विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी जैसे सैन्य अधिकारी कब बनते हैं? ग्रहों से जानें

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर आज हर भारतीय को गर्व है. इन दोनों महिला अधिकारियों ने अपने साहस और नेतृत्व से देश का गौरव पूरी दुनिया में बढ़ाया है. विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी न केवल भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रतीक हैं, बल्कि उन्होंने अपने नेतृत्व, साहस और समर्पण से देशवासियों का सिर गर्व से ऊंचा किया है. आज भारत के हर घर में इनकी चर्चा हो रही है, लाखों बेटियों के लिए ये बहादुर सैन्य अधिकारी प्रेरणा बन गई हैं. भारत की बेटियां आज हर मोर्चे पर देश का मान बढ़ा रही हैं. विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी इसका अद्भुत उदाहरण हैं, पर क्या ऐसे साहसी और प्रेरणादायक व्यक्तित्व केवल कर्म पर आधारित होते हैं या इनकी कुंडली में भी कोई विशेष बात होती है? आइए ज्योतिष से समझते हैं कि किन योगों और दशाओं के कारण व्यक्ति सेना में उच्च अधिकारी बन सकता है. कौन-कौन से ग्रह बनाते हैं सेना अधिकारी?1. मंगल ग्रह (Mars): ज्योतिष में मंगल ग्रह को साहस, पराक्रम, बल और सेना का प्रतीक माना जाता है. सेना, पुलिस, अग्निशमन या सर्जरी जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए मंगल की स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण होती है. लग्न, दशम भाव या अष्टम भाव में मंगल की स्थिति व्यक्ति को युद्ध क्षमता, निर्णय शक्ति और नेतृत्व प्रदान करती है. मंगल यदि सूर्य, शनि या राहु के साथ हो, तो व्यक्ति में रिस्क लेने की प्रवृत्ति होती है. 2. सूर्य (Sun): सूर्य से नेतृत्व और प्रशासनिक क्षमता मिलती है. किसी भी अधिकारी रैंक तक पहुंचने में सूर्य की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है. सूर्य की उच्च स्थिति मेष राशि या केंद्र या त्रिकोण में हो तो सेना के उच्चाधिकारी बनने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. सूर्य-मंगल की युति प्रशासन और पराक्रम का मेल दिखाता है. 3. शनि (Saturn): शनि देव को अनुशासन और संघर्ष का प्रतीक माना गया है. सेना में कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है, जो शनि प्रदान करता है. दशम भाव में शनि या शनि की महादशा व्यक्ति को नियमबद्ध, संयमी और ड्यूटी के प्रति कटिबद्ध बनाती है. ज्योतिष के विशेष योग जो सेना अधिकारी बनाते हैं1. रुचक योग: पंच महापुरुष योगों में से एक है. यदि मंगल केंद्र में उच्च का मेष, वृश्चिक या मकर राशि में तो यह योग साहसी, दृढ़निश्चयी और युद्ध-कला में निपुण बनाता है. 2. शश योग: यदि शनि केंद्र में तुला, मकर, कुंभ में हो  तो यह व्यक्ति को कर्तव्यनिष्ठ और अनुशासित बनाता है. 3. दशम भाव और उसका स्वामी: दशम भाव करियर का भाव है. यदि इसका स्वामी मंगल, सूर्य या शनि हों और शुभ भाव में स्थित हों तो व्यक्ति सेना में ऊंचे पद पर पहुंच सकता है. कुंडली में योग और दशा भी दिलाती है सफलताज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में केवल योग होना काफी नहीं है, उसका फल तब मिलेगा जब संबंधित ग्रह की महादशा या अंतरदशा भी अनुकूल हो. उदाहरण के लिए- मंगल की महादशा में NDA/IMA की तैयारी में सफलता सूर्य की अंतरदशा में SSB क्लियर करना शनि की महादशा में पोस्टिंग और प्रमोशन विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी की जन्म कुंडलियां उपलब्ध नहीं हैं, फिर भी उनके कार्यक्षेत्र और जीवनशैली के आधार पर कुछ ज्योतिषीय संभावनाएं नजर आती हैं- मंगल और सूर्य की शक्ति प्रधान रही होगी दशम भाव में शुभ ग्रहों का योग शनि की मजबूत स्थिति जिसने अनुशासन और स्थायित्व दिया चंद्र और गुरु ने मानसिक दृढ़ता और निर्णय क्षमता को बढ़ाया होगा महिलाएं सेना में कब जाती हैं?ज्योतिष से इसका पता लगाना जटिल है लेकिन सही गणना से काफी हद तक पता लगाया जा सकता है. कुंडली में यदि लग्न और चंद्र लग्न दोनों का बलवान हो तो ऐसी महिलाएं सेना या पुलिस में सेवाएं देती है. मंगल, सूर्य और शनि के साथ शुक्र का भी सहयोग और नवांश कुंडली में भी मंगल,सूर्य,शनि का संयोग बने को तो देश सेवा का अवसर प्राप्त होता है. साथ ही कुंडली के चौथे, दशम और एकादश भाव अगर मजबूत हो तो सेना या पुलिस में अच्छा पद मिलने की संभावना बढ़ जाती है. ज्योतिष के अनुसार मंगल, सूर्य और शनि के बलवान योग, रुचक या शश योग जैसे महायोग और सही दशा के संयोग में व्यक्ति असंभव को भी संभव बना सकता है.

May 16, 2025 - 23:30
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विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी जैसे सैन्य अधिकारी कब बनते हैं? ग्रहों से जानें

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर आज हर भारतीय को गर्व है. इन दोनों महिला अधिकारियों ने अपने साहस और नेतृत्व से देश का गौरव पूरी दुनिया में बढ़ाया है.

विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी न केवल भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रतीक हैं, बल्कि उन्होंने अपने नेतृत्व, साहस और समर्पण से देशवासियों का सिर गर्व से ऊंचा किया है. आज भारत के हर घर में इनकी चर्चा हो रही है, लाखों बेटियों के लिए ये बहादुर सैन्य अधिकारी प्रेरणा बन गई हैं.

भारत की बेटियां आज हर मोर्चे पर देश का मान बढ़ा रही हैं. विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी इसका अद्भुत उदाहरण हैं, पर क्या ऐसे साहसी और प्रेरणादायक व्यक्तित्व केवल कर्म पर आधारित होते हैं या इनकी कुंडली में भी कोई विशेष बात होती है? आइए ज्योतिष से समझते हैं कि किन योगों और दशाओं के कारण व्यक्ति सेना में उच्च अधिकारी बन सकता है.

कौन-कौन से ग्रह बनाते हैं सेना अधिकारी?
1. मंगल ग्रह (Mars): ज्योतिष में मंगल ग्रह को साहस, पराक्रम, बल और सेना का प्रतीक माना जाता है. सेना, पुलिस, अग्निशमन या सर्जरी जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए मंगल की स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण होती है.

लग्न, दशम भाव या अष्टम भाव में मंगल की स्थिति व्यक्ति को युद्ध क्षमता, निर्णय शक्ति और नेतृत्व प्रदान करती है. मंगल यदि सूर्य, शनि या राहु के साथ हो, तो व्यक्ति में रिस्क लेने की प्रवृत्ति होती है.

2. सूर्य (Sun): सूर्य से नेतृत्व और प्रशासनिक क्षमता मिलती है. किसी भी अधिकारी रैंक तक पहुंचने में सूर्य की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है. सूर्य की उच्च स्थिति मेष राशि या केंद्र या त्रिकोण में हो तो सेना के उच्चाधिकारी बनने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. सूर्य-मंगल की युति प्रशासन और पराक्रम का मेल दिखाता है.

3. शनि (Saturn): शनि देव को अनुशासन और संघर्ष का प्रतीक माना गया है. सेना में कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है, जो शनि प्रदान करता है. दशम भाव में शनि या शनि की महादशा व्यक्ति को नियमबद्ध, संयमी और ड्यूटी के प्रति कटिबद्ध बनाती है.

ज्योतिष के विशेष योग जो सेना अधिकारी बनाते हैं
1. रुचक योग: पंच महापुरुष योगों में से एक है. यदि मंगल केंद्र में उच्च का मेष, वृश्चिक या मकर राशि में तो यह योग साहसी, दृढ़निश्चयी और युद्ध-कला में निपुण बनाता है.

2. शश योग: यदि शनि केंद्र में तुला, मकर, कुंभ में हो  तो यह व्यक्ति को कर्तव्यनिष्ठ और अनुशासित बनाता है.

3. दशम भाव और उसका स्वामी: दशम भाव करियर का भाव है. यदि इसका स्वामी मंगल, सूर्य या शनि हों और शुभ भाव में स्थित हों तो व्यक्ति सेना में ऊंचे पद पर पहुंच सकता है.

कुंडली में योग और दशा भी दिलाती है सफलता
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में केवल योग होना काफी नहीं है, उसका फल तब मिलेगा जब संबंधित ग्रह की महादशा या अंतरदशा भी अनुकूल हो. उदाहरण के लिए-

मंगल की महादशा में NDA/IMA की तैयारी में सफलता

  • सूर्य की अंतरदशा में SSB क्लियर करना
  • शनि की महादशा में पोस्टिंग और प्रमोशन

विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी की जन्म कुंडलियां उपलब्ध नहीं हैं, फिर भी उनके कार्यक्षेत्र और जीवनशैली के आधार पर कुछ ज्योतिषीय संभावनाएं नजर आती हैं-

  • मंगल और सूर्य की शक्ति प्रधान रही होगी
  • दशम भाव में शुभ ग्रहों का योग
  • शनि की मजबूत स्थिति जिसने अनुशासन और स्थायित्व दिया
  • चंद्र और गुरु ने मानसिक दृढ़ता और निर्णय क्षमता को बढ़ाया होगा

महिलाएं सेना में कब जाती हैं?
ज्योतिष से इसका पता लगाना जटिल है लेकिन सही गणना से काफी हद तक पता लगाया जा सकता है. कुंडली में यदि लग्न और चंद्र लग्न दोनों का बलवान हो तो ऐसी महिलाएं सेना या पुलिस में सेवाएं देती है.

मंगल, सूर्य और शनि के साथ शुक्र का भी सहयोग और नवांश कुंडली में भी मंगल,सूर्य,शनि का संयोग बने को तो देश सेवा का अवसर प्राप्त होता है. साथ ही कुंडली के चौथे, दशम और एकादश भाव अगर मजबूत हो तो सेना या पुलिस में अच्छा पद मिलने की संभावना बढ़ जाती है.

ज्योतिष के अनुसार मंगल, सूर्य और शनि के बलवान योग, रुचक या शश योग जैसे महायोग और सही दशा के संयोग में व्यक्ति असंभव को भी संभव बना सकता है.

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