ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने बिगाड़ा चीन का खेल, अब हर मोर्चे पर फेल होता नजर आ रहा है ड्रैगन

चीन की फैक्ट्री गतिविधियों में मई महीने में अचानक से भारी गिरावट दर्ज की गई है. यह गिरावट 2022 के बाद सबसे तेज रही. इसकी वजह अमेरिका की सख्त टैरिफ नीति और वैश्विक व्यापार में बढ़ती अनिश्चितता मानी जा रही है. फैक्ट्री आउटपुट में 20 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट Caixin/S&P ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग PMI के सर्वे के अनुसार, चीन का PMI मई में गिरकर 48.3 पर आ गया, जो कि अप्रैल में 50.4 था. यह आंकड़ा पहली बार सितंबर 2023 के बाद 50 के नीचे गया है. आपको बता दें, 50 से ऊपर PMI ग्रोथ का संकेत देता है और 50 से नीचे गिरावट का. एक्सपोर्ट ऑर्डर में जबरदस्त गिरावट Caixin ने बताया कि नए एक्सपोर्ट ऑर्डर में गिरावट जुलाई 2023 के बाद सबसे ज्यादा रही. यानि चीन से बाहर सामान भेजने की डिमांड में तेज़ गिरावट आई है. कुल ऑर्डर भी घटे हैं, यानी घरेलू और इंटरनेशनल दोनों जगह डिमांड में गिरावट है. नौकरी का संकट और बिक्री में सुस्ती रोज़गार के मोर्चे पर भी बुरा हाल है. रोजगार लगातार दूसरे महीने घटा है और जनवरी के बाद सबसे तेज़ गिरावट देखी गई है. साथ ही फैक्ट्रियों के पास तैयार सामान का स्टॉक चार महीने बाद फिर से जमा होने लगा है क्योंकि बिक्री घटी है और शिपमेंट में देरी हो रही है. टैरिफ वॉर का असर, ट्रंप ने फिर दिखाई सख्ती अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल में चीन से आयातित उत्पादों पर 145 फीसदी तक टैरिफ लगा दिए थे, जिन्हें हाल ही में 90 दिन के लिए रोका गया है. लेकिन इसका असर पहले ही दिखने लगा है. अमेरिकी टैरिफ औसतन अब भी 51.1 फीसदी पर हैं, जबकि चीन ने अमेरिकी सामानों पर 32.6 फीसदी ड्यूटी लगाई हुई है. आधिकारिक और निजी आंकड़ों में अंतर क्यों? सरकारी PMI डेटा के मुताबिक चीन की फैक्ट्री गतिविधि मई में 49.5 रही, जो थोड़ा बेहतर है, लेकिन अब भी ग्रोथ से नीचे है. यह डेटा महीने के अंत में लिया गया था, जबकि Caixin का डेटा महीने के बीच में लिया गया था, जब टैरिफ छूट का असर शायद पूरी तरह नहीं पड़ा था. निर्माण और सेवाएं भी सुस्त चीन की गैर-औद्योगिक गतिविधि जैसे कि कंस्ट्रक्शन और सर्विस सेक्टर का PMI भी गिरकर 50.3 पर आ गया है, जबकि अप्रैल में यह 50.4 था. हालांकि यह अब भी ग्रोथ ज़ोन में है. रेट कट और लिक्विडिटी का बढ़ना स्थिति को संभालने के लिए बीजिंग ने मई में बैंक रिजर्व रेश्यो को 50 बेसिस पॉइंट कम किया और नीतिगत ब्याज दरों में 10 बेसिस पॉइंट की कटौती की. इसका उद्देश्य है बैंकों के पास नकदी बढ़ाना ताकि कर्ज़ आसानी से दिया जा सके. प्रॉपर्टी सेक्टर भी गिरावट में चीन की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है, रियल एस्टेट. जनवरी से अप्रैल के बीच प्रॉपर्टी निवेश में 10.3 फीसदी की गिरावट आई है. इसके अलावा खुदरा बिक्री भी उम्मीद से कम रही. अप्रैल में सिर्फ 5.1 फीसदी की वृद्धि हुई. कंज्यूमर और होलसेल प्राइसेज लगातार डिफ्लेशन में हैं. क्या अब चीन को रिफॉर्म की सख्त ज़रूरत है? Nomura बैंक के चीफ इकनॉमिस्ट Ting Lu ने सीएनबीसी से बात करते हुए कहा कि अब चीन को मजबूरी में बड़े कदम उठाने होंगे. जैसे कि पेंशन रिफॉर्म, बर्थ सब्सिडी और डायरेक्ट कंजंप्शन सपोर्ट. क्योंकि प्रॉपर्टी और एक्सपोर्ट अब ग्रोथ इंजन नहीं रहे. ये भी पढ़ें: अडानी पोर्ट्स के लिए बड़ी खुशखबरी! मई में कंपनी ने 41.8 MMT कार्गो की ढुलाई की, स्टॉक पर दिख सकता है असर

Jun 3, 2025 - 19:30
 0
ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने बिगाड़ा चीन का खेल, अब हर मोर्चे पर फेल होता नजर आ रहा है ड्रैगन

चीन की फैक्ट्री गतिविधियों में मई महीने में अचानक से भारी गिरावट दर्ज की गई है. यह गिरावट 2022 के बाद सबसे तेज रही. इसकी वजह अमेरिका की सख्त टैरिफ नीति और वैश्विक व्यापार में बढ़ती अनिश्चितता मानी जा रही है.

फैक्ट्री आउटपुट में 20 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट

Caixin/S&P ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग PMI के सर्वे के अनुसार, चीन का PMI मई में गिरकर 48.3 पर आ गया, जो कि अप्रैल में 50.4 था. यह आंकड़ा पहली बार सितंबर 2023 के बाद 50 के नीचे गया है. आपको बता दें, 50 से ऊपर PMI ग्रोथ का संकेत देता है और 50 से नीचे गिरावट का.

एक्सपोर्ट ऑर्डर में जबरदस्त गिरावट

Caixin ने बताया कि नए एक्सपोर्ट ऑर्डर में गिरावट जुलाई 2023 के बाद सबसे ज्यादा रही. यानि चीन से बाहर सामान भेजने की डिमांड में तेज़ गिरावट आई है. कुल ऑर्डर भी घटे हैं, यानी घरेलू और इंटरनेशनल दोनों जगह डिमांड में गिरावट है.

नौकरी का संकट और बिक्री में सुस्ती

रोज़गार के मोर्चे पर भी बुरा हाल है. रोजगार लगातार दूसरे महीने घटा है और जनवरी के बाद सबसे तेज़ गिरावट देखी गई है. साथ ही फैक्ट्रियों के पास तैयार सामान का स्टॉक चार महीने बाद फिर से जमा होने लगा है क्योंकि बिक्री घटी है और शिपमेंट में देरी हो रही है.

टैरिफ वॉर का असर, ट्रंप ने फिर दिखाई सख्ती

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल में चीन से आयातित उत्पादों पर 145 फीसदी तक टैरिफ लगा दिए थे, जिन्हें हाल ही में 90 दिन के लिए रोका गया है. लेकिन इसका असर पहले ही दिखने लगा है. अमेरिकी टैरिफ औसतन अब भी 51.1 फीसदी पर हैं, जबकि चीन ने अमेरिकी सामानों पर 32.6 फीसदी ड्यूटी लगाई हुई है.

आधिकारिक और निजी आंकड़ों में अंतर क्यों?

सरकारी PMI डेटा के मुताबिक चीन की फैक्ट्री गतिविधि मई में 49.5 रही, जो थोड़ा बेहतर है, लेकिन अब भी ग्रोथ से नीचे है. यह डेटा महीने के अंत में लिया गया था, जबकि Caixin का डेटा महीने के बीच में लिया गया था, जब टैरिफ छूट का असर शायद पूरी तरह नहीं पड़ा था.

निर्माण और सेवाएं भी सुस्त

चीन की गैर-औद्योगिक गतिविधि जैसे कि कंस्ट्रक्शन और सर्विस सेक्टर का PMI भी गिरकर 50.3 पर आ गया है, जबकि अप्रैल में यह 50.4 था. हालांकि यह अब भी ग्रोथ ज़ोन में है.

रेट कट और लिक्विडिटी का बढ़ना

स्थिति को संभालने के लिए बीजिंग ने मई में बैंक रिजर्व रेश्यो को 50 बेसिस पॉइंट कम किया और नीतिगत ब्याज दरों में 10 बेसिस पॉइंट की कटौती की. इसका उद्देश्य है बैंकों के पास नकदी बढ़ाना ताकि कर्ज़ आसानी से दिया जा सके.

प्रॉपर्टी सेक्टर भी गिरावट में

चीन की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है, रियल एस्टेट. जनवरी से अप्रैल के बीच प्रॉपर्टी निवेश में 10.3 फीसदी की गिरावट आई है. इसके अलावा खुदरा बिक्री भी उम्मीद से कम रही. अप्रैल में सिर्फ 5.1 फीसदी की वृद्धि हुई. कंज्यूमर और होलसेल प्राइसेज लगातार डिफ्लेशन में हैं.

क्या अब चीन को रिफॉर्म की सख्त ज़रूरत है?

Nomura बैंक के चीफ इकनॉमिस्ट Ting Lu ने सीएनबीसी से बात करते हुए कहा कि अब चीन को मजबूरी में बड़े कदम उठाने होंगे. जैसे कि पेंशन रिफॉर्म, बर्थ सब्सिडी और डायरेक्ट कंजंप्शन सपोर्ट. क्योंकि प्रॉपर्टी और एक्सपोर्ट अब ग्रोथ इंजन नहीं रहे.

ये भी पढ़ें: अडानी पोर्ट्स के लिए बड़ी खुशखबरी! मई में कंपनी ने 41.8 MMT कार्गो की ढुलाई की, स्टॉक पर दिख सकता है असर

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow