'वोट चोरी' के दावे पर कांग्रेस की आलोचना पड़ी भारी, कर्नाटक के मंत्री राजन्ना को देना पड़ा इस्तीफा
कर्नाटक कांग्रेस नेता केएन राजन्ना ने सोमवार (11 अगस्त, 2025) को सिद्धारमैया सरकार में सहकारिता मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. दावा किया जा रहा है कि केएन राजन्ना ने पार्टी आलाकमान की ओर से इस्तीफा देने की मांग के बाद पद छोड़ने का फैसला किया. राजन्ना का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है. केएन राजन्ना ने राहुल गांधी की ओर से लगाए गए वोट चोरी के आरोपों की आलोचना की थी. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा था कि कांग्रेस पार्टी चुनाव से पहले मतदाता सूची में कथित खामियों को दूर करने में विफल रही. पार्टी को शर्मिंदा होना चाहिए, क्योंकि ये अनियमितताएं हमारी आंखों के सामने हुईं. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि मतदाता सूची तब तैयार की गई थी, जब कांग्रेस सत्ता में थी. कांग्रेस के सत्ता में रहते तैयार हुई मतदाता सूची केएन राजन्ना ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा था, 'क्या उस समय हर कोई आंखें बंद करके चुपचाप बैठा था? पार्टी को शर्म आनी चाहिए.' कर्नाटक मंत्री ने पीटीआई को बताया कि अगर हम ऐसी बातों पर यूं ही बात करने लगे तो अलग-अलग राय सामने आएगी. मतदाता सूची तब तैयार हुई थी, जब हमारी सरकार सत्ता में थी. उस समय क्या कांग्रेस अपनी आंखें बंद किए चुपचाप बैठी थी? उन्होंने आगे कहा कि ये अनियमितताएं हुई थी, यही सच है. इसमें कुछ भी झूठ नहीं है. हमें शर्म आनी चाहिए, क्योंकि ये अनियमितताएं हमारी आंखों के सामने हुईं. ऐसे समय में जब पार्टी को आपत्ति दर्ज करानी चाहिए थी, वह चुप रही. राजन्ना की टिप्पणी से कांग्रेस में नाराजगी नेता केएन राजन्ना ने कहा, 'कांग्रेस ने उस समय इस पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए आगे फिर तैयार रहना होगा.' चुनाव में गड़बड़ी को लेकर उन्होंने कहा कि महादेवपुरा में सचमुच धोखाधड़ी हुई थी. एक शख्स तीन अलग-अलग जगहों पर पंजीकृत था और उसने तीनों जगह वोट दिया. जब मतदाता सूची का मसौदा तैयार हो रहा हो तो हमें नजर रखनी चाहिए और आपत्तियां दर्ज करानी चाहिए, जो हमारी जिम्मेदारी है. उस समय तो हम चुप रहे, लेकिन अब उसके बारे में बात कर रहे हैं. वहीं राजन्ना की इस टिप्पणी से कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता नाराज हैं. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि राजन्ना पूरी तरह से दोषी हैं और पार्टी नेतृत्व उनकी टिप्पणी का जवाब देगा. ये भी पढ़ें:- टेरर फंडिंग केस: यासीन मलिक को फांसी की सजा दिलाने की NIA की मांग, दिल्ली हाई कोर्ट ने भेजा नोटिस

कर्नाटक कांग्रेस नेता केएन राजन्ना ने सोमवार (11 अगस्त, 2025) को सिद्धारमैया सरकार में सहकारिता मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. दावा किया जा रहा है कि केएन राजन्ना ने पार्टी आलाकमान की ओर से इस्तीफा देने की मांग के बाद पद छोड़ने का फैसला किया. राजन्ना का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है.
केएन राजन्ना ने राहुल गांधी की ओर से लगाए गए वोट चोरी के आरोपों की आलोचना की थी. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा था कि कांग्रेस पार्टी चुनाव से पहले मतदाता सूची में कथित खामियों को दूर करने में विफल रही. पार्टी को शर्मिंदा होना चाहिए, क्योंकि ये अनियमितताएं हमारी आंखों के सामने हुईं. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि मतदाता सूची तब तैयार की गई थी, जब कांग्रेस सत्ता में थी.
कांग्रेस के सत्ता में रहते तैयार हुई मतदाता सूची
केएन राजन्ना ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा था, 'क्या उस समय हर कोई आंखें बंद करके चुपचाप बैठा था? पार्टी को शर्म आनी चाहिए.' कर्नाटक मंत्री ने पीटीआई को बताया कि अगर हम ऐसी बातों पर यूं ही बात करने लगे तो अलग-अलग राय सामने आएगी. मतदाता सूची तब तैयार हुई थी, जब हमारी सरकार सत्ता में थी. उस समय क्या कांग्रेस अपनी आंखें बंद किए चुपचाप बैठी थी?
उन्होंने आगे कहा कि ये अनियमितताएं हुई थी, यही सच है. इसमें कुछ भी झूठ नहीं है. हमें शर्म आनी चाहिए, क्योंकि ये अनियमितताएं हमारी आंखों के सामने हुईं. ऐसे समय में जब पार्टी को आपत्ति दर्ज करानी चाहिए थी, वह चुप रही.
राजन्ना की टिप्पणी से कांग्रेस में नाराजगी
नेता केएन राजन्ना ने कहा, 'कांग्रेस ने उस समय इस पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए आगे फिर तैयार रहना होगा.' चुनाव में गड़बड़ी को लेकर उन्होंने कहा कि महादेवपुरा में सचमुच धोखाधड़ी हुई थी. एक शख्स तीन अलग-अलग जगहों पर पंजीकृत था और उसने तीनों जगह वोट दिया. जब मतदाता सूची का मसौदा तैयार हो रहा हो तो हमें नजर रखनी चाहिए और आपत्तियां दर्ज करानी चाहिए, जो हमारी जिम्मेदारी है. उस समय तो हम चुप रहे, लेकिन अब उसके बारे में बात कर रहे हैं.
वहीं राजन्ना की इस टिप्पणी से कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता नाराज हैं. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि राजन्ना पूरी तरह से दोषी हैं और पार्टी नेतृत्व उनकी टिप्पणी का जवाब देगा.
ये भी पढ़ें:- टेरर फंडिंग केस: यासीन मलिक को फांसी की सजा दिलाने की NIA की मांग, दिल्ली हाई कोर्ट ने भेजा नोटिस
What's Your Reaction?






