भारत के सिर्फ इस कदम भर से चीन के बराबर हो जाएगी इकोनॉमी, नीति आयोग के सदस्य ने बतायी स्ट्रैटजी
भारत की आर्थिक रफ्तार जिस गति से बढ़ रही है, उससे जल्द देश की इकोनॉमी कहां पहुंच जाएगा ये नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर अरविंद विरमानी की बातों से समझा जा सकता है. उन्होंने एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा 2027 या फिर 28 तक भारत दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा और जर्मनी को पीछे छोड़ देगा, जो इस वक्त तीसरे नंबर पर है. उन्होंने कहा कि 2025 के आखिर तक जापान को पछाड़कर भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है. आईएमएफ की तरफ से अप्रैल में जारी अपनी विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा था कि भारत के 2025 में 4.19 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ जापान से आगे निकलकर दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बेहद करीब है. 2050 तक चीन के बराबर इकोनॉमी विरमानी ने आगे कहा कि अगर भारतीय इकोनॉमी अगले 25 साल तक सालाना 6 या फिर 6.5 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ती है तो ये चीन के बराबर हो जाएगी. उन्होंने भारत और अमेरिकी के बीच होने जा रहे द्विपक्षीय व्यापार समझौते को भारत के आर्थिक विस्तार के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने अगले कुछ वर्षों के रोडपैम के बारे में बताते हुए कहा कि टैरिफ को लेकर जो अनिश्चितताएं बनी हुई हैं, उसका खत्म होना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि ये अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर काफी बुरा असर डाल रहा है. विरमानी ने समाचार एजेंसी पीटीटआई से बात करते हुए बताया कि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की प्रक्रिया में है. उन्हें व्यक्तिगत रूप से विश्वास है कि 2025 के अंत तक ऐसा हो जाएगा. भारत के ग्रोथ से पीछे छूटेगा जापान इससे पहले नीति आयोग के सीईओ BVR सुब्रह्मण्यम ने कहा था कि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. इस बारे में टिप्पणी के लिए कहे जाने पर प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा, ‘‘यह एक जटिल सवाल है और मुझे वास्तव में नहीं पता कि किसी ने क्या शब्द इस्तेमाल किए हैं. शायद कोई शब्द छूट गया हो या कुछ और हो.’’ सुब्रमण्यम ने हाल ही में आईएमएफ के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा था कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार जापान से बड़ा हो चुका है. सुब्रमण्यम ने कुछ दिन पहले कहा था, ‘‘मैं जब बोल रहा हूं, तब हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. मैं जब बोल रहा हूं, तब हम चार लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था हो चुके हैं.’’ विरमानी ने इस बयान पर कहा, ‘‘जब हम सार्वजनिक रूप से अर्थव्यवस्थाओं के आकार पर चर्चा करते हैं, तो आमतौर पर अमेरिकी डॉलर की मौजूदा कीमतों का इस्तेमाल करते हैं. जब हम अर्थव्यवस्था की तुलना करते हैं, तो हम आमतौर पर ऐसा वार्षिक जीडीपी के संदर्भ में करते हैं.’’ उन्होंने कहा कि अप्रैल में जारी अपनी रिपोर्ट में IMF ने एक सटीक संख्या दी थी जिससे पता चला कि 2025 के पूरे साल के लिए भारत की GDP जापान की तुलना में अधिक हो जाएगी. ये भी पढ़ें: इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों को बड़ी राहत, अब इस तारीख तक फाइल कर पाएंगे ITR

भारत की आर्थिक रफ्तार जिस गति से बढ़ रही है, उससे जल्द देश की इकोनॉमी कहां पहुंच जाएगा ये नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर अरविंद विरमानी की बातों से समझा जा सकता है. उन्होंने एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा 2027 या फिर 28 तक भारत दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा और जर्मनी को पीछे छोड़ देगा, जो इस वक्त तीसरे नंबर पर है.
उन्होंने कहा कि 2025 के आखिर तक जापान को पछाड़कर भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है. आईएमएफ की तरफ से अप्रैल में जारी अपनी विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा था कि भारत के 2025 में 4.19 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ जापान से आगे निकलकर दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बेहद करीब है.
2050 तक चीन के बराबर इकोनॉमी
विरमानी ने आगे कहा कि अगर भारतीय इकोनॉमी अगले 25 साल तक सालाना 6 या फिर 6.5 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ती है तो ये चीन के बराबर हो जाएगी. उन्होंने भारत और अमेरिकी के बीच होने जा रहे द्विपक्षीय व्यापार समझौते को भारत के आर्थिक विस्तार के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण बताया.
उन्होंने अगले कुछ वर्षों के रोडपैम के बारे में बताते हुए कहा कि टैरिफ को लेकर जो अनिश्चितताएं बनी हुई हैं, उसका खत्म होना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि ये अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर काफी बुरा असर डाल रहा है. विरमानी ने समाचार एजेंसी पीटीटआई से बात करते हुए बताया कि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की प्रक्रिया में है. उन्हें व्यक्तिगत रूप से विश्वास है कि 2025 के अंत तक ऐसा हो जाएगा.
भारत के ग्रोथ से पीछे छूटेगा जापान
इससे पहले नीति आयोग के सीईओ BVR सुब्रह्मण्यम ने कहा था कि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. इस बारे में टिप्पणी के लिए कहे जाने पर प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा, ‘‘यह एक जटिल सवाल है और मुझे वास्तव में नहीं पता कि किसी ने क्या शब्द इस्तेमाल किए हैं. शायद कोई शब्द छूट गया हो या कुछ और हो.’’ सुब्रमण्यम ने हाल ही में आईएमएफ के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा था कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार जापान से बड़ा हो चुका है. सुब्रमण्यम ने कुछ दिन पहले कहा था, ‘‘मैं जब बोल रहा हूं, तब हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. मैं जब बोल रहा हूं, तब हम चार लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था हो चुके हैं.’’
विरमानी ने इस बयान पर कहा, ‘‘जब हम सार्वजनिक रूप से अर्थव्यवस्थाओं के आकार पर चर्चा करते हैं, तो आमतौर पर अमेरिकी डॉलर की मौजूदा कीमतों का इस्तेमाल करते हैं. जब हम अर्थव्यवस्था की तुलना करते हैं, तो हम आमतौर पर ऐसा वार्षिक जीडीपी के संदर्भ में करते हैं.’’ उन्होंने कहा कि अप्रैल में जारी अपनी रिपोर्ट में IMF ने एक सटीक संख्या दी थी जिससे पता चला कि 2025 के पूरे साल के लिए भारत की GDP जापान की तुलना में अधिक हो जाएगी.
ये भी पढ़ें: इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों को बड़ी राहत, अब इस तारीख तक फाइल कर पाएंगे ITR
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