Waqf Act SC Hearing: CJI गवई ने वक्फ प्रॉपर्टीज से जुड़ा पूछा कौन सा सवाल, फंस गए कपिल सिब्बल, हुई तगड़ी बहस

Waqf Amendment Act SC Hearing: सुप्रीम कोर्ट में नए वक्फ अधिनियम, 2025 को लेकर सुनवाई चल रही है. मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई की अध्यक्षता वाली दो सदस्यों की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है. वक्फ (संशोधन)अधिनियम 2025 के मामले पर अंतिम फैसला आने तक संशोधित कानून को लागू करने पर रोक लगाई गई है. सुनवाई के दौरान CJI नए एक ऐसा सवाल पूछा जिस पर मुस्लिम पक्ष के वकील कपिल सिब्बल फंस गए. वक्फ मामले के लिए मुस्लिम पक्ष की तरफ से पांच वकील केस लड़ रहे हैं. इसमें एक कपिल सिब्बल भी हैं. CJI गवई ने सिब्बल से पूछा, ''वक्फ प्रॉपर्टीज के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था पहले भी थी, पर क्या इसको लेकर अनिवार्यता थी?'' CJI के इस सवाल पर सिब्बल फंस गए. हालांकि उन्होंने जवाब में कहा, ''2025 में बना कानून पुराने से बहुत अलग है. इसमें दो अवधाराणाएं है. पहला उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ बनाई गई संपत्तियां और दूसरा इनका समर्पण. बाबरी मस्जिद मामले में इसे मान्यता मिली थी.'' CJI ने सिब्बल से पूछा वक्फ संपत्ति के रजिस्ट्रेशन से जुड़ा सवाल CJI ने कपिल सिब्बल से पूछा, ''क्या पहले के कानून में रजिस्ट्रेशन की जरूरत थी? क्या पुराने कानून में वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन का प्रावधान अनिवार्य था या सिर्फ ऐसा करने का निर्देश था? इस पर सिब्बल ने कहा, ''हां. पहले के कानून में यह गया था कि रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. इसमें 'Shall' शब्द को इस्तेमाल किया गया था.'' CJI ने कहा कि सिर्फ 'Shall' शब्द के इस्तेमाल से रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं हो सकता है.  केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से किया था यह आग्रह केंद्र ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश पारित करने के लिए सुनवाई को तीन चिह्नित मुद्दों तक सीमित रखा जाए. इन मुद्दों में ‘अदालत द्वारा वक्फ, वक्फ बाई यूजर या वक्फ बाई डीड’ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने का अधिकार भी शामिल है.

May 20, 2025 - 14:30
 0
Waqf Act SC Hearing: CJI गवई ने वक्फ प्रॉपर्टीज से जुड़ा पूछा कौन सा सवाल, फंस गए कपिल सिब्बल, हुई तगड़ी बहस

Waqf Amendment Act SC Hearing: सुप्रीम कोर्ट में नए वक्फ अधिनियम, 2025 को लेकर सुनवाई चल रही है. मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई की अध्यक्षता वाली दो सदस्यों की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है. वक्फ (संशोधन)अधिनियम 2025 के मामले पर अंतिम फैसला आने तक संशोधित कानून को लागू करने पर रोक लगाई गई है. सुनवाई के दौरान CJI नए एक ऐसा सवाल पूछा जिस पर मुस्लिम पक्ष के वकील कपिल सिब्बल फंस गए.

वक्फ मामले के लिए मुस्लिम पक्ष की तरफ से पांच वकील केस लड़ रहे हैं. इसमें एक कपिल सिब्बल भी हैं. CJI गवई ने सिब्बल से पूछा, ''वक्फ प्रॉपर्टीज के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था पहले भी थी, पर क्या इसको लेकर अनिवार्यता थी?'' CJI के इस सवाल पर सिब्बल फंस गए. हालांकि उन्होंने जवाब में कहा, ''2025 में बना कानून पुराने से बहुत अलग है. इसमें दो अवधाराणाएं है. पहला उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ बनाई गई संपत्तियां और दूसरा इनका समर्पण. बाबरी मस्जिद मामले में इसे मान्यता मिली थी.''

CJI ने सिब्बल से पूछा वक्फ संपत्ति के रजिस्ट्रेशन से जुड़ा सवाल

CJI ने कपिल सिब्बल से पूछा, ''क्या पहले के कानून में रजिस्ट्रेशन की जरूरत थी? क्या पुराने कानून में वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन का प्रावधान अनिवार्य था या सिर्फ ऐसा करने का निर्देश था? इस पर सिब्बल ने कहा, ''हां. पहले के कानून में यह गया था कि रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. इसमें 'Shall' शब्द को इस्तेमाल किया गया था.'' CJI ने कहा कि सिर्फ 'Shall' शब्द के इस्तेमाल से रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं हो सकता है. 

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से किया था यह आग्रह

केंद्र ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश पारित करने के लिए सुनवाई को तीन चिह्नित मुद्दों तक सीमित रखा जाए. इन मुद्दों में ‘अदालत द्वारा वक्फ, वक्फ बाई यूजर या वक्फ बाई डीड’ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने का अधिकार भी शामिल है.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow