सोने से ज्यादा चमक रहे हैं गोल्ड लोन वाली कंपनियों के शेयर, RBI की नई गाइडलाइंस से जोश में कंपनियां

सोने पर लोन देने वाली कंपनियों Muthoot Finance, Manappuram Finance और IIFL Finance के शेयरों में शुक्रवार, 6 जून 2025 को  8 फीसदी तक की तेजी दर्ज की गई. इसकी वजह बना भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का ऐलान, जिसमें सोने पर लिए जाने वाले लोन की वैल्यू बढ़ाने की बात कही गई. लोन टू वैल्यू रेशियो बढ़ा RBI ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अब 2.5 लाख तक के गोल्ड लोन पर लोन टू वैल्यू (LTV) रेशियो को 75 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी किया जाएगा. मतलब अगर आपके पास 1 लाख का सोना है, तो अब आप उस पर 85,000 तक का लोन ले सकेंगे. पहले यह लिमिट 75,000 रुपये थी. शेयर बाजार में कंपनियों का प्रदर्शन शुक्रवार दोपहर तक Muthoot Finance का शेयर 6.34 फीसदी चढ़कर 2,438.35 रुपये पर पहुंच गया और दिन के कारोबार में 2,470.25 रुपये का ऑल टाइम हाई भी छू लिया. Manappuram Finance का शेयर 3.99 फीसदी उछलकर 243.75 रुपये पर पहुंचा, जबकि IIFL Finance 4.77 फीसदी की तेजी के साथ 449.30 पर ट्रेड कर रहा था. वहीं, इसी समय BSE Sensex केवल 0.79 फीसदी की तेजी के साथ 82,083.9 पर था. RBI की पूरी प्लानिंग क्या है? RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि नए गोल्ड लोन रेगुलेशन 6 जून को जारी किए जाएंगे, और अगर किसी कारण से देर होती है तो ये नियम 9 जून तक ज़रूर सामने आ जाएंगे. यह फैसला न सिर्फ उधारकर्ताओं के लिए फायदेमंद है बल्कि गोल्ड लोन सेक्टर में काम कर रही कंपनियों के लिए भी एक बड़ा सकारात्मक संकेत है. अप्रैल में आया था ड्राफ्ट फ्रेमवर्क RBI ने अप्रैल 2025 में एक ड्राफ्ट रेगुलेटरी फ्रेमवर्क जारी किया था, जिसमें गोल्ड लोन से जुड़ी गाइडलाइंस का प्रस्ताव रखा गया था. इसका उद्देश्य था सभी प्रकार के लेंडर्स – जैसे बैंक, एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां, कोऑपरेटिव बैंक और रीजनल रूरल बैंक के लिए एक समान नियम तय करना. ड्राफ्ट गाइडलाइंस की मुख्य बातें सभी लेंडर्स को गोल्ड लोन से जुड़े नियमों को अपनी क्रेडिट और रिस्क पॉलिसी में शामिल करना होगा. गोल्ड की वैल्यू और प्योरिटी की जांच के लिए स्टैंडर्ड प्रक्रिया लागू करनी होगी. लोन के पैसे का उपयोग किस लिए हो रहा है, इसकी निगरानी करना जरूरी होगा. लोन रिन्यू और टॉप-अप सिर्फ तभी मिलेगा जब पिछला लोन स्टैंडर्ड कैटेगरी में हो और LTV रेशियो के तहत आता हो. लोन देने से पहले उधारकर्ता की चुकाने की क्षमता का उचित मूल्यांकन और ड्यू डिलिजेंस करना अनिवार्य होगा. निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है ये बदलाव? RBI के इस फैसले से गोल्ड फाइनेंस कंपनियों के कारोबार को नई रफ्तार मिल सकती है. ज्यादा LTV मिलने से ज्यादा ग्राहक लोन के लिए आगे आएंगे, जिससे कंपनियों का बिज़नेस बढ़ेगा. निवेशकों ने इस संभावना को तुरंत भांप लिया और शेयरों में जोरदार खरीदारी शुरू कर दी. डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.) ये भी पढ़ें: HAL, BEL नहीं...डिफेंस सेक्टर की इन 3 कंपनियों पर रखें नजर, यहां बारूद से बनता है पैसा!

Jun 7, 2025 - 23:30
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सोने से ज्यादा चमक रहे हैं गोल्ड लोन वाली कंपनियों के शेयर, RBI की नई गाइडलाइंस से जोश में कंपनियां

सोने पर लोन देने वाली कंपनियों Muthoot Finance, Manappuram Finance और IIFL Finance के शेयरों में शुक्रवार, 6 जून 2025 को  8 फीसदी तक की तेजी दर्ज की गई. इसकी वजह बना भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का ऐलान, जिसमें सोने पर लिए जाने वाले लोन की वैल्यू बढ़ाने की बात कही गई.

लोन टू वैल्यू रेशियो बढ़ा

RBI ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अब 2.5 लाख तक के गोल्ड लोन पर लोन टू वैल्यू (LTV) रेशियो को 75 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी किया जाएगा. मतलब अगर आपके पास 1 लाख का सोना है, तो अब आप उस पर 85,000 तक का लोन ले सकेंगे. पहले यह लिमिट 75,000 रुपये थी.

शेयर बाजार में कंपनियों का प्रदर्शन

शुक्रवार दोपहर तक Muthoot Finance का शेयर 6.34 फीसदी चढ़कर 2,438.35 रुपये पर पहुंच गया और दिन के कारोबार में 2,470.25 रुपये का ऑल टाइम हाई भी छू लिया. Manappuram Finance का शेयर 3.99 फीसदी उछलकर 243.75 रुपये पर पहुंचा, जबकि IIFL Finance 4.77 फीसदी की तेजी के साथ 449.30 पर ट्रेड कर रहा था. वहीं, इसी समय BSE Sensex केवल 0.79 फीसदी की तेजी के साथ 82,083.9 पर था.

RBI की पूरी प्लानिंग क्या है?

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि नए गोल्ड लोन रेगुलेशन 6 जून को जारी किए जाएंगे, और अगर किसी कारण से देर होती है तो ये नियम 9 जून तक ज़रूर सामने आ जाएंगे. यह फैसला न सिर्फ उधारकर्ताओं के लिए फायदेमंद है बल्कि गोल्ड लोन सेक्टर में काम कर रही कंपनियों के लिए भी एक बड़ा सकारात्मक संकेत है.

अप्रैल में आया था ड्राफ्ट फ्रेमवर्क

RBI ने अप्रैल 2025 में एक ड्राफ्ट रेगुलेटरी फ्रेमवर्क जारी किया था, जिसमें गोल्ड लोन से जुड़ी गाइडलाइंस का प्रस्ताव रखा गया था. इसका उद्देश्य था सभी प्रकार के लेंडर्स – जैसे बैंक, एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां, कोऑपरेटिव बैंक और रीजनल रूरल बैंक के लिए एक समान नियम तय करना.

ड्राफ्ट गाइडलाइंस की मुख्य बातें

सभी लेंडर्स को गोल्ड लोन से जुड़े नियमों को अपनी क्रेडिट और रिस्क पॉलिसी में शामिल करना होगा.

गोल्ड की वैल्यू और प्योरिटी की जांच के लिए स्टैंडर्ड प्रक्रिया लागू करनी होगी.

लोन के पैसे का उपयोग किस लिए हो रहा है, इसकी निगरानी करना जरूरी होगा.

लोन रिन्यू और टॉप-अप सिर्फ तभी मिलेगा जब पिछला लोन स्टैंडर्ड कैटेगरी में हो और LTV रेशियो के तहत आता हो.

लोन देने से पहले उधारकर्ता की चुकाने की क्षमता का उचित मूल्यांकन और ड्यू डिलिजेंस करना अनिवार्य होगा.

निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है ये बदलाव?

RBI के इस फैसले से गोल्ड फाइनेंस कंपनियों के कारोबार को नई रफ्तार मिल सकती है. ज्यादा LTV मिलने से ज्यादा ग्राहक लोन के लिए आगे आएंगे, जिससे कंपनियों का बिज़नेस बढ़ेगा. निवेशकों ने इस संभावना को तुरंत भांप लिया और शेयरों में जोरदार खरीदारी शुरू कर दी.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

ये भी पढ़ें: HAL, BEL नहीं...डिफेंस सेक्टर की इन 3 कंपनियों पर रखें नजर, यहां बारूद से बनता है पैसा!

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