'खत्म कर दिया बालाकोट का भूत', ऑपरेशन सिंदूर पर खुलासे कर IAF चीफ ने क्यों कही ये बात?
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने शनिवार (09 अगस्त, 2025) को 2019 के बालाकोट हवाई हमले से सम्बन्धित साक्ष्यों को लेकर निराशा जताई, जिसके कारण विपक्षी नेताओं में इसको लेकर संदेह बढ़ गया था. उन्होंने कहा कि 2019 में बालाकोट स्ट्राइक को लेकर सशस्त्र बलों के पास सीमा पार कई आतंकवादियों के मारे जाने की खुफिया जानकारी थी, लेकिन इस बार ऑपरेशन सिंदूर का वीडियो और तस्वीरें सामने आने की वजह से बालाकोट के उस 'भूत' को खत्म करने में सफल रहे और दुनिया को बता पाए कि क्या हासिल हुआ. एयर चीफ मार्शल सिंह ने मैनेजमेंट अकादमी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बालाकोट में हम अंदर से कुछ हासिल नहीं कर पाए और दुर्भाग्य से अपने ही लोगों को बताना एक बड़ी समस्या बन गई कि हम क्या हासिल कर पाए? हमने कई आतंकवादी मारे, लेकिन हम अपने ही लोगों को यह विश्वास नहीं दिला पाए कि हमने क्या किया है? बालाकोट के 'भूत' से निपटने में कामयाब उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के समय भी वीडियो साक्ष्यों की कमी से ऐसी ही समस्या पैदा हो सकती थी. हम भाग्यशाली थे कि हमें ये वीडियो सार्वजनिक रूप से मिल गए. मुझे बहुत खुशी है कि इस बार हम बालाकोट के उस 'भूत' से निपटने में कामयाब रहे और हम दुनिया को बता पाए कि हमने क्या हासिल किया है. एयर चीफ मार्शल ने कहा, 'राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने बालाकोट हवाई हमलों पर सबूत मांगे थे, जो पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में किए गए थे, जिसमें कम से कम 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे.' उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का एकमात्र उद्देश्य आतंकवादियों को सबक सिखाना था और एक बार जब उद्देश्य पूरा हो गया तो भारत ने संघर्ष को 'रोकने' के अवसरों की तलाश शुरू कर दी. राहुल गांधी के बयान को लेकर क्या बोले एयर चीफ मार्शल? एयर चीफ मार्शल ने राहुल गांधी के 2019 के बयानों को लेकर कहा कि मैंने अखबारों में पढ़ा कि सीआरपीएफ जवानों के परिवारों ने यह मांग उठाई है. यह उनकी भावना है और कांग्रेस नेताओं ने भी इस पर बात की है और यह हो चुका है. मैं इस मुद्दे पर नहीं जाना चाहता. जवानों के परिवारों की यही भावना है कि हमें ठेस पहुंची है और हमें दिखाया जाना चाहिए कि हमें क्या ठेस पहुंची है और हमें यह भी दिखाया जाना चाहिए कि इस पर क्या किया गया है. ये भी पढ़ें:- ट्रंप के टैरिफ का भारत में दिखने लगा असर, तमिलनाडु में कई कपड़ा कंपनियों ने रोका प्रोडक्शन

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने शनिवार (09 अगस्त, 2025) को 2019 के बालाकोट हवाई हमले से सम्बन्धित साक्ष्यों को लेकर निराशा जताई, जिसके कारण विपक्षी नेताओं में इसको लेकर संदेह बढ़ गया था. उन्होंने कहा कि 2019 में बालाकोट स्ट्राइक को लेकर सशस्त्र बलों के पास सीमा पार कई आतंकवादियों के मारे जाने की खुफिया जानकारी थी, लेकिन इस बार ऑपरेशन सिंदूर का वीडियो और तस्वीरें सामने आने की वजह से बालाकोट के उस 'भूत' को खत्म करने में सफल रहे और दुनिया को बता पाए कि क्या हासिल हुआ.
एयर चीफ मार्शल सिंह ने मैनेजमेंट अकादमी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बालाकोट में हम अंदर से कुछ हासिल नहीं कर पाए और दुर्भाग्य से अपने ही लोगों को बताना एक बड़ी समस्या बन गई कि हम क्या हासिल कर पाए? हमने कई आतंकवादी मारे, लेकिन हम अपने ही लोगों को यह विश्वास नहीं दिला पाए कि हमने क्या किया है?
बालाकोट के 'भूत' से निपटने में कामयाब
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के समय भी वीडियो साक्ष्यों की कमी से ऐसी ही समस्या पैदा हो सकती थी. हम भाग्यशाली थे कि हमें ये वीडियो सार्वजनिक रूप से मिल गए. मुझे बहुत खुशी है कि इस बार हम बालाकोट के उस 'भूत' से निपटने में कामयाब रहे और हम दुनिया को बता पाए कि हमने क्या हासिल किया है.
एयर चीफ मार्शल ने कहा, 'राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने बालाकोट हवाई हमलों पर सबूत मांगे थे, जो पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में किए गए थे, जिसमें कम से कम 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे.' उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का एकमात्र उद्देश्य आतंकवादियों को सबक सिखाना था और एक बार जब उद्देश्य पूरा हो गया तो भारत ने संघर्ष को 'रोकने' के अवसरों की तलाश शुरू कर दी.
राहुल गांधी के बयान को लेकर क्या बोले एयर चीफ मार्शल?
एयर चीफ मार्शल ने राहुल गांधी के 2019 के बयानों को लेकर कहा कि मैंने अखबारों में पढ़ा कि सीआरपीएफ जवानों के परिवारों ने यह मांग उठाई है. यह उनकी भावना है और कांग्रेस नेताओं ने भी इस पर बात की है और यह हो चुका है. मैं इस मुद्दे पर नहीं जाना चाहता. जवानों के परिवारों की यही भावना है कि हमें ठेस पहुंची है और हमें दिखाया जाना चाहिए कि हमें क्या ठेस पहुंची है और हमें यह भी दिखाया जाना चाहिए कि इस पर क्या किया गया है.
ये भी पढ़ें:- ट्रंप के टैरिफ का भारत में दिखने लगा असर, तमिलनाडु में कई कपड़ा कंपनियों ने रोका प्रोडक्शन
What's Your Reaction?






