नाक से सांस लेने और मुंह से सांस लेने में क्या है अंतर? जानें दोनों के फायदे और नुकसान

सांसों पर ही हमारा जीवन टिका हुआ है. अगर सांसें बंद हुई तो ज‍िंदगी भी खत्‍म. ऐसे में सांस लेने की प्रकिया की देखभाल भी जरूरी है. लोग मुंह या नाक से सांस लेते हैं. लेकिन इस बात को लेकर हमेशा कंफ्यूजन रहता है, सही तरीका काैन सा है. इन दोनों तरीकों से सांस लेने के फायदे और नुकसान क्या हैं? क्या शरीर पर इसका कोई असर पड़ता है? ऐसे सवाल लोगों के मन में अक्सर उठा करते हैं, आइए इनका जवाब जानते हैं... नाक का काम बाॅडी में नाक का काम सांस भरना और छोड़ना है. नाक से सांस लेने पर शरीर में ऑक्‍सीजन पहुंचती है और कार्बन डाईऑक्साइड के फॉर्म में शरीर के लिए हानिकारक तत्व बाहर न‍िकलते हैं. ये बाॅडी में सांसों का फिल्टर है. बॉडी में हवा को जाने से पहले साफ कर देती है ताक‍ि शरीर फ्रेश सांस ले सके. इससे इंफेक्‍शन का खतरा कम होने के साथ फेफड़ों तक एयरफ्लो बेहतर करने में मदद मिलती है.  मुंह का यूज बाॅडी में मुंह का उपयोग खाने-पीने, बोलने के ल‍िए क‍िया जाता है. कुछ लोग मुंह से ही सांस लेते हैं. लेकिन नाक की तुलना में मुंह में क‍िसी तरह का फ‍िल्‍टर नहीं होता है. ऐसे में मुंह से सांस लेने पर हवा फ‍िल्‍टर हुए बगैर ही शरीर में चली चली जाती है. इससे शरीर में बीमारी और इन्‍फेक्‍शन का खतरा बढ़ जाता है. कैसे लेनी चाहिए सांस? हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, हेल्दी बाॅडी के लिए नाक से सांस लेना उचित होता है. नाक से सांस लेने पर शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है. इससे बाॅडी में नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा बढ़ेगी. ये शरीर में मौजूद ब्‍लड वेसल्‍स में बनने वाली गैस है. इसकी मदद से खून पतला होता है और बीपी कंट्रोल रहता है. नाक से सांस न लेने पर नाइट्र‍िक एस‍िड की कमी हो सकती है ज‍िससे द‍िल की बीमार‍ियों का​ रिस्क बढ़ सकता है. नाक से सांस लेने के फायदे नाक में छोटे-छोटे बाल और म्यूकस होते हैं. ये फिल्टर का काम करते हैं. सांस लेने के दाैरान बाहर हवा में पाए जाने वाले धूल, धुएं और बैक्टीरिया जैसे जहरीले तत्वों को फिल्टर कर देते हैं. बाॅडी में नाइट्रिक ऑक्साइड नाम की गैस बनती है. ये इम्‍युन‍िटी को मजबूत बनाती है. इससे शरीर में संक्रमण से लड़ने की ताकत बढ़ जाती है. डाइजेशन सिस्टम इंप्रूव करने में मदद मिलती है. प्राॅपर नींद में मददगार साबित होती है. मुंह से सांस लेने के नुकसान ओरल प्राॅब्लम का सामना करना पड़ सकता है. दांतों और मसूड़ों की बीमारियां होने का रिस्क बढ़ जाता है. बाॅडी को प्राॅपर ऑक्सीजन नहीं मिल पाती. इससे थकान जल्दी महसूस होती है. अगर कोई लंबे समय तक मुंह से सांस लेने पर चेहरे की हड्डियां प्रभावित होती हैं. सोते समय मुंह से सांस लेने पर मुंह को नम रखने वाली लार सूख जाती है. इससे सांसों में बदबू आती है. खर्राटे और रात में बार-बार जागने की दिक्कत हो सकती है. ये भी पढ़ें: दही के बिना अधूरी रहती है आपके खाने की थाली तो जान लें ये बातें, शरीर को नहीं पहुंचेगा नुकसान Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

Jun 6, 2025 - 16:30
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नाक से सांस लेने और मुंह से सांस लेने में क्या है अंतर? जानें दोनों के फायदे और नुकसान

सांसों पर ही हमारा जीवन टिका हुआ है. अगर सांसें बंद हुई तो ज‍िंदगी भी खत्‍म. ऐसे में सांस लेने की प्रकिया की देखभाल भी जरूरी है. लोग मुंह या नाक से सांस लेते हैं. लेकिन इस बात को लेकर हमेशा कंफ्यूजन रहता है, सही तरीका काैन सा है. इन दोनों तरीकों से सांस लेने के फायदे और नुकसान क्या हैं? क्या शरीर पर इसका कोई असर पड़ता है? ऐसे सवाल लोगों के मन में अक्सर उठा करते हैं, आइए इनका जवाब जानते हैं...

नाक का काम

बाॅडी में नाक का काम सांस भरना और छोड़ना है. नाक से सांस लेने पर शरीर में ऑक्‍सीजन पहुंचती है और कार्बन डाईऑक्साइड के फॉर्म में शरीर के लिए हानिकारक तत्व बाहर न‍िकलते हैं. ये बाॅडी में सांसों का फिल्टर है. बॉडी में हवा को जाने से पहले साफ कर देती है ताक‍ि शरीर फ्रेश सांस ले सके. इससे इंफेक्‍शन का खतरा कम होने के साथ फेफड़ों तक एयरफ्लो बेहतर करने में मदद मिलती है. 

मुंह का यूज

बाॅडी में मुंह का उपयोग खाने-पीने, बोलने के ल‍िए क‍िया जाता है. कुछ लोग मुंह से ही सांस लेते हैं. लेकिन नाक की तुलना में मुंह में क‍िसी तरह का फ‍िल्‍टर नहीं होता है. ऐसे में मुंह से सांस लेने पर हवा फ‍िल्‍टर हुए बगैर ही शरीर में चली चली जाती है. इससे शरीर में बीमारी और इन्‍फेक्‍शन का खतरा बढ़ जाता है.

कैसे लेनी चाहिए सांस?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, हेल्दी बाॅडी के लिए नाक से सांस लेना उचित होता है. नाक से सांस लेने पर शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है. इससे बाॅडी में नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा बढ़ेगी. ये शरीर में मौजूद ब्‍लड वेसल्‍स में बनने वाली गैस है. इसकी मदद से खून पतला होता है और बीपी कंट्रोल रहता है. नाक से सांस न लेने पर नाइट्र‍िक एस‍िड की कमी हो सकती है ज‍िससे द‍िल की बीमार‍ियों का​ रिस्क बढ़ सकता है.

नाक से सांस लेने के फायदे

  • नाक में छोटे-छोटे बाल और म्यूकस होते हैं. ये फिल्टर का काम करते हैं. सांस लेने के दाैरान बाहर हवा में पाए जाने वाले धूल, धुएं और बैक्टीरिया जैसे जहरीले तत्वों को फिल्टर कर देते हैं.
  • बाॅडी में नाइट्रिक ऑक्साइड नाम की गैस बनती है. ये इम्‍युन‍िटी को मजबूत बनाती है. इससे शरीर में संक्रमण से लड़ने की ताकत बढ़ जाती है.
  • डाइजेशन सिस्टम इंप्रूव करने में मदद मिलती है.
  • प्राॅपर नींद में मददगार साबित होती है.

मुंह से सांस लेने के नुकसान

  • ओरल प्राॅब्लम का सामना करना पड़ सकता है. दांतों और मसूड़ों की बीमारियां होने का रिस्क बढ़ जाता है.
  • बाॅडी को प्राॅपर ऑक्सीजन नहीं मिल पाती. इससे थकान जल्दी महसूस होती है.
  • अगर कोई लंबे समय तक मुंह से सांस लेने पर चेहरे की हड्डियां प्रभावित होती हैं.
  • सोते समय मुंह से सांस लेने पर मुंह को नम रखने वाली लार सूख जाती है. इससे सांसों में बदबू आती है.
  • खर्राटे और रात में बार-बार जागने की दिक्कत हो सकती है.

ये भी पढ़ें: दही के बिना अधूरी रहती है आपके खाने की थाली तो जान लें ये बातें, शरीर को नहीं पहुंचेगा नुकसान

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

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