कोरोना रिटर्न क्या फिर ले लगाएगा लॉकडाउन, हिमाचल के ज्योतिषी ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी
Covid in India: साल 2020 की तरह मई 2025 में भी कोरोना के कुछ कैसे भारत में देखने को मिले हैं. क्या कोरोना के मामले तेजी से बढ़ेंगे और लॉक डाउन का कारण बनेंगे? यह सब हम राहु, केतु, बृहस्पति और शनि के गोचर के माध्यम से जानने का प्रयास करेंगे. 2020 की परिस्थिति क्या 2025 में फिर से आएगी 2020 में जब कोविड-19 तेजी से बढ़ा, लॉक डाउन लगाया और पूरे विश्व में लोग घरों में बंद हो गए थे. तब राहु से सप्तम में बृहस्पति+केतु की युति थी और बृहस्पति गोचर में शनि की तरफ बढ़ रहा था. इन चारों ग्रहों की परिस्थितियों ने और रोग संबंधित प्रमादी नामक संवत्सर ने पूरे विश्व की हालत खराब कर दी थी. साल 2025 में सिद्धार्थी नामक संवत्सर है, जिसका बड़े स्तर के रोग से कुछ लेना देना तो नहीं है, लेकिन राहु, शनि और बृहस्पति की गोचरीय स्थिति इस रोग को बढ़ाने में भूमिका निभा सकती है. जब भी शनि और बृहस्पति की नजदीकी बढ़ती है और बृहस्पति कमजोर होता है तो विश्व में रोग बढ़ने के आसार हो जाते हैं. क्योंकि बृहस्पति को जीवन शक्ति का ग्रह कहते हैं और शनि के प्रभाव में आने से जीवन असामान्य रूप से प्रभावित होता है. शनि 2020 में बृहस्पति और शनि मकर राशि में थे और उससे पहले धनु राशि में बृहस्पति केतु से पीड़ित था. अब शनि मीन राशि में है और बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर है. जैसे ही 14 मई 2025 को बृहस्पति का मिथुन राशि में प्रवेश हुआ, वैसे ही कोरोना के मामले बढ़ने लगे. इसका कारण बृहस्पति का शनि से चतुर्थ भाव में जाना है, ज्योतिष में केंद्र बल का सूत्र भी है कि कोई ग्रह अपने से चतुर्थ भाव के ग्रह को केंद्र बल से प्रभावित करता है जोकि दृष्टि जितना प्रभाव रखता है. इसलिए शनि का केन्द्रीय बल बृहस्पति को कुछ समय तक झकझोर कर रखेगा और कोरोना प्रभाव दिखाता रहेगा. बृहस्पति का अस्त होना कोरोना को बढ़ाएगा क्योंकि अस्त होने पर बृहस्पति की जीवन शक्ति कमजोर होगी और जनता में डर बढ़ेगा. 10 जून से 6 जुलाई 2025 तक बृहस्पति अस्त रहेगा, इस समय कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. हालांकि 31 जुलाई 2025 तक कोरोना के मामलों में कमी आ जाएगी और कोरोना फिर से कंट्रोल में होगा. ये भी पढ़ें: Eid al-Adha 2025: जून में मुसलमान कब मनाएंगे ईद उल अजहा, नोट कर लें बकरीद की तारीख [नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

Covid in India: साल 2020 की तरह मई 2025 में भी कोरोना के कुछ कैसे भारत में देखने को मिले हैं. क्या कोरोना के मामले तेजी से बढ़ेंगे और लॉक डाउन का कारण बनेंगे? यह सब हम राहु, केतु, बृहस्पति और शनि के गोचर के माध्यम से जानने का प्रयास करेंगे.
2020 की परिस्थिति क्या 2025 में फिर से आएगी
2020 में जब कोविड-19 तेजी से बढ़ा, लॉक डाउन लगाया और पूरे विश्व में लोग घरों में बंद हो गए थे. तब राहु से सप्तम में बृहस्पति+केतु की युति थी और बृहस्पति गोचर में शनि की तरफ बढ़ रहा था. इन चारों ग्रहों की परिस्थितियों ने और रोग संबंधित प्रमादी नामक संवत्सर ने पूरे विश्व की हालत खराब कर दी थी.
साल 2025 में सिद्धार्थी नामक संवत्सर है, जिसका बड़े स्तर के रोग से कुछ लेना देना तो नहीं है, लेकिन राहु, शनि और बृहस्पति की गोचरीय स्थिति इस रोग को बढ़ाने में भूमिका निभा सकती है.
जब भी शनि और बृहस्पति की नजदीकी बढ़ती है और बृहस्पति कमजोर होता है तो विश्व में रोग बढ़ने के आसार हो जाते हैं. क्योंकि बृहस्पति को जीवन शक्ति का ग्रह कहते हैं और शनि के प्रभाव में आने से जीवन असामान्य रूप से प्रभावित होता है. शनि 2020 में बृहस्पति और शनि मकर राशि में थे और उससे पहले धनु राशि में बृहस्पति केतु से पीड़ित था.
अब शनि मीन राशि में है और बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर है. जैसे ही 14 मई 2025 को बृहस्पति का मिथुन राशि में प्रवेश हुआ, वैसे ही कोरोना के मामले बढ़ने लगे.
इसका कारण बृहस्पति का शनि से चतुर्थ भाव में जाना है, ज्योतिष में केंद्र बल का सूत्र भी है कि कोई ग्रह अपने से चतुर्थ भाव के ग्रह को केंद्र बल से प्रभावित करता है जोकि दृष्टि जितना प्रभाव रखता है. इसलिए शनि का केन्द्रीय बल बृहस्पति को कुछ समय तक झकझोर कर रखेगा और कोरोना प्रभाव दिखाता रहेगा.
बृहस्पति का अस्त होना कोरोना को बढ़ाएगा क्योंकि अस्त होने पर बृहस्पति की जीवन शक्ति कमजोर होगी और जनता में डर बढ़ेगा. 10 जून से 6 जुलाई 2025 तक बृहस्पति अस्त रहेगा, इस समय कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. हालांकि 31 जुलाई 2025 तक कोरोना के मामलों में कमी आ जाएगी और कोरोना फिर से कंट्रोल में होगा.
ये भी पढ़ें: Eid al-Adha 2025: जून में मुसलमान कब मनाएंगे ईद उल अजहा, नोट कर लें बकरीद की तारीख
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]
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