पी. चिदंबरम का जगदीप धनखड़ को लेकर हैरान करने वाला दावा, बताया क्यों देना पड़ा इस्तीफा

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपने कार्यकाल के दौरान काफी चर्चा में रहे थे और उनका इस्तीफा भी सुर्खियों में रहा. कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने धनखड़ को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि धनखड़ के रिश्ते सरकार के साथ खराब हो गए थे. उन्होंने कहा, ''जगदीप धनखड़ को इसलिए इस्तीफा देना पड़ा, क्यों कि उन्होंने अपनी सीमा पार कर ली थी.'' चिदंबरम ने जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ''जगदीप धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव स्वीकार करके सरकार का विरोध किया था. जब धनखड़ ने सरकार का भरोसा खो दिया तो उन्हें जाना पड़ गया.'' चिदंबरम ने कहा कि धनखड़ और सरकार के रास्ते अलग हो गए हैं, वे दोनों एकमत नहीं हैं. धनखड़ का नहीं हुआ विदाई समारोह तो क्या बोले चिदंबरम कांग्रेस नेता चिदंबरम ने कहा कि सरकार और धनखड़ के बीच कोई आपसी सम्मान नहीं बचा है. उन्होंने कहा कि धनखड़ ने जिस तरह से इस्तीफे को लेकर औपचारिक घोषणा की, वह इसी बात का सबूत है. चिदंबरम ने कहा, उपसभापति ने राज्यसभा में उपराष्ट्रपति का पद खाली होने को लेकर संक्षिप्त जानकारी दी और यह भी कहा कि कार्यक्रम का ऐलान बाद में होगा. इसका साफ मतलब है कि सरकार ने शांति से जगदीप धनखड़ को अलविदा कहा है. इन दोनों का विश्वास पूरी तरह टूट गया है. धनखड़ के इस्तीफे की क्या है पूरी कहानी दरअसल सोमवार (21 जुलाई) से संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई. सत्र की शुरुआत में ही जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. मंगलवार (22 जुलाई) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस्तीफा मंजूर कर लिया. इससे पहले एक बड़ा घटनाक्रम हुआ. धनखड़ ने सोमवार को 4.30 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक बुलाई थी. इसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू शामिल नहीं हुए थे. इसको लेकर धनखड़ नाराज थे. एनडीटीवी ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि इसके बाद धनखड़ के बाद एक फोन कॉल आया था. फोन पर उनकी तीखी बहस भी हुई, जिसके धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया.

Jul 23, 2025 - 09:30
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पी. चिदंबरम का जगदीप धनखड़ को लेकर हैरान करने वाला दावा, बताया क्यों देना पड़ा इस्तीफा

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपने कार्यकाल के दौरान काफी चर्चा में रहे थे और उनका इस्तीफा भी सुर्खियों में रहा. कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने धनखड़ को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि धनखड़ के रिश्ते सरकार के साथ खराब हो गए थे. उन्होंने कहा, ''जगदीप धनखड़ को इसलिए इस्तीफा देना पड़ा, क्यों कि उन्होंने अपनी सीमा पार कर ली थी.''

चिदंबरम ने जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ''जगदीप धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव स्वीकार करके सरकार का विरोध किया था. जब धनखड़ ने सरकार का भरोसा खो दिया तो उन्हें जाना पड़ गया.'' चिदंबरम ने कहा कि धनखड़ और सरकार के रास्ते अलग हो गए हैं, वे दोनों एकमत नहीं हैं.

धनखड़ का नहीं हुआ विदाई समारोह तो क्या बोले चिदंबरम

कांग्रेस नेता चिदंबरम ने कहा कि सरकार और धनखड़ के बीच कोई आपसी सम्मान नहीं बचा है. उन्होंने कहा कि धनखड़ ने जिस तरह से इस्तीफे को लेकर औपचारिक घोषणा की, वह इसी बात का सबूत है. चिदंबरम ने कहा, उपसभापति ने राज्यसभा में उपराष्ट्रपति का पद खाली होने को लेकर संक्षिप्त जानकारी दी और यह भी कहा कि कार्यक्रम का ऐलान बाद में होगा. इसका साफ मतलब है कि सरकार ने शांति से जगदीप धनखड़ को अलविदा कहा है. इन दोनों का विश्वास पूरी तरह टूट गया है.

धनखड़ के इस्तीफे की क्या है पूरी कहानी

दरअसल सोमवार (21 जुलाई) से संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई. सत्र की शुरुआत में ही जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. मंगलवार (22 जुलाई) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस्तीफा मंजूर कर लिया. इससे पहले एक बड़ा घटनाक्रम हुआ. धनखड़ ने सोमवार को 4.30 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक बुलाई थी. इसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू शामिल नहीं हुए थे. इसको लेकर धनखड़ नाराज थे. एनडीटीवी ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि इसके बाद धनखड़ के बाद एक फोन कॉल आया था. फोन पर उनकी तीखी बहस भी हुई, जिसके धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया.

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