क्या कोई भी खा सकता है Liv. 52 दवा, जानें इस बात में कितनी हकीकत?
लिवर में कोई भी दिक्कत हो तो हर कोई Liv. 52 दवा खाने की सलाह देने लगता है. सभी का दावा होता है कि लिवर की हर बीमारी को इससे ठीक किया जा सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या लिव 52 को कोई भी खा सकता है? आइए जानते हैं कि इस दावे में कितनी सच्चाई है? इन बीमारियों में काम आती है यह दवा Liv. 52 एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक हर्बल सप्लीमेंट है, जिसे लिवर की सेहत दुरुस्त करने और डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है. इस दवा का इस्तेमाल दशकों से भारत और दुनिया के कई देशों में हो रहा है. वायरल हेपेटाइटिस, अल्कोहलिक लिवर डिजीज (ALD), नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) और लिवर डैमेज आदि दिक्कतों में लिव 52 को फायदेमंद माना जाता है. क्या है लिव 52 दवा? Liv. 52 एक पॉलीहर्बल फॉर्मूलेशन है, जिसमें कैपर बुश (हिम्सरा), चिकोरी (कसनी), मंडूर भस्म, टर्मिनलिया अर्जुना और सोलनम नाइग्रम जैसी कई औषधीय जड़ी-बूटियां शामिल हैं. सामान्य रूप से यह दवा लिवर हेल्थ बेहतर करने, भूख बढ़ाने और पाचन में सुधार के लिए इस्तेमाल की जाती है. क्या हैं Liv. 52 के फायदे? 2022 से 2025 के बीच पब्लिश हुईं कई स्टडीज में Liv. 52 को लिवर के लिए बेहतरीन दवा बताया गया है. यह लिवर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है. इसमें मौजूद चिकोरी (कसनी) और कैपर बुश (हिम्सरा) जैसे तत्व ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं. साथ ही, अल्कोहलिक लिवर डिजीज (ALD) और NAFLD के मरीजों में लिवर एंजाइम लेवल (ALT, AST, और बिलीरुबिन) में इजाफा करते हैं. इसके अलावा लिवर सेल्स पुनर्जनन को बढ़ावा देती है, जो लिवर डैमेज के केसेज में कारगर है. वहीं, यह दवा भूख बढ़ाने और पाचन को बेहतर बनाने में असरदार है. Liv. 52 को हल्के से मध्यम गंभीरता वाले वायरल हेपेटाइटिस, NAFLD और अल्कोहलिक लिवर डिजीज के लक्षणों में सुधार के लिए सहायक पाया गया है. Liv. 52 के साइड इफेक्ट्स Liv. 52 को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ मामलों में इसके साइड इफेक्ट भी देखे गए हैं.कुछ लोगों को इस दवा के हर्बल घटकों से एलर्जी हो सकती है, जिसकी वजह से स्किन पर चकत्ते, खुजली या सूजन हो सकती है. गंभीर मामलों में सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती है. ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए. वहीं, कुछ रोगियों ने Liv. 52 लेने के बाद हल्के पेट दर्द, मतली, उल्टी या दस्त की शिकायत की है. कुछ रेयर केसेज में Liv. 52 के इस्तेमाल से किडनी डिसफंक्शन की दिक्कत हुई है. इन लोगों को बरतनी चाहिए सावधानी प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को यह दवा डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेनी चाहिए. जिन लोगों को हर्बल चीजों से एलर्जी है, उन्हें इसका इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट करवाना चाहिए. इसके अलावा किडनी डिसफंक्शन या अन्य पुरानी बीमारियों जूझ रहे लोगों को भी डॉक्टर की सलाह के बिना यह दवा इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए. ये भी पढ़ें: रोजाना एक हरा पत्ता खा लिया तो पेशाब से गायब हो जाएंगे सारे झाग, किडनी की सेहत बनी रहेगी Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

लिवर में कोई भी दिक्कत हो तो हर कोई Liv. 52 दवा खाने की सलाह देने लगता है. सभी का दावा होता है कि लिवर की हर बीमारी को इससे ठीक किया जा सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या लिव 52 को कोई भी खा सकता है? आइए जानते हैं कि इस दावे में कितनी सच्चाई है?
इन बीमारियों में काम आती है यह दवा
Liv. 52 एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक हर्बल सप्लीमेंट है, जिसे लिवर की सेहत दुरुस्त करने और डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है. इस दवा का इस्तेमाल दशकों से भारत और दुनिया के कई देशों में हो रहा है. वायरल हेपेटाइटिस, अल्कोहलिक लिवर डिजीज (ALD), नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) और लिवर डैमेज आदि दिक्कतों में लिव 52 को फायदेमंद माना जाता है.
क्या है लिव 52 दवा?
Liv. 52 एक पॉलीहर्बल फॉर्मूलेशन है, जिसमें कैपर बुश (हिम्सरा), चिकोरी (कसनी), मंडूर भस्म, टर्मिनलिया अर्जुना और सोलनम नाइग्रम जैसी कई औषधीय जड़ी-बूटियां शामिल हैं. सामान्य रूप से यह दवा लिवर हेल्थ बेहतर करने, भूख बढ़ाने और पाचन में सुधार के लिए इस्तेमाल की जाती है.
क्या हैं Liv. 52 के फायदे?
2022 से 2025 के बीच पब्लिश हुईं कई स्टडीज में Liv. 52 को लिवर के लिए बेहतरीन दवा बताया गया है. यह लिवर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है. इसमें मौजूद चिकोरी (कसनी) और कैपर बुश (हिम्सरा) जैसे तत्व ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं. साथ ही, अल्कोहलिक लिवर डिजीज (ALD) और NAFLD के मरीजों में लिवर एंजाइम लेवल (ALT, AST, और बिलीरुबिन) में इजाफा करते हैं.
इसके अलावा लिवर सेल्स पुनर्जनन को बढ़ावा देती है, जो लिवर डैमेज के केसेज में कारगर है. वहीं, यह दवा भूख बढ़ाने और पाचन को बेहतर बनाने में असरदार है. Liv. 52 को हल्के से मध्यम गंभीरता वाले वायरल हेपेटाइटिस, NAFLD और अल्कोहलिक लिवर डिजीज के लक्षणों में सुधार के लिए सहायक पाया गया है.
Liv. 52 के साइड इफेक्ट्स
Liv. 52 को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ मामलों में इसके साइड इफेक्ट भी देखे गए हैं.कुछ लोगों को इस दवा के हर्बल घटकों से एलर्जी हो सकती है, जिसकी वजह से स्किन पर चकत्ते, खुजली या सूजन हो सकती है. गंभीर मामलों में सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती है. ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए. वहीं, कुछ रोगियों ने Liv. 52 लेने के बाद हल्के पेट दर्द, मतली, उल्टी या दस्त की शिकायत की है. कुछ रेयर केसेज में Liv. 52 के इस्तेमाल से किडनी डिसफंक्शन की दिक्कत हुई है.
इन लोगों को बरतनी चाहिए सावधानी
प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को यह दवा डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेनी चाहिए. जिन लोगों को हर्बल चीजों से एलर्जी है, उन्हें इसका इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट करवाना चाहिए. इसके अलावा किडनी डिसफंक्शन या अन्य पुरानी बीमारियों जूझ रहे लोगों को भी डॉक्टर की सलाह के बिना यह दवा इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए.
ये भी पढ़ें: रोजाना एक हरा पत्ता खा लिया तो पेशाब से गायब हो जाएंगे सारे झाग, किडनी की सेहत बनी रहेगी
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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