टेस्ट क्रिकेट में क्यों स्पेशल माना जाता है लॉर्ड्स पर शतक? किस बल्लेबाज ने लगाई थी यहां पहली सेंचुरी

भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच गुरुवार से लॉर्ड्स के मैदान पर खेला जा रहा है. मैच के तीसरे दिन भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल ने शतक जड़कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया है. इस मैदान पर शतक लगाना किसी भी बल्लेबाजी के लिए खास होता है, क्योंकि यहां पर शतक जड़ने वाले खिलाड़ी का नाम क्रिकेट के इतिहास में अमर हो जाता है. इसका कारण है, लॉर्ड्स का ‘ऑनर्स बोर्ड.’ लॉर्ड्स के ऑनर्स बोर्ड पर सिर्फ उसी बल्लेबाज का नाम जाता है, जिस खिलाड़ी ने यहां पर शतक लगाया हो. इंग्लैंड के इस ऐतिहासिक मैदान पर लगभग हर क्रिकेटर का खेलने का सपना होता है. हर खिलाड़ी ये चाहते हैं कि उनका नाम लॉर्ड्स के ऑनर्स बोर्ड पर लिखा जाए. लेकिन बल्लेबाजों के लिए इस बोर्ड पर अपना नाम दर्ज कराने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. लॉर्ड्स पर बैटिंग करना आसान नहीं होता. यहां की पिच पर हलकी सी ढलान होती है, जिसे ‘लॉर्ड्स स्लोप’ कहा जाता है. इसकी वजह से गेंदबाजों को स्विंग और मूवमेंट मिलती है और बल्लेबाजों को गेंद पढ़ना मुश्किल हो जाता है. ऊपर से इंग्लैंड का मौसम, बादल और नमी, ये सब मिलाकर बल्लेबाजों के लिए यहां रन बनाना किसी चुनौती से कम नहीं. यही वजह है कि लॉर्ड्स पर शतक लगाना बहुत ही ज्यादा स्पेशल बन जाता है. इस बल्लेबाज ने लॉर्ड्स के मैदान पर लगाया था शतक लॉर्ड्स के इस ऐतिहासिक मैदान पर सबसे पहला शतक इंग्लैंड के खिलाड़ी एलन स्टील ने बनाया था. स्टील ने आज से 141 साल पहले 1884 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाकर सबसे पहले ऑनर्स बोर्ड पर अपना नाम दर्ज कराया था. भारत के लिए इस बल्लेबाज ने लॉर्ड्स के मैदान पर लगाया था पहला शतक लॉर्ड्स के मैदान पर भारत के लिए सबसे पहला शतक लगाने वाले खिलाड़ी विनू मांकड़ हैं. मांकड़ ने ये कारनामा साल 1952 में किया था. मांकड़ ने इस दौरान इंग्लैंड के खिलाफ 184 रनों की पारी खेली थी. यह भी पढ़ें- Duke Ball: ड्यूक बॉल विवाद पर शुभमन गिल सही? जो रूट ने मानी गलती; नियम में बदलाव की रखी पेशकश

Jul 12, 2025 - 22:30
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टेस्ट क्रिकेट में क्यों स्पेशल माना जाता है लॉर्ड्स पर शतक? किस बल्लेबाज ने लगाई थी यहां पहली सेंचुरी

भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच गुरुवार से लॉर्ड्स के मैदान पर खेला जा रहा है. मैच के तीसरे दिन भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल ने शतक जड़कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया है. इस मैदान पर शतक लगाना किसी भी बल्लेबाजी के लिए खास होता है, क्योंकि यहां पर शतक जड़ने वाले खिलाड़ी का नाम क्रिकेट के इतिहास में अमर हो जाता है. इसका कारण है, लॉर्ड्स का ‘ऑनर्स बोर्ड.’

लॉर्ड्स के ऑनर्स बोर्ड पर सिर्फ उसी बल्लेबाज का नाम जाता है, जिस खिलाड़ी ने यहां पर शतक लगाया हो. इंग्लैंड के इस ऐतिहासिक मैदान पर लगभग हर क्रिकेटर का खेलने का सपना होता है. हर खिलाड़ी ये चाहते हैं कि उनका नाम लॉर्ड्स के ऑनर्स बोर्ड पर लिखा जाए. लेकिन बल्लेबाजों के लिए इस बोर्ड पर अपना नाम दर्ज कराने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.

लॉर्ड्स पर बैटिंग करना आसान नहीं होता. यहां की पिच पर हलकी सी ढलान होती है, जिसे ‘लॉर्ड्स स्लोप’ कहा जाता है. इसकी वजह से गेंदबाजों को स्विंग और मूवमेंट मिलती है और बल्लेबाजों को गेंद पढ़ना मुश्किल हो जाता है. ऊपर से इंग्लैंड का मौसम, बादल और नमी, ये सब मिलाकर बल्लेबाजों के लिए यहां रन बनाना किसी चुनौती से कम नहीं. यही वजह है कि लॉर्ड्स पर शतक लगाना बहुत ही ज्यादा स्पेशल बन जाता है.

इस बल्लेबाज ने लॉर्ड्स के मैदान पर लगाया था शतक

लॉर्ड्स के इस ऐतिहासिक मैदान पर सबसे पहला शतक इंग्लैंड के खिलाड़ी एलन स्टील ने बनाया था. स्टील ने आज से 141 साल पहले 1884 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाकर सबसे पहले ऑनर्स बोर्ड पर अपना नाम दर्ज कराया था.

भारत के लिए इस बल्लेबाज ने लॉर्ड्स के मैदान पर लगाया था पहला शतक

लॉर्ड्स के मैदान पर भारत के लिए सबसे पहला शतक लगाने वाले खिलाड़ी विनू मांकड़ हैं. मांकड़ ने ये कारनामा साल 1952 में किया था. मांकड़ ने इस दौरान इंग्लैंड के खिलाफ 184 रनों की पारी खेली थी.

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