का डिसबैलेंस नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे हाथों में कंपन, घबराहट और तेज धड़कन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. यह दिक्कत महिलाओं में बेहद कॉमन है. 

पोषक तत्वों की कमी: विटामिन बी12, मैग्नीशियम और फोलेट की कमी कारण भी हाथ कांपने की दिक्कत हो सकती है. दरअसल, शाकाहारी या वीगन डाइट लेने वालों में विटामिन बी12 की कमी आम है, जो नर्वस सिस्टम पर असर डालती है. इसके अलावा मैग्नीशियम की कमी भी मांसपेशियों में ऐंठन और कंपन को बढ़ावा देती है.

नींद की कमी: नींद की कमी नर्वस सिस्टम पर प्रेशर डालती है और हाथ कांपने का कारण बन सकती है. यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स केस मेडिकल सेंटर की एक अध्ययन के अनुसार, नींद पूरी न होने से दिमाग का कामकाज प्रभावित होता है, जिससे हाथों में कंपन हो सकता है. यह दिक्कत उन लोगों में ज्यादा होती है, जो बिजी लाइफस्टाइल की वजह से रात में 7-8 घंटे की नींद नहीं ले पाते हैं.

ये भी पढ़ें: कंडोम इस्तेमाल करने के बाद भी हो सकता है HIV? जवाब सुनकर हैरान रह जाएंगे आप

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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