पाकिस्तान के DGMO को कितनी मिलती है सैलरी? भारत की तुलना में इतनी है कम

भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव के बाद अब एक बार फिर शांति की कोशिशें हो रही हैं. बीती रात सीमा पर कोई गोलीबारी नहीं हुई और दोनों देशों ने युद्ध विराम (सीजफायर) का पालन किया. इसी के तहत आज एक अहम बातचीत होने जा रही है, जो दोनों देशों के DGMO यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स के बीच होगी. इस बातचीत का मकसद सीमा पर शांति बनाए रखना और सीजफायर समझौते को लंबे समय तक लागू रखना है. माना जा रहा है कि इस मीटिंग में पाकिस्तान द्वारा पहले किए गए उल्लंघनों पर भारत अपना सख्त रुख दिखा सकता है. भारत की ओर से DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई इसमें हिस्सा लेंगे, जबकि पाकिस्तान की तरफ से मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला शामिल होंगे. यह मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंस या हॉटलाइन के जरिए हो सकती है. गौरतलब है कि सीजफायर समझौता भी इसी स्तर पर हुआ था.क्यों है यह बैठक जरूरी? 10 मई की शाम 5 बजे से दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू हुआ था, लेकिन कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान की ओर से उल्लंघन की खबरें सामने आईं. भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि हर उल्लंघन का कड़ा जवाब दिया जाएगा. ऐसे में आज की बैठक में भारत की तरफ से उल्लंघनों पर नाराजगी जाहिर की जा सकती है और भविष्य में शांति बनाए रखने के लिए ठोस कदमों पर चर्चा हो सकती है. DGMO को कितनी मिलती है सैलरी? भारत में DGMO लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी होता है. रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें 7वें वेतन आयोग के तहत हर महीने 2,25,000 की बेसिक सैलरी मिलती है. इसके अलावा मिलिट्री सर्विस पे (MSP), महंगाई भत्ता (DA) और अन्य सरकारी सुविधाएं मिलती हैं, जिससे कुल मासिक सैलरी 3 लाख से ज्यादा हो जाती है. वहीं पाकिस्तान में DGMO मेजर जनरल रैंक का अधिकारी होता है और उनकी सैलरी भारतीय रुपये में लगभग 1.5 से 2 लाख के बीच होती है. इसमें सभी भत्ते शामिल होते हैं. यह भी पढ़ें- Operation Sindoor: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बढ़ी फाइटर पायलट बनने की चाहत, जानें कैसे बनें भारतीय वायुसेना के योद्धा

May 12, 2025 - 17:30
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पाकिस्तान के DGMO को कितनी मिलती है सैलरी? भारत की तुलना में इतनी है कम

भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव के बाद अब एक बार फिर शांति की कोशिशें हो रही हैं. बीती रात सीमा पर कोई गोलीबारी नहीं हुई और दोनों देशों ने युद्ध विराम (सीजफायर) का पालन किया. इसी के तहत आज एक अहम बातचीत होने जा रही है, जो दोनों देशों के DGMO यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स के बीच होगी.

इस बातचीत का मकसद सीमा पर शांति बनाए रखना और सीजफायर समझौते को लंबे समय तक लागू रखना है. माना जा रहा है कि इस मीटिंग में पाकिस्तान द्वारा पहले किए गए उल्लंघनों पर भारत अपना सख्त रुख दिखा सकता है. भारत की ओर से DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई इसमें हिस्सा लेंगे, जबकि पाकिस्तान की तरफ से मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला शामिल होंगे. यह मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंस या हॉटलाइन के जरिए हो सकती है. गौरतलब है कि सीजफायर समझौता भी इसी स्तर पर हुआ था.

क्यों है यह बैठक जरूरी?

10 मई की शाम 5 बजे से दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू हुआ था, लेकिन कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान की ओर से उल्लंघन की खबरें सामने आईं. भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि हर उल्लंघन का कड़ा जवाब दिया जाएगा. ऐसे में आज की बैठक में भारत की तरफ से उल्लंघनों पर नाराजगी जाहिर की जा सकती है और भविष्य में शांति बनाए रखने के लिए ठोस कदमों पर चर्चा हो सकती है.

DGMO को कितनी मिलती है सैलरी?

भारत में DGMO लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी होता है. रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें 7वें वेतन आयोग के तहत हर महीने 2,25,000 की बेसिक सैलरी मिलती है. इसके अलावा मिलिट्री सर्विस पे (MSP), महंगाई भत्ता (DA) और अन्य सरकारी सुविधाएं मिलती हैं, जिससे कुल मासिक सैलरी 3 लाख से ज्यादा हो जाती है. वहीं पाकिस्तान में DGMO मेजर जनरल रैंक का अधिकारी होता है और उनकी सैलरी भारतीय रुपये में लगभग 1.5 से 2 लाख के बीच होती है. इसमें सभी भत्ते शामिल होते हैं.

यह भी पढ़ें- Operation Sindoor: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बढ़ी फाइटर पायलट बनने की चाहत, जानें कैसे बनें भारतीय वायुसेना के योद्धा

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