Chitragupta Puja 2025 Date: चित्रगुप्त पूजा 2025 में कब है, जानिए डेट और पूजा का मुहूर्त

Chitragupta Puja 2025 Date: हिंदू धर्म में 33 कोटि देवी-देवताओं का जिक्र मिलता है. इन्हीं में एक है भगवान चित्रगुप्त, जोकि हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण देवता हैं, जिन्हें देवताओं का लेखपाल भी कहा जाता है. साथ ही ये मनुष्यों का कर्मों का हिसाब भी रखते हैं और मृत्यु के बाद उसी के अनुसार दंडित करते हैं. भगवान चित्रगुप्त आकाशीय अभिलेखों के रक्षक और मृत्यु के देवता यमराज के सहायक भी माने जाते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्म जी के चित्त से हुआ था. भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि में वृद्धि होती है. अशिक्षा और दरिद्रता दूर होती है. इनकी पूजा विशेषकर पंचदिवसीय दीपावली के आखिरी दिन यानि भाई दूज पर होती है, जोकि कायस्थ समुदाय के लिए महत्वपूर्ण पर्व होता है. आइए जानते हैं 2025 में कब की जाएगी भगवान चित्रगुप्त की पूजा. भगवान चित्रगुप्त पूजा 2025 डेट साल 2025 में भगवान चित्रगुप्त की पूजा गुरुवार 23 अक्टूबर 2025 को होगी. इसी दिन भाई दूज का पर्व भी मनाया जाएगा. भगवान चित्रगुप्त की पूजा के लिए 23 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से शुभ मुहूर्त की शुरुआत होगी, जोकि दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगी. ऐसे में पूजा के लिए 2 घंटे 15 मिनट का समय मिलेगा.  इस दिन लोग पूजा पाठ करने के साथ ही आत्मचिंतन और कर्मों की समीक्षा करते हैं. साथ ही ईमानदारी की राह पर चलने का प्रण लेते हैं. चित्रगुप्त पूजा में कलम, कागज और दवात आदि जैसी चीजों का खास महत्व होता है. भगवान चित्रगुप्त की पूजा विधि पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजाघर के पास अच्छी तरह से साफ सफाई करें. इसके बाद पूजास्थल में वेदी पर चित्रगुप्त की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित करें. इस बात का ध्यान रखें की पूजा करते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर हो. सबसे पहले मूर्ति के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसके बाद दही, दूध, घी, चीनी और शहद से पंचामृत बनाएं. पास में एक पानी से भरा कलश भी रखें जिसमें तुलसी के कुछ पत्ते डालें. भगवान को हल्दी, चंदन, फूल, फल, भोग, मिठाई आदि अर्पित करें. इसके बाद चित्रगुप्त कथा का पाठ करें और फिर भगवान चित्रगुप्त की आरती करें. ध्यान रखें कि पूजा में कलम, एक डायरी और खाली कागज जरूर लेकर बैठें. पूजा के दौरान खाली पन्ने पर रोली और घी से स्वास्तिक बनाएं और नए कलम से डायरी पर देवी-देवताओं के नाम लिखें. ये भी पढ़ें: Vastu Tips: घर में एक से अधिक दर्पण लगाने से क्या होता है?Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

May 23, 2025 - 20:30
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Chitragupta Puja 2025 Date: चित्रगुप्त पूजा 2025 में कब है, जानिए डेट और पूजा का मुहूर्त

Chitragupta Puja 2025 Date: हिंदू धर्म में 33 कोटि देवी-देवताओं का जिक्र मिलता है. इन्हीं में एक है भगवान चित्रगुप्त, जोकि हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण देवता हैं, जिन्हें देवताओं का लेखपाल भी कहा जाता है.

साथ ही ये मनुष्यों का कर्मों का हिसाब भी रखते हैं और मृत्यु के बाद उसी के अनुसार दंडित करते हैं. भगवान चित्रगुप्त आकाशीय अभिलेखों के रक्षक और मृत्यु के देवता यमराज के सहायक भी माने जाते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्म जी के चित्त से हुआ था.

भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि में वृद्धि होती है. अशिक्षा और दरिद्रता दूर होती है. इनकी पूजा विशेषकर पंचदिवसीय दीपावली के आखिरी दिन यानि भाई दूज पर होती है, जोकि कायस्थ समुदाय के लिए महत्वपूर्ण पर्व होता है. आइए जानते हैं 2025 में कब की जाएगी भगवान चित्रगुप्त की पूजा.

भगवान चित्रगुप्त पूजा 2025 डेट

साल 2025 में भगवान चित्रगुप्त की पूजा गुरुवार 23 अक्टूबर 2025 को होगी. इसी दिन भाई दूज का पर्व भी मनाया जाएगा. भगवान चित्रगुप्त की पूजा के लिए 23 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से शुभ मुहूर्त की शुरुआत होगी, जोकि दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगी. ऐसे में पूजा के लिए 2 घंटे 15 मिनट का समय मिलेगा.

 इस दिन लोग पूजा पाठ करने के साथ ही आत्मचिंतन और कर्मों की समीक्षा करते हैं. साथ ही ईमानदारी की राह पर चलने का प्रण लेते हैं. चित्रगुप्त पूजा में कलम, कागज और दवात आदि जैसी चीजों का खास महत्व होता है.

भगवान चित्रगुप्त की पूजा विधि

पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजाघर के पास अच्छी तरह से साफ सफाई करें. इसके बाद पूजास्थल में वेदी पर चित्रगुप्त की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित करें. इस बात का ध्यान रखें की पूजा करते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर हो. सबसे पहले मूर्ति के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसके बाद दही, दूध, घी, चीनी और शहद से पंचामृत बनाएं. पास में एक पानी से भरा कलश भी रखें जिसमें तुलसी के कुछ पत्ते डालें. भगवान को हल्दी, चंदन, फूल, फल, भोग, मिठाई आदि अर्पित करें. इसके बाद चित्रगुप्त कथा का पाठ करें और फिर भगवान चित्रगुप्त की आरती करें.

ध्यान रखें कि पूजा में कलम, एक डायरी और खाली कागज जरूर लेकर बैठें. पूजा के दौरान खाली पन्ने पर रोली और घी से स्वास्तिक बनाएं और नए कलम से डायरी पर देवी-देवताओं के नाम लिखें.

ये भी पढ़ें: Vastu Tips: घर में एक से अधिक दर्पण लगाने से क्या होता है?
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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