पैरों में क्यों पहनते हैं काला धागा? जान लें इससे जरूरी बातें

Benefits of Wearing Black Thread on Leg: भारत में परंपराओं और मान्यताओं का गहरा रिश्ता हमारी जीवनशैली से जुड़ा हुआ है.इन्हीं मान्यताओं में से एक है काला धागा पहनना, खासकर पैरों में...अक्सर आपने देखा होगा कि बच्चे, महिलाएं पैरों की एड़ी या टखने में काला धागा पहनते हैं. कई लोग इसे सिर्फ अंधविश्वास मानते हैं, तो कुछ इसे स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ा बताते हैं. लेकिन आखिर पैरों में काला धागा पहनने का क्या कारण है और इसके पीछे कौन-सी मान्यताएं छिपी हैं? नजर से बचाने का उपाय भारतीय परंपरा में यह माना जाता है कि काला धागा बुरी नजर से बचाता है. खासकर छोटे बच्चों के पैरों में यह इसलिए बांधा जाता है ताकि उन पर नजर न लगे और वे स्वस्थ रहें। काला रंग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने वाला माना जाता है, इसीलिए पैरों में काला धागा पहनना शुभ माना जाता है. ये भी पढ़े- पायल मलिक ने IVF के बाद नैचुरली किया कंसीव, जानें कैसे हुआ यह पॉसिबल? धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काला धागा पहनना शनि दोष और राहु-केतु से संबंधित परेशानियों को कम करता है. पैरों में काला धागा पहनने से ग्रहों का बुरा असर कम होता है और जीवन में नकारात्मकता घटती है. कई लोग इसे मंगलवार या शनिवार को विशेष विधि से धारण करते हैं ताकि इसका प्रभाव और भी बढ़ सके. स्वास्थ्य से जुड़ी मान्यता यह पैरों की नसों को मजबूती प्रदान करता है थकान और पैरों में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है कुछ लोग मानते हैं कि इससे ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है इन दावों के पीछे वैज्ञानिक प्रमाण सीमित हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी इसे एक कारगर घरेलू उपाय माना जाता है बच्चों में काला धागा पहनाने की परंपरा छोटे बच्चों के पैरों में काला धागा बांधना एक आम परंपरा है. इसका उद्देश्य उन्हें नज़र से बचाना और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखना होता है. कई परिवारों में इसे जन्म के तुरंत बाद ही बच्चे को पहनाया जाता है. फैशन और ट्रेंड के लिए पहनना आज के समय में पैरों में काला धागा पहनना सिर्फ परंपरा तक सीमित नहीं है. यह धीरे-धीरे फैशन का हिस्सा भी बन गया है. कई युवा इसे एंकलेट या स्टाइलिश धागे की तरह पहनते हैं. इसमें मोती या छोटे-छोटे चार्म्स भी लगाए जाते हैं, जो इसे और आकर्षक बना देते हैं. इसे भी पढ़ें- बच्चों के लिए सोने का सही वक्त कौन-सा, जानें कब और कितना सोना सबसे सही? Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Aug 19, 2025 - 14:30
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पैरों में क्यों पहनते हैं काला धागा? जान लें इससे जरूरी बातें

Benefits of Wearing Black Thread on Leg: भारत में परंपराओं और मान्यताओं का गहरा रिश्ता हमारी जीवनशैली से जुड़ा हुआ है.इन्हीं मान्यताओं में से एक है काला धागा पहनना, खासकर पैरों में...अक्सर आपने देखा होगा कि बच्चे, महिलाएं पैरों की एड़ी या टखने में काला धागा पहनते हैं. कई लोग इसे सिर्फ अंधविश्वास मानते हैं, तो कुछ इसे स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ा बताते हैं. लेकिन आखिर पैरों में काला धागा पहनने का क्या कारण है और इसके पीछे कौन-सी मान्यताए छिपी हैं?

नजर से बचाने का उपाय

भारतीय परंपरा में यह माना जाता है कि काला धागा बुरी नजर से बचाता है. खासकर छोटे बच्चों के पैरों में यह इसलिए बांधा जाता है ताकि उन पर नजर न लगे और वे स्वस्थ रहें। काला रंग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने वाला माना जाता है, इसीलिए पैरों में काला धागा पहनना शुभ माना जाता है.

ये भी पढ़े- पायल मलिक ने IVF के बाद नैचुरली किया कंसीव, जानें कैसे हुआ यह पॉसिबल?

धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काला धागा पहनना शनि दोष और राहु-केतु से संबंधित परेशानियों को कम करता है. पैरों में काला धागा पहनने से ग्रहों का बुरा असर कम होता है और जीवन में नकारात्मकता घटती है. कई लोग इसे मंगलवार या शनिवार को विशेष विधि से धारण करते हैं ताकि इसका प्रभाव और भी बढ़ सके.

स्वास्थ्य से जुड़ी मान्यता

  • यह पैरों की नसों को मजबूती प्रदान करता है
  • थकान और पैरों में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है
  • कुछ लोग मानते हैं कि इससे ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है
  • इन दावों के पीछे वैज्ञानिक प्रमाण सीमित हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी इसे एक कारगर घरेलू उपाय माना जाता है

बच्चों में काला धागा पहनाने की परंपरा

छोटे बच्चों के पैरों में काला धागा बांधना एक आम परंपरा है. इसका उद्देश्य उन्हें नज़र से बचाना और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखना होता है. कई परिवारों में इसे जन्म के तुरंत बाद ही बच्चे को पहनाया जाता है.

फैशन और ट्रेंड के लिए पहनना

आज के समय में पैरों में काला धागा पहनना सिर्फ परंपरा तक सीमित नहीं है. यह धीरे-धीरे फैशन का हिस्सा भी बन गया है. कई युवा इसे एंकलेट या स्टाइलिश धागे की तरह पहनते हैं. इसमें मोती या छोटे-छोटे चार्म्स भी लगाए जाते हैं, जो इसे और आकर्षक बना देते हैं.

इसे भी पढ़ें- बच्चों के लिए सोने का सही वक्त कौन-सा, जानें कब और कितना सोना सबसे सही?

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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