क्यों भारतीय शेयरों से तौबा कर रहे विदेशी निवेशक? इस साल अब तक बेच डाले 1.27 लाख करोड़ के शेयर
FIIs Selling: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए टैरिफ, रूस पर अमेरिका के सख्त रवैये के चलते बढ़ती अनिश्चतता और कुछ कंपनियों कमजोर तिमाही के नतीजे के चलते विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से भाग रहे हैं. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की सालाना रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) 2024-25 के दौरान भारतीय इक्विटी सेगमेंट से 1.27 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. साल खत्म होने से पहले बिकवाली का रिकॉर्ड यह ऐसा दूसरा रिकॉर्ड है, जो 2021-22 में हुई शेयरों की बिकवाली से भी आगे है. चिंता इस बात की है कि अभी पूरा साल खत्म होने में चार महीने का वक्त बाकी है, लेकिन अभी शेयरों की बिकवाली में नया रिकॉर्ड बना लिया गया है. दरअसल, बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच विदेशी निवेशकों की धारणा कमजोर हुई है. इनमें रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर बढ़ते तनाव के अलावा अमेरिकी बॉन्ड में तेजी के साथ बढ़ोतरी के चलते शेयर बाजार पर निवेशकों का भरोसा कम हुआ है. हालांकि, भारतीय शेयरों से लगातार निकासी के बावजूद विदेशी निवेशक डेट सेगमेंट में सक्रिय रहे हैं. इस सेगमेंट में 1.4 लाख करोड़ रुपये का मजबूत निवेश हुआ है. होल्ड नहीं, एसेट एलोकेशन पर फोकस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सख्त वैश्विक वित्तीय परिस्थितियों के कारण पोर्टफोलियो निवेश पर दबाव बना रहेगा क्योंकि इस दौरान निवेशकों का रुझान सतर्क बना हुआ है. हालांकि, मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा समय में जिस तरह का माहौल है उसमें पोर्टफोलियो मैनेजर शेयर खरीदने के बाद होल्ड करने के बजाय एसेट एलोकेशन पर फोकस कर रहे हैं. हालांकि, अब उनकी प्रॉयरिटी लिस्ट में भारत नहीं है. जुलाई में इन सेगमेंट में सबसे अधिक बिकवाली फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जेएम फाइनेंशियल की एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि जुलाई में विदेशी निवेशकों ने आईटी, BSFI, रियल्टी, O&G और ड्यूरेबल्स में सबसे ज्यादा शेयर बेचे. अकेले टेक सेक्टर में लगभग 2,285 मिलियन डॉलर के शेयर बेचे गए. इसके बाद BSFI में 671 मिलियन डॉलर की निकासी हुई. रियल्टी सेक्टर में 450 मिलियन डॉलर, ऑटो में 412 मिलियन डॉलर, ऑयल एंड गैस सेक्टर में 372 मिलियन डॉलर और ड्यूरेबल्स से 302 मिलियन डॉलर का आउटफ्लो हुआ. हालांकि, कुछ सेगमेंट में थोड़ी-बहुत खरीदारी भी देखी गई. स्टडी के मुताबिक, मेटल सेक्टर में विदेशी निवेशकों ने 388 मिलियन डॉलर का निवेश किया. इसके बाद, सर्विसेज में 347 मिलियन डॉलर, FMCG में 175 मिलियन डॉलर, टेलीकॉम में 169 मिलियन डॉलर और केमिकल्स सेक्टर में 130 मिलियन डॉलर के शेयर खरीदे गए. ये भी पढ़ें: चेक जमा होने के बाद घंटों में आएगा अकाउंट में पैसा, RBI का नया क्लीयरिंग सिस्टम 4 अक्टूबर से होगा लागू

FIIs Selling: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए टैरिफ, रूस पर अमेरिका के सख्त रवैये के चलते बढ़ती अनिश्चतता और कुछ कंपनियों कमजोर तिमाही के नतीजे के चलते विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से भाग रहे हैं. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की सालाना रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) 2024-25 के दौरान भारतीय इक्विटी सेगमेंट से 1.27 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं.
साल खत्म होने से पहले बिकवाली का रिकॉर्ड
यह ऐसा दूसरा रिकॉर्ड है, जो 2021-22 में हुई शेयरों की बिकवाली से भी आगे है. चिंता इस बात की है कि अभी पूरा साल खत्म होने में चार महीने का वक्त बाकी है, लेकिन अभी शेयरों की बिकवाली में नया रिकॉर्ड बना लिया गया है.
दरअसल, बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच विदेशी निवेशकों की धारणा कमजोर हुई है. इनमें रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर बढ़ते तनाव के अलावा अमेरिकी बॉन्ड में तेजी के साथ बढ़ोतरी के चलते शेयर बाजार पर निवेशकों का भरोसा कम हुआ है. हालांकि, भारतीय शेयरों से लगातार निकासी के बावजूद विदेशी निवेशक डेट सेगमेंट में सक्रिय रहे हैं. इस सेगमेंट में 1.4 लाख करोड़ रुपये का मजबूत निवेश हुआ है.
होल्ड नहीं, एसेट एलोकेशन पर फोकस
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सख्त वैश्विक वित्तीय परिस्थितियों के कारण पोर्टफोलियो निवेश पर दबाव बना रहेगा क्योंकि इस दौरान निवेशकों का रुझान सतर्क बना हुआ है. हालांकि, मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा समय में जिस तरह का माहौल है उसमें पोर्टफोलियो मैनेजर शेयर खरीदने के बाद होल्ड करने के बजाय एसेट एलोकेशन पर फोकस कर रहे हैं. हालांकि, अब उनकी प्रॉयरिटी लिस्ट में भारत नहीं है.
जुलाई में इन सेगमेंट में सबसे अधिक बिकवाली
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जेएम फाइनेंशियल की एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि जुलाई में विदेशी निवेशकों ने आईटी, BSFI, रियल्टी, O&G और ड्यूरेबल्स में सबसे ज्यादा शेयर बेचे. अकेले टेक सेक्टर में लगभग 2,285 मिलियन डॉलर के शेयर बेचे गए.
इसके बाद BSFI में 671 मिलियन डॉलर की निकासी हुई. रियल्टी सेक्टर में 450 मिलियन डॉलर, ऑटो में 412 मिलियन डॉलर, ऑयल एंड गैस सेक्टर में 372 मिलियन डॉलर और ड्यूरेबल्स से 302 मिलियन डॉलर का आउटफ्लो हुआ.
हालांकि, कुछ सेगमेंट में थोड़ी-बहुत खरीदारी भी देखी गई. स्टडी के मुताबिक, मेटल सेक्टर में विदेशी निवेशकों ने 388 मिलियन डॉलर का निवेश किया. इसके बाद, सर्विसेज में 347 मिलियन डॉलर, FMCG में 175 मिलियन डॉलर, टेलीकॉम में 169 मिलियन डॉलर और केमिकल्स सेक्टर में 130 मिलियन डॉलर के शेयर खरीदे गए.
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