ट्रंप-पुतिन मुलाकात से फीकी पड़ी सोने की चमक, जानें आज 18 अगस्त 2025 को आपके शहर का ताजा भाव

Gold Price Today: पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात भले ही यूक्रेन सीजफायर पर बेनतीजा रही हो, लेकिन इसके बाद भूराजनीतिक तनाव में कमी के संकेत मिले हैं. इसी वजह से सोमवार 18 अगस्त 2025 को घरेलू बाजार में सोने और चांदी के भाव में गिरावट देखने को मिली. आज 24 कैरेट सोना 1,02,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 92,740 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा है. वहीं चांदी भी 100 रुपये सस्ती होकर 1,16,100 रुपये प्रति किलो पर उपलब्ध है. आपके शहर का ताजा भाव  राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और जयपुर में 24 कैरेट सोना 1,01,330 रुपये और 22 कैरेट सोना 92,900 रुपये पर बिक रहा है. अहमदाबाद और पटना में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,01,230 रुपये और 22 कैरेट सोना 92,800 रुपये पर उपलब्ध है. इसी तरह आर्थिक राजधानी मुंबई के साथ हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु और कोलकाता में 24 कैरेट सोना 1,01,170 रुपये और 22 कैरेट सोना 92,740 रुपये पर कारोबार कर रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय तनाव में कमी से निवेशकों का रुझान सुरक्षित निवेश माने जाने वाले सोने से घट सकता है. अगर यह रुझान जारी रहा तो आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में और नरमी देखने को मिल सकती है. कैसे तय होता है रेट? सोना और चांदी की कीमतें रोज़ाना बदलती रहती हैं और इनके पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारक काम करते हैं. सबसे बड़ा कारण है डॉलर-रुपया विनिमय दर. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने-चांदी की कीमत अमेरिकी डॉलर में तय होती है, इसलिए जब डॉलर मजबूत होता है या रुपया कमजोर होता है तो भारत में सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं. दूसरा बड़ा कारक है सीमा शुल्क और टैक्स. भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है, इसलिए इंपोर्ट ड्यूटी, जीएसटी और स्थानीय टैक्स सीधे तौर पर इसके दामों को प्रभावित करते हैं. इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति भी कीमतों को बदलती है. अगर दुनिया में युद्ध, आर्थिक मंदी या ब्याज दरों में बड़ा बदलाव होता है तो निवेशक सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोना चुनते हैं. ऐसे समय में सोने की मांग और कीमत दोनों बढ़ जाती हैं. भारत में सोने का एक और खास पहलू है – इसका सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व. शादियों, त्योहारों और शुभ अवसरों पर सोना खरीदना परंपरा मानी जाती है. इस वजह से भारत में सोने की मांग हमेशा अधिक रहती है और दाम प्रभावित होते हैं. अंत में, मुद्रास्फीति और निवेश का दृष्टिकोण भी सोने की कीमत को दिशा देता है. महंगाई बढ़ने पर लोग सुरक्षित निवेश के लिए सोने की ओर रुख करते हैं, क्योंकि लंबे समय से यह बेहतर रिटर्न देने वाला विकल्प माना जाता है. यही वजह है कि सोना हमेशा निवेशकों के लिए आकर्षक बना रहता है. ये भी पढ़ें: सिर्फ 10 सेकेंड में निवेशकों की 6 लाख करोड़ की कमाई, लाल किले से पीएम मोदी के ऐलान से 1000 अंक उछला सेंसेक्स

Aug 18, 2025 - 13:30
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ट्रंप-पुतिन मुलाकात से फीकी पड़ी सोने की चमक, जानें आज 18 अगस्त 2025 को आपके शहर का ताजा भाव

Gold Price Today: पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात भले ही यूक्रेन सीजफायर पर बेनतीजा रही हो, लेकिन इसके बाद भूराजनीतिक तनाव में कमी के संकेत मिले हैं. इसी वजह से सोमवार 18 अगस्त 2025 को घरेलू बाजार में सोने और चांदी के भाव में गिरावट देखने को मिली. आज 24 कैरेट सोना 1,02,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 92,740 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा है. वहीं चांदी भी 100 रुपये सस्ती होकर 1,16,100 रुपये प्रति किलो पर उपलब्ध है.

आपके शहर का ताजा भाव 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और जयपुर में 24 कैरेट सोना 1,01,330 रुपये और 22 कैरेट सोना 92,900 रुपये पर बिक रहा है. अहमदाबाद और पटना में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,01,230 रुपये और 22 कैरेट सोना 92,800 रुपये पर उपलब्ध है. इसी तरह आर्थिक राजधानी मुंबई के साथ हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु और कोलकाता में 24 कैरेट सोना 1,01,170 रुपये और 22 कैरेट सोना 92,740 रुपये पर कारोबार कर रहा है.

विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय तनाव में कमी से निवेशकों का रुझान सुरक्षित निवेश माने जाने वाले सोने से घट सकता है. अगर यह रुझान जारी रहा तो आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में और नरमी देखने को मिल सकती है.

कैसे तय होता है रेट?

सोना और चांदी की कीमतें रोज़ाना बदलती रहती हैं और इनके पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारक काम करते हैं. सबसे बड़ा कारण है डॉलर-रुपया विनिमय दर. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने-चांदी की कीमत अमेरिकी डॉलर में तय होती है, इसलिए जब डॉलर मजबूत होता है या रुपया कमजोर होता है तो भारत में सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं.

दूसरा बड़ा कारक है सीमा शुल्क और टैक्स. भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है, इसलिए इंपोर्ट ड्यूटी, जीएसटी और स्थानीय टैक्स सीधे तौर पर इसके दामों को प्रभावित करते हैं. इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति भी कीमतों को बदलती है. अगर दुनिया में युद्ध, आर्थिक मंदी या ब्याज दरों में बड़ा बदलाव होता है तो निवेशक सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोना चुनते हैं. ऐसे समय में सोने की मांग और कीमत दोनों बढ़ जाती हैं.

भारत में सोने का एक और खास पहलू है – इसका सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व. शादियों, त्योहारों और शुभ अवसरों पर सोना खरीदना परंपरा मानी जाती है. इस वजह से भारत में सोने की मांग हमेशा अधिक रहती है और दाम प्रभावित होते हैं. अंत में, मुद्रास्फीति और निवेश का दृष्टिकोण भी सोने की कीमत को दिशा देता है. महंगाई बढ़ने पर लोग सुरक्षित निवेश के लिए सोने की ओर रुख करते हैं, क्योंकि लंबे समय से यह बेहतर रिटर्न देने वाला विकल्प माना जाता है. यही वजह है कि सोना हमेशा निवेशकों के लिए आकर्षक बना रहता है.

ये भी पढ़ें: सिर्फ 10 सेकेंड में निवेशकों की 6 लाख करोड़ की कमाई, लाल किले से पीएम मोदी के ऐलान से 1000 अंक उछला सेंसेक्स

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