ये 6 लक्षण दिखें तो समझ जाएं टीनएजर्स को पड़ने वाला है हार्ट अटैक, जानें बच्चे को सेफ रखने के तरीके
हार्ट अटैक ज्यादातर बड़े लोगों को होता है, लेकिन आजकल की लाइफस्टाइल के कारण टीनएजर्स में भी इसका खतरा बढ़ रहा है. खराब डाइट, कम एक्सरसाइज, स्मोकिंग, ड्रग्स और ज्यादा स्ट्रेस जैसी आदतें दिल को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे कम उम्र में भी हार्ट प्रॉब्लम हो सकती हैं. सागर हॉस्पिटल के हार्ट सर्जन डॉ. बलबीर सिंह कहते हैं कि गलत लाइफस्टाइल के कारण टीनएजर्स में हार्ट की बीमारियों का जोखिम बढ़ रहा है. जैसा कि इस उम्र में हार्ट प्रॉब्लम की उम्मीद कम होती है, इसलिए अक्सर शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाता है. यह अनदेखी इलाज में देरी का कारण बन सकती है, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है। इस जोखिम को कम करने के लिए जागरूकता और स्वस्थ आदतें अपनाना बहुत जरूरी है. टीनएजर्स में हार्ट अटैक के आम लक्षण टीनएजर्स में हार्ट अटैक के लक्षण एडल्ट्स से थोड़े अलग हो सकते हैं. इन लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है. सीने में दर्द या बेचैनी: यह सबसे कॉमन सिम्पटम है. सीने के बीच में प्रेशर, टाइट फीलिंग या भारीपन महसूस हो सकता है, जो कुछ मिनटों तक रहता है. इस लक्षण को नजरअंदाज न करें, भले ही यह हल्का या रुक-रुक कर हो. सांस लेने में दिक्कत: बिना किसी वजह के सांस फूलना या ऐसा लगना कि पूरी सांस नहीं मिल रही है. यह अचानक हो सकता है या समय के साथ धीरे-धीरे बिगड़ सकता है. दूसरे हिस्सों में दर्द: चेस्ट पेन अक्सर बाएं हाथ, पीठ, गर्दन या जबड़े तक फैल सकता है. लोग इसे अक्सर मसल पेन या इनडाइजेशन समझ लेते हैं. अजीब थकान या कमजोरी: बिना किसी खास वजह के बहुत ज़्यादा थकान या कमजोरी महसूस होना. यह लक्षण डेली एक्टीविटीज में बाधा डाल सकता है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए. चक्कर आना या लाइटहेडेडनेस: अचानक चक्कर आना या बेहोश होने जैसा महसूस होना. इसके साथ तेज या अनियमित दिल की धड़कन भी हो सकती है. उल्टी या पसीना: कुछ टीनएजर्स को हार्ट अटैक के समय अचानक उल्टी या ठंडा पसीना आ सकता है, जिसे लोग अक्सर फ्लू समझ लेते हैं। यह जानना क्यों जरूरी है? टीनएजर्स और उनके पैरेंट्स अक्सर इन लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं या इन्हें चिंता, मांसपेशियों में खिंचाव जैसी कम गंभीर समस्याएं समझ लेते हैं. ऐसे शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करने से इलाज में देरी हो सकती है और गंभीर हार्ट डैमेज या अचानक कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ सकता है. अगर इनमें से कोई भी सिम्पटम दिखे, खासकर सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत, तो फौरन इमरजेंसी मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए. समय पर इलाज मिलने से बड़ी दिक्कत से बचा जा सकता है. ये भी पढ़ें: हार्ट अटैक का कारण बन सकती है ये 5 सफेद चीजें, कहीं आप तो नहीं कर रहे खाने की गलती Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

हार्ट अटैक ज्यादातर बड़े लोगों को होता है, लेकिन आजकल की लाइफस्टाइल के कारण टीनएजर्स में भी इसका खतरा बढ़ रहा है. खराब डाइट, कम एक्सरसाइज, स्मोकिंग, ड्रग्स और ज्यादा स्ट्रेस जैसी आदतें दिल को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे कम उम्र में भी हार्ट प्रॉब्लम हो सकती हैं.
सागर हॉस्पिटल के हार्ट सर्जन डॉ. बलबीर सिंह कहते हैं कि गलत लाइफस्टाइल के कारण टीनएजर्स में हार्ट की बीमारियों का जोखिम बढ़ रहा है. जैसा कि इस उम्र में हार्ट प्रॉब्लम की उम्मीद कम होती है, इसलिए अक्सर शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाता है. यह अनदेखी इलाज में देरी का कारण बन सकती है, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है। इस जोखिम को कम करने के लिए जागरूकता और स्वस्थ आदतें अपनाना बहुत जरूरी है.
टीनएजर्स में हार्ट अटैक के आम लक्षण
टीनएजर्स में हार्ट अटैक के लक्षण एडल्ट्स से थोड़े अलग हो सकते हैं. इन लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है.
- सीने में दर्द या बेचैनी: यह सबसे कॉमन सिम्पटम है. सीने के बीच में प्रेशर, टाइट फीलिंग या भारीपन महसूस हो सकता है, जो कुछ मिनटों तक रहता है. इस लक्षण को नजरअंदाज न करें, भले ही यह हल्का या रुक-रुक कर हो.
- सांस लेने में दिक्कत: बिना किसी वजह के सांस फूलना या ऐसा लगना कि पूरी सांस नहीं मिल रही है. यह अचानक हो सकता है या समय के साथ धीरे-धीरे बिगड़ सकता है.
- दूसरे हिस्सों में दर्द: चेस्ट पेन अक्सर बाएं हाथ, पीठ, गर्दन या जबड़े तक फैल सकता है. लोग इसे अक्सर मसल पेन या इनडाइजेशन समझ लेते हैं.
- अजीब थकान या कमजोरी: बिना किसी खास वजह के बहुत ज़्यादा थकान या कमजोरी महसूस होना. यह लक्षण डेली एक्टीविटीज में बाधा डाल सकता है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
- चक्कर आना या लाइटहेडेडनेस: अचानक चक्कर आना या बेहोश होने जैसा महसूस होना. इसके साथ तेज या अनियमित दिल की धड़कन भी हो सकती है.
- उल्टी या पसीना: कुछ टीनएजर्स को हार्ट अटैक के समय अचानक उल्टी या ठंडा पसीना आ सकता है, जिसे लोग अक्सर फ्लू समझ लेते हैं।
यह जानना क्यों जरूरी है?
टीनएजर्स और उनके पैरेंट्स अक्सर इन लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं या इन्हें चिंता, मांसपेशियों में खिंचाव जैसी कम गंभीर समस्याएं समझ लेते हैं. ऐसे शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करने से इलाज में देरी हो सकती है और गंभीर हार्ट डैमेज या अचानक कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ सकता है. अगर इनमें से कोई भी सिम्पटम दिखे, खासकर सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत, तो फौरन इमरजेंसी मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए. समय पर इलाज मिलने से बड़ी दिक्कत से बचा जा सकता है.
ये भी पढ़ें: हार्ट अटैक का कारण बन सकती है ये 5 सफेद चीजें, कहीं आप तो नहीं कर रहे खाने की गलती
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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