चेहरे पर दिखने लगें ये लक्षण समझ जाएं बढ़ चुका है कोलेस्ट्रॉल, भूलकर भी न करें नजरअंदाज

हाई कोलेस्ट्राॅल एक साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है. इसके सिम्पटम्स चेहरे से लेकर शरीर तक पर साफ नजर आते हैं. लेकिन हम इग्नोर कर देते हैं. ये लापरवाही भारी पड़ सकती है. गंभीर हेल्थ प्राॅब्लम की वजह बन सकते हैं. आइए जानते हैं वह काैन से संकेत हैं, जिनके नजर आने पर हमें बाॅडी में कोलेस्ट्राॅल की मात्रा को लेकर सचेत हो जाना चाहिए... आंखों के आसपास पीले रंग के धब्बे आंखों के आसपास या किनारे पीले रंग के पैचेस नजर आ रहे हैं. अगर ऐसा है तो ये ​स्थिति जैंथेलाज्मा हो सकती है. ये पैचेस अक्सर बाॅडी में हाई लेवल कोलेस्ट्राॅल की ओर संकेत देते हैं. चेहरे का रंग बदलना, पलकों पर पीले धब्बे भी इस ओर इशारा करते हैं. काॅर्निया में ये बदलाव अगर आंखों के काॅ​र्निया के आसपास लाइट कलर की रिंग बनती नजर आए तो सतर्क हो जाना चाहिए.आंखों में कोलेस्ट्राॅल जमा होने लगता है. आंखों की नजर को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है. लगातार थकान महसूस होना बाॅडी में कोलेस्ट्राॅल की मात्रा बढ़ने से आर्टरीज ब्लाॅक होने का रिस्क बढ़ जाता है. इससे बाॅडी में ऑक्सीजन के साथ ब्लड का सर्कुलेशन प्राॅपर नहीं हो पाता. जिसके चलते हार्ट संघर्ष करने लगता है. बाॅडी थकी और सुस्त फील करती है. ​स्किन पर बदलाव कोलेस्ट्राॅल बढ़ने से ​स्किन में ड्राईनेस के साथ इचिंग की समस्या देखने को मिल सकती है. नीले और पर्पल कलर के स्पाॅट बन जाते हैं, जो ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने का संकेत देते हैं. सिर और पैरों में दर्द ब्लड फ्लो प्रभावित होने के चलते सिर और पैरों में दर्द की ​शिकायत देखने को मिलती है. पेट, छाती में दर्द और सांस लेने में दिक्कत बाॅडी में कोलेस्ट्राॅल की मात्रा अ​धिक होने का असर डाजे​स्टिव सिस्टम पर पड़ता है. साथ ही लंग्स और हार्ट पर भी दबाव बढ़ जाता है. जिससे छाती में दर्द के साथ सांस लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है. कोलेस्ट्राॅल बढ़ने के कारण जंक फूड का अ​धिक सेवन करना फिजिकल ए​क्टिविटी से दूरी अ​धिक वजन और मोटापा शराब और सिगरेट का सेवन कई केसेज में शरीर में कोलेस्ट्राॅल का लेवल बढ़ने के पीछे कारण जेनेटिक भी हो सकता है. इस तरह सकते हैं बचाव बैलेंस्ट डाइट लें. डाइट में हरी स​ब्जियां, फल, नट्स और फाइबर रिच फूड्स को शामिल करें. डेली 30 मिनट एक्सरसाइज करें. ये न सिर्फ आपको फिट रखने मदद करेगी, ब​ल्कि कोलेस्ट्राॅल के रिस्क को भी करने में सहायक होगी. स्मोकिंग ओर एल्कोहल के सेवन से दूरी बनाएं. मेंटल हेल्थ को इंप्रूव करने के लिए योगा और मेडिटेशन करें. कोलेस्ट्राॅल को रेग्यूलेट करने के लिए चेकअप कराते रहें. अगर कोलेस्ट्राॅल का लेवल अ​धिक हो तो डाॅक्टर से कंसल्ट करना उचित रहता है. ये भी पढ़ें: क्यों फड़कने लगती हैं आपकी आंखें, ये कोई बीमारी है या शुभ-अशुभ के संकेत? Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Jun 9, 2025 - 20:30
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चेहरे पर दिखने लगें ये लक्षण समझ जाएं बढ़ चुका है कोलेस्ट्रॉल, भूलकर भी न करें नजरअंदाज

हाई कोलेस्ट्राॅल एक साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है. इसके सिम्पटम्स चेहरे से लेकर शरीर तक पर साफ नजर आते हैं. लेकिन हम इग्नोर कर देते हैं. ये लापरवाही भारी पड़ सकती है. गंभीर हेल्थ प्राॅब्लम की वजह बन सकते हैं. आइए जानते हैं वह काैन से संकेत हैं, जिनके नजर आने पर हमें बाॅडी में कोलेस्ट्राॅल की मात्रा को लेकर सचेत हो जाना चाहिए...

आंखों के आसपास पीले रंग के धब्बे

आंखों के आसपास या किनारे पीले रंग के पैचेस नजर आ रहे हैं. अगर ऐसा है तो ये ​स्थिति जैंथेलाज्मा हो सकती है. ये पैचेस अक्सर बाॅडी में हाई लेवल कोलेस्ट्राॅल की ओर संकेत देते हैं. चेहरे का रंग बदलना, पलकों पर पीले धब्बे भी इस ओर इशारा करते हैं.

काॅर्निया में ये बदलाव

अगर आंखों के काॅ​र्निया के आसपास लाइट कलर की रिंग बनती नजर आए तो सतर्क हो जाना चाहिए.आंखों में कोलेस्ट्राॅल जमा होने लगता है. आंखों की नजर को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है.

लगातार थकान महसूस होना

बाॅडी में कोलेस्ट्राॅल की मात्रा बढ़ने से आर्टरीज ब्लाॅक होने का रिस्क बढ़ जाता है. इससे बाॅडी में ऑक्सीजन के साथ ब्लड का सर्कुलेशन प्राॅपर नहीं हो पाता. जिसके चलते हार्ट संघर्ष करने लगता है. बाॅडी थकी और सुस्त फील करती है.

​स्किन पर बदलाव

कोलेस्ट्राॅल बढ़ने से ​स्किन में ड्राईनेस के साथ इचिंग की समस्या देखने को मिल सकती है. नीले और पर्पल कलर के स्पाॅट बन जाते हैं, जो ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने का संकेत देते हैं.

सिर और पैरों में दर्द

ब्लड फ्लो प्रभावित होने के चलते सिर और पैरों में दर्द की ​शिकायत देखने को मिलती है.

पेट, छाती में दर्द और सांस लेने में दिक्कत

बाॅडी में कोलेस्ट्राॅल की मात्रा अ​धिक होने का असर डाजे​स्टिव सिस्टम पर पड़ता है. साथ ही लंग्स और हार्ट पर भी दबाव बढ़ जाता है. जिससे छाती में दर्द के साथ सांस लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है.

कोलेस्ट्राॅल बढ़ने के कारण

  • जंक फूड का अ​धिक सेवन करना
  • फिजिकल ए​क्टिविटी से दूरी
  • अ​धिक वजन और मोटापा
  • शराब और सिगरेट का सेवन
  • कई केसेज में शरीर में कोलेस्ट्राॅल का लेवल बढ़ने के पीछे कारण जेनेटिक भी हो सकता है.

इस तरह सकते हैं बचाव

  • बैलेंस्ट डाइट लें. डाइट में हरी स​ब्जियां, फल, नट्स और फाइबर रिच फूड्स को शामिल करें.
  • डेली 30 मिनट एक्सरसाइज करें. ये न सिर्फ आपको फिट रखने मदद करेगी, ब​ल्कि कोलेस्ट्राॅल के रिस्क को भी करने में सहायक होगी.
  • स्मोकिंग ओर एल्कोहल के सेवन से दूरी बनाएं.
  • मेंटल हेल्थ को इंप्रूव करने के लिए योगा और मेडिटेशन करें.
  • कोलेस्ट्राॅल को रेग्यूलेट करने के लिए चेकअप कराते रहें. अगर कोलेस्ट्राॅल का लेवल अ​धिक हो तो डाॅक्टर से कंसल्ट करना उचित रहता है.

ये भी पढ़ें: क्यों फड़कने लगती हैं आपकी आंखें, ये कोई बीमारी है या शुभ-अशुभ के संकेत?

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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