आठवें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे लाखों कर्मचारियों को लग सकता है झटका! जानें क्या है पूरा मामला
8th Pay Commission: केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इस वक्त आठवें वेतन आयोग का इंतजार है. इस साल जनवरी में ही आयोग के गठन का ऐलान किया गया था, लेकिन अब तक इसका औपचारिक गठन नहीं हो पाया है. इस बीच, एक ऐसी रिपोर्ट सामने आयी है, जिसे जानकार केन्द्र सरकार के करीब 33 लाख सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगियों की बेचैनी थोड़ी बढ़ सकती है. दरअसल, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि सातवें वेतन आयोग की तुलना में आठवें वेतन आयोग का फिटमैंट फैक्टर कम रह सकता है. इसमें कहा गया है कि फिटमैंट फैक्टर करीब 1.8 रह सकता है, जिसके चलते वेतन में सिर्फ तेरह प्रतिशत तक का ही इजाफा देखने को मिल सकता है. क्या है फिटमैंट फैक्टर? फिटमैंट फैक्टर किसी भी स्टाफ के बैसिक वेतन के आधार पर उसके नए बैसिक वेतन निकालने के लिए कैलकुलेट किया जाता है. यानी, इसे ऐसे समझ सकते हैं कि सातवें वेतन आयोग के लिए फिटमैंट फैक्टर 2.57 तय किया गया था. उस स्थिति में अगर किसी का मूल न्यूनतम वेतन 20,000 रुपये था तो यह बढ़कर 51,400 रुपये हो गया. यहां एक बात गौर करने लायक है कि फिटमैंट फैक्टर हमेशा बेसिक सैलरी पर लगता है. ऐसे में अगर नए वेतन में 1.87 का फिटमैंट फैक्टर लगता है तो इसका मतलब ये नहीं कि कुल वेतन में 1.87 प्रतिशत का ही वृद्धि होगी. इससे पहले एम्बिट कैपिल की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि सातवां वेतन आयोग दिसंबर 2025 में खत्म हो रहा है. 2016 में जब इसे लागू किया गया था तो उस समय 14.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इसमें भत्ते शामिल नहीं है. यह वृद्धि आठवें वेतन आयोग की अपेक्षित वृद्धि से कहीं अधिक थी. आठवां वेतन आयोग: एकमुश्त वृद्धि शीर्षक के साथ कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटटीज ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बाद मूल न्यूनतम वेतन में 1.8 का फिटमैंट फैक्टर लगाने की उम्मीद जताई है. कब से होगा लागू? गौरतलब है कि आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष और इसके सदस्यों की नियुक्ति अभी तक नहीं हो पायी है. वेतन आयोग हर 10 साल पर गठन किया जाता है. वेतन आयोग की सिफारिश के बाद सरकार इस पर कैबिनेट की मंजूरी लेती है. वेतन आयोग के गठन के बाद वे केन्द्र और राज्य सरकार के अधिकारी, पेंशनर्स के प्रतिनिधि, विशेषज्ञ और कर्मचारी संगठन से राय लेते हैं और उस आधार पर रिपोर्ट बनाकर सरकार को सिफारिश करते हैं. आठवां वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू हो जाएगाा. लेकिन अगर इसे लागू करने में देरी होती है तो फिर केन्द्र सरकार के पेंशनभोगियों और कर्मचारियों को एरियर के साथ बाद में भुगतान किया जाएगा. ये भी पढ़ें: 'ब्रेक्जिट सफल हो रहा...', भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की ब्रिटिश मीडिया ने की जमकर तारीफ

8th Pay Commission: केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इस वक्त आठवें वेतन आयोग का इंतजार है. इस साल जनवरी में ही आयोग के गठन का ऐलान किया गया था, लेकिन अब तक इसका औपचारिक गठन नहीं हो पाया है. इस बीच, एक ऐसी रिपोर्ट सामने आयी है, जिसे जानकार केन्द्र सरकार के करीब 33 लाख सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगियों की बेचैनी थोड़ी बढ़ सकती है.
दरअसल, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि सातवें वेतन आयोग की तुलना में आठवें वेतन आयोग का फिटमैंट फैक्टर कम रह सकता है. इसमें कहा गया है कि फिटमैंट फैक्टर करीब 1.8 रह सकता है, जिसके चलते वेतन में सिर्फ तेरह प्रतिशत तक का ही इजाफा देखने को मिल सकता है.
क्या है फिटमैंट फैक्टर?
फिटमैंट फैक्टर किसी भी स्टाफ के बैसिक वेतन के आधार पर उसके नए बैसिक वेतन निकालने के लिए कैलकुलेट किया जाता है. यानी, इसे ऐसे समझ सकते हैं कि सातवें वेतन आयोग के लिए फिटमैंट फैक्टर 2.57 तय किया गया था. उस स्थिति में अगर किसी का मूल न्यूनतम वेतन 20,000 रुपये था तो यह बढ़कर 51,400 रुपये हो गया.
यहां एक बात गौर करने लायक है कि फिटमैंट फैक्टर हमेशा बेसिक सैलरी पर लगता है. ऐसे में अगर नए वेतन में 1.87 का फिटमैंट फैक्टर लगता है तो इसका मतलब ये नहीं कि कुल वेतन में 1.87 प्रतिशत का ही वृद्धि होगी.
इससे पहले एम्बिट कैपिल की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि सातवां वेतन आयोग दिसंबर 2025 में खत्म हो रहा है. 2016 में जब इसे लागू किया गया था तो उस समय 14.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इसमें भत्ते शामिल नहीं है. यह वृद्धि आठवें वेतन आयोग की अपेक्षित वृद्धि से कहीं अधिक थी. आठवां वेतन आयोग: एकमुश्त वृद्धि शीर्षक के साथ कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटटीज ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बाद मूल न्यूनतम वेतन में 1.8 का फिटमैंट फैक्टर लगाने की उम्मीद जताई है.
कब से होगा लागू?
गौरतलब है कि आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष और इसके सदस्यों की नियुक्ति अभी तक नहीं हो पायी है. वेतन आयोग हर 10 साल पर गठन किया जाता है. वेतन आयोग की सिफारिश के बाद सरकार इस पर कैबिनेट की मंजूरी लेती है. वेतन आयोग के गठन के बाद वे केन्द्र और राज्य सरकार के अधिकारी, पेंशनर्स के प्रतिनिधि, विशेषज्ञ और कर्मचारी संगठन से राय लेते हैं और उस आधार पर रिपोर्ट बनाकर सरकार को सिफारिश करते हैं.
आठवां वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू हो जाएगाा. लेकिन अगर इसे लागू करने में देरी होती है तो फिर केन्द्र सरकार के पेंशनभोगियों और कर्मचारियों को एरियर के साथ बाद में भुगतान किया जाएगा.
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