Ganesh ji ki Aarti: जय गणेश..जय गणेश.. आज बुधवार की पूजा में जरूर करें बप्पा की ये आरती

Budhwar Ganesh ji ki Aarti: बुधवार का दिन सुखकर्ता दुखहर्ता विघ्न विधाता भगवान गणेश को समर्पित है. हिंदू धर्म में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा का विधान है। साथ ही किसी भी शुभ-मांगलिक कार्य से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है, इसलिए गणपति प्रथम पूज्य देवता भी कहलाते हैं. सुबह की शुरुआत पूजा-पाठ और आरती-मंत्र के साथ करनी चाहिए. इससे पूरा दिन सकारात्मक रहता है और काम में सफलता मिलती है. आरती में पंच तत्व पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश समाहित होते हैं. पृथ्वी की सुगंध कपूर, जल की मधुर धारा घी, अग्नि दीपक की लौ, वायु लौ का हिलना, आकाश घण्टी, शंख या मृदंग आदि की ध्वनि का प्रतिनिधित्‍व करते हैं. आज बुधवार के दिन सुबह स्नानादि के बाद भगवान गणेश की पूजा करे, फल-फूल अर्पित करें, दूर्वा घास चढ़ाएं, गणपति के मंत्रों का जाप करें और साथ ही आरती भी जरूर करें. आरती करने से पूजा का पूर्ण फल मिलता है और देवता प्रसन्न होते हैं. भगवान गणेश की आरती (Ganpati Aarti in Hindi) जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ 'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय ये भी पढ़े: Guru Gochar 2025: 14 मई 2025 को क्या है? क्या इस दिन 12 साल बाद गुरु मिथुन राशि में आ रहा है?Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

May 14, 2025 - 08:30
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Ganesh ji ki Aarti: जय गणेश..जय गणेश.. आज बुधवार की पूजा में जरूर करें बप्पा की ये आरती

Budhwar Ganesh ji ki Aarti: बुधवार का दिन सुखकर्ता दुखहर्ता विघ्न विधाता भगवान गणेश को समर्पित है. हिंदू धर्म में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा का विधान है। साथ ही किसी भी शुभ-मांगलिक कार्य से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है, इसलिए गणपति प्रथम पूज्य देवता भी कहलाते हैं.

सुबह की शुरुआत पूजा-पाठ और आरती-मंत्र के साथ करनी चाहिए. इससे पूरा दिन सकारात्मक रहता है और काम में सफलता मिलती है. आरती में पंच तत्व पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश समाहित होते हैं. पृथ्वी की सुगंध कपूर, जल की मधुर धारा घी, अग्नि दीपक की लौ, वायु लौ का हिलना, आकाश घण्टी, शंख या मृदंग आदि की ध्वनि का प्रतिनिधित्‍व करते हैं.

आज बुधवार के दिन सुबह स्नानादि के बाद भगवान गणेश की पूजा करे, फल-फूल अर्पित करें, दूर्वा घास चढ़ाएं, गणपति के मंत्रों का जाप करें और साथ ही आरती भी जरूर करें. आरती करने से पूजा का पूर्ण फल मिलता है और देवता प्रसन्न होते हैं.

भगवान गणेश की आरती (Ganpati Aarti in Hindi)

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय

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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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