क्या UPSC में महिलाओं को मिलना चाहिए कोटा? जानें तकदीर बदलने वाले सवाल का जवाब
यूपीएससी यानी देश का ऐसा एग्जाम, जिसे क्लियर करने की तमन्ना लगभग हर बच्चे के दिल में होती है. बच्चे इस एग्जाम को क्लियर करने के लिए अपनी जिंदगी का काफी वक्त लगाते हैं. आज के दौर में तमाम ऐसे तरीके मौजूद हैं, जिनसे यूपीएससी की तैयारी करने वाले बच्चों को मदद मिलती है. यह कहना है यूपीएससी एस्पिरेंट्स के इंटरव्यू करने वाली सलोनी खन्ना का, जो सोमवार (9 जून) को एबीपी लाइव के एबीपी न्यूज के एबीपी स्मार्ट एजुकेशन कॉनक्लेव में मौजूद थीं. उन्होंने बताया कि यूपीएससी की तैयारी में एआई कितना मददगार है? इसके अलावा उन्होंने यूपीएससी में महिलाओं को कोटा मिलने को लेकर भी अहम बात कही. यूपीएससी की तैयारी में एआई कितना जरूरी? सलोनी खन्ना ने कहा कि यूपीएससी की तैयारी में एआई की इस्तेमाल स्टूडेंट्स के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है. इस वक्त मार्केट में तमाम ऐसे प्लेयर्स मौजूद हैं, जो एआई की मदद से बच्चों को तैयारी में मदद करते हैं. दरअसल, यह वह दौर होता है, जब एस्पिरेंट्स किसी सवाल का जवाब लिखकर ढूंढते हैं कि कोई उन्हें बता दे कि यह जवाब सही है या नहीं. ऐसे में एआई काफी मददगार साबित होता है. वह आपके जवाब को चेक करके चीजें क्लियर कर सकता है. हालांकि, यूपीएससी की तैयारी काफी ज्यादा डायनमिक होती है. ऐसे में स्टूडेंट्स पूरी तरह एआई पर भरोसा नहीं कर सकते हैं. यहां देखें पूरा वीडियो क्या यूपीएससी में महिलाओं को मिलना चाहिए कोटा? सलोनी खन्ना के कहा कि तमाम महिलाएं आईएएस अधिकारी बनती हैं, लेकिन इनमें से 30 फीसदी महिलाएं डीएम नहीं बन पाती हैं. उन्हें डीएमशिप या कलेक्टरशिप नहीं मिलती है. उनका मानना है कि जब तक यह मानसिकता पूरी तरह नहीं बदल जाती है, तब तक महिलाओं को यूपीएससी में आरक्षण मिलना चाहिए. यह प्रक्रिया उचित लैंगिक प्रतिनिधित्व कायम होने तक जारी रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि यह कोटा हमेशा के लिए लागू हो जाए. इसे बस तब तक लागू कर देना चाहिए, जब तक चीजें नहीं बदल जाती हैं. कार्यक्रम में ये स्पीकर्स भी हुए शामिल एबीपी न्यूज के एबीपी स्मार्ट एजुकेशन कॉनक्लेव में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद, Innov8 के डॉ. रितेश मलिक, एडम्स यूनिवर्सिटी के डॉ. समित राय, नेक्स्ट एजुकेशन के व्यास देव रल्हान, अड्डा247 के अनिल नागर समेत तमाम एजुकेशन एक्सपर्ट्स शामिल हुए. उन्होंने देश की शिक्षा नीति और एजुकेशन सिस्टम से जुड़े तमाम मसलों पर चर्चा की. साथ ही, बताया कि सरकार की शिक्षा नीति से बच्चों का भविष्य कैसे उज्ज्वल होगा. ये भी पढ़ें: मातृ भाषा में पढ़ाई से लेकर जॉब क्रिएशन तक, शिक्षा मंत्री ने बताया NEP लागू होने के बाद क्या होंगे बदलाव

यूपीएससी यानी देश का ऐसा एग्जाम, जिसे क्लियर करने की तमन्ना लगभग हर बच्चे के दिल में होती है. बच्चे इस एग्जाम को क्लियर करने के लिए अपनी जिंदगी का काफी वक्त लगाते हैं. आज के दौर में तमाम ऐसे तरीके मौजूद हैं, जिनसे यूपीएससी की तैयारी करने वाले बच्चों को मदद मिलती है. यह कहना है यूपीएससी एस्पिरेंट्स के इंटरव्यू करने वाली सलोनी खन्ना का, जो सोमवार (9 जून) को एबीपी लाइव के एबीपी न्यूज के एबीपी स्मार्ट एजुकेशन कॉनक्लेव में मौजूद थीं. उन्होंने बताया कि यूपीएससी की तैयारी में एआई कितना मददगार है? इसके अलावा उन्होंने यूपीएससी में महिलाओं को कोटा मिलने को लेकर भी अहम बात कही.
यूपीएससी की तैयारी में एआई कितना जरूरी?
सलोनी खन्ना ने कहा कि यूपीएससी की तैयारी में एआई की इस्तेमाल स्टूडेंट्स के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है. इस वक्त मार्केट में तमाम ऐसे प्लेयर्स मौजूद हैं, जो एआई की मदद से बच्चों को तैयारी में मदद करते हैं. दरअसल, यह वह दौर होता है, जब एस्पिरेंट्स किसी सवाल का जवाब लिखकर ढूंढते हैं कि कोई उन्हें बता दे कि यह जवाब सही है या नहीं. ऐसे में एआई काफी मददगार साबित होता है. वह आपके जवाब को चेक करके चीजें क्लियर कर सकता है. हालांकि, यूपीएससी की तैयारी काफी ज्यादा डायनमिक होती है. ऐसे में स्टूडेंट्स पूरी तरह एआई पर भरोसा नहीं कर सकते हैं.
क्या यूपीएससी में महिलाओं को मिलना चाहिए कोटा?
सलोनी खन्ना के कहा कि तमाम महिलाएं आईएएस अधिकारी बनती हैं, लेकिन इनमें से 30 फीसदी महिलाएं डीएम नहीं बन पाती हैं. उन्हें डीएमशिप या कलेक्टरशिप नहीं मिलती है. उनका मानना है कि जब तक यह मानसिकता पूरी तरह नहीं बदल जाती है, तब तक महिलाओं को यूपीएससी में आरक्षण मिलना चाहिए. यह प्रक्रिया उचित लैंगिक प्रतिनिधित्व कायम होने तक जारी रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि यह कोटा हमेशा के लिए लागू हो जाए. इसे बस तब तक लागू कर देना चाहिए, जब तक चीजें नहीं बदल जाती हैं.
कार्यक्रम में ये स्पीकर्स भी हुए शामिल
एबीपी न्यूज के एबीपी स्मार्ट एजुकेशन कॉनक्लेव में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद, Innov8 के डॉ. रितेश मलिक, एडम्स यूनिवर्सिटी के डॉ. समित राय, नेक्स्ट एजुकेशन के व्यास देव रल्हान, अड्डा247 के अनिल नागर समेत तमाम एजुकेशन एक्सपर्ट्स शामिल हुए. उन्होंने देश की शिक्षा नीति और एजुकेशन सिस्टम से जुड़े तमाम मसलों पर चर्चा की. साथ ही, बताया कि सरकार की शिक्षा नीति से बच्चों का भविष्य कैसे उज्ज्वल होगा.
ये भी पढ़ें: मातृ भाषा में पढ़ाई से लेकर जॉब क्रिएशन तक, शिक्षा मंत्री ने बताया NEP लागू होने के बाद क्या होंगे बदलाव
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