दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को पकड़ने का मामला चीफ जस्टिस के सामने उठा, याचिकाकर्ता ने इसे पुराने आदेशों के विपरीत बताया
दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को पकड़ने से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मुद्दा एक वकील ने बुधवार (13 अगस्त, 2025) को चीफ जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई के सामने रखा. वकील ने बताया कि पहले सुप्रीम कोर्ट की ही एक दूसरी बेंच ने कुत्तों को उनकी जगह पर रहने देने का आदेश दिया था. दिल्ली में एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स के पालन में कमियों का मामला खुद चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने लंबित है. सोमवार को आया आदेश दोनों के विपरीत है. चीफ जस्टिस ने वकील ननिता शर्मा की बात सुनने के बाद कहा कि वह इस विषय पर विचार करेंगे. ध्यान रहे कि सोमवार को जस्टिस जे बी पारडीवाला की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली-एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को पकड़ कर डॉग शेल्टर होम में बंद करने का आदेश दिया था. पशु अधिकार संगठन इसे कानून और सुप्रीम कोर्ट के ही पुराने आदेशों के खिलाफ बता रहे हैं. एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स, 2023 में आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए उन्हें स्टरलाइज करने और रैबीज संक्रमण से बचाने के लिए टीकाकरण का प्रावधान है. नियमों के मुताबिक स्टरलाइजेशन और वैक्सिनेशन के बाद कुत्तों को उनके इलाके में वापस छोड़ देने का प्रावधान है. सोमवार को दिए आदेश में कोर्ट ने कुत्तों को किसी भी स्थिति में वापस न छोड़ने के लिए कहा था. 8 जुलाई 2024 को जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स नाम के एनजीओ की याचिका पर दिल्ली सरकार, एमसीडी और एनिमल वेलफेयर बोर्ड को नोटिस जारी किया था. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली में कुत्तों के स्टरलाइजेशन और वैक्सिनेशन में कोताही बरती जा रही है. कोर्ट एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स, 2023 का पालन सुनिश्चित करवाए.

दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को पकड़ने से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मुद्दा एक वकील ने बुधवार (13 अगस्त, 2025) को चीफ जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई के सामने रखा. वकील ने बताया कि पहले सुप्रीम कोर्ट की ही एक दूसरी बेंच ने कुत्तों को उनकी जगह पर रहने देने का आदेश दिया था. दिल्ली में एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स के पालन में कमियों का मामला खुद चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने लंबित है. सोमवार को आया आदेश दोनों के विपरीत है.
चीफ जस्टिस ने वकील ननिता शर्मा की बात सुनने के बाद कहा कि वह इस विषय पर विचार करेंगे. ध्यान रहे कि सोमवार को जस्टिस जे बी पारडीवाला की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली-एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को पकड़ कर डॉग शेल्टर होम में बंद करने का आदेश दिया था. पशु अधिकार संगठन इसे कानून और सुप्रीम कोर्ट के ही पुराने आदेशों के खिलाफ बता रहे हैं.
एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स, 2023 में आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए उन्हें स्टरलाइज करने और रैबीज संक्रमण से बचाने के लिए टीकाकरण का प्रावधान है. नियमों के मुताबिक स्टरलाइजेशन और वैक्सिनेशन के बाद कुत्तों को उनके इलाके में वापस छोड़ देने का प्रावधान है. सोमवार को दिए आदेश में कोर्ट ने कुत्तों को किसी भी स्थिति में वापस न छोड़ने के लिए कहा था.
8 जुलाई 2024 को जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स नाम के एनजीओ की याचिका पर दिल्ली सरकार, एमसीडी और एनिमल वेलफेयर बोर्ड को नोटिस जारी किया था. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली में कुत्तों के स्टरलाइजेशन और वैक्सिनेशन में कोताही बरती जा रही है. कोर्ट एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स, 2023 का पालन सुनिश्चित करवाए.
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