ऑपरेशन सिंदूर के बीच एक्टिव था ISRO का 'तीसरा नेत्र'! पाकिस्तान की हर एक हरकत पर नजर रख रहे थे 10 सैटेलाइट
Operation Sindoor: भारतीय सेना के पराक्रम को देख पाकिस्तान अब घुटनों पर आ चुका है. सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाने लगा और भारत की शर्तें भी मानकर एलओसी पर गोलाबारी लगभग बंद कर दी. इन सब के बीच पाकिस्तान को घुटनों पर लाने में इसरो (ISRO) का भी बहुत बड़ा हाथ है. जब भारतीय सेना पाकिस्तान पर मिसाइल दाग रही थी तो इसरो पाकिस्तान की हरकतों पर कड़ी नजर रख रहा था. पर्दे के पीछे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए इसरो के 10 सैटेलाइट लगातार पाकिस्तान पर नजर रख रहे थे. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने रविवार (11 मई) को खुलासा किया कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपग्रहों का एक समर्पित समूह लगातार काम कर रहा है. उन्होंने कहा, "देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के रणनीतिक उद्देश्य से कम से कम 10 उपग्रह लगातार चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं." ‘हम अपने पड़ोसी को अच्छी तरह से जानते हैं’ उन्होंने कहा, "आप सभी हमारे पड़ोसियों के बारे में जानते हैं. अगर हमें अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है तो हमें अपने उपग्रहों के माध्यम से सेवा करनी होगी. हमें अपने 7,000 किलोमीटर के समुद्री तट क्षेत्रों की निगरानी करनी होगी. हमें पूरे उत्तरी भाग पर लगातार नजर रखनी होगी. उपग्रह और ड्रोन तकनीक के बिना, हम इसे हासिल नहीं कर सकते." इस तरह नाकाम हुई पाकिस्तान की हर कोशिश इन सैटेलाइट्स सिस्टम ने पाकिस्तान के जवाबी कोशिशों के दौरान खुफिया जानकारी देने और सीमा पार की गतिविधियों पर नजर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें जम्मू और कश्मीर, राजस्थान, पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों में ड्रोन घुसपैठ और भारी तोपखाने की गोलाबारी शामिल थी. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इकट्ठी की गई खुफिया जानकारी और उपग्रह निगरानी ने सशस्त्र बलों को सटीकता के साथ लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम बनाया. इसरो की अंतरिक्ष-आधारित निगरानी और सेना की क्षमता के बीच तालमेल ने बढ़ते तनाव पर नियंत्रण बनाए रखते हुए रणनीतिक उद्देश्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ये भी पढ़ें: वर्क इन प्रोग्रेस... हमले में खंडहर हुए रहीम यार खान एयरबेस के ईंट और रोड़े बीन रहा पाकिस्तान, बंद हुईं उड़ानें

Operation Sindoor: भारतीय सेना के पराक्रम को देख पाकिस्तान अब घुटनों पर आ चुका है. सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाने लगा और भारत की शर्तें भी मानकर एलओसी पर गोलाबारी लगभग बंद कर दी. इन सब के बीच पाकिस्तान को घुटनों पर लाने में इसरो (ISRO) का भी बहुत बड़ा हाथ है. जब भारतीय सेना पाकिस्तान पर मिसाइल दाग रही थी तो इसरो पाकिस्तान की हरकतों पर कड़ी नजर रख रहा था.
पर्दे के पीछे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए इसरो के 10 सैटेलाइट लगातार पाकिस्तान पर नजर रख रहे थे. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने रविवार (11 मई) को खुलासा किया कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपग्रहों का एक समर्पित समूह लगातार काम कर रहा है. उन्होंने कहा, "देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के रणनीतिक उद्देश्य से कम से कम 10 उपग्रह लगातार चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं."
‘हम अपने पड़ोसी को अच्छी तरह से जानते हैं’
उन्होंने कहा, "आप सभी हमारे पड़ोसियों के बारे में जानते हैं. अगर हमें अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है तो हमें अपने उपग्रहों के माध्यम से सेवा करनी होगी. हमें अपने 7,000 किलोमीटर के समुद्री तट क्षेत्रों की निगरानी करनी होगी. हमें पूरे उत्तरी भाग पर लगातार नजर रखनी होगी. उपग्रह और ड्रोन तकनीक के बिना, हम इसे हासिल नहीं कर सकते."
इस तरह नाकाम हुई पाकिस्तान की हर कोशिश
इन सैटेलाइट्स सिस्टम ने पाकिस्तान के जवाबी कोशिशों के दौरान खुफिया जानकारी देने और सीमा पार की गतिविधियों पर नजर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें जम्मू और कश्मीर, राजस्थान, पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों में ड्रोन घुसपैठ और भारी तोपखाने की गोलाबारी शामिल थी.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इकट्ठी की गई खुफिया जानकारी और उपग्रह निगरानी ने सशस्त्र बलों को सटीकता के साथ लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम बनाया. इसरो की अंतरिक्ष-आधारित निगरानी और सेना की क्षमता के बीच तालमेल ने बढ़ते तनाव पर नियंत्रण बनाए रखते हुए रणनीतिक उद्देश्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
ये भी पढ़ें: वर्क इन प्रोग्रेस... हमले में खंडहर हुए रहीम यार खान एयरबेस के ईंट और रोड़े बीन रहा पाकिस्तान, बंद हुईं उड़ानें
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