Shani Jayanti 2025: शनि जयंती 27 मई को, मिलेगा इनाम या सजा

Shani Jayanti 2025: 27 मई 2025 को शनि जयंती का पर्व विशेष ज्योतिषीय महत्व रखता है. यह दिन न्याय के देवता शनि देव की आराधना और आत्मचिंतन का अवसर होता है. शनि देव अपने भक्तों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं और बुरे कर्मों पर सजा. शनि देव की पूजा पूरे देश में की जाती है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि शनिवार को उनकी पूजा करने से कर्म के कारण होने वाले बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है.  शनि की धीमी चाल और न्याय का रहस्य शनैश्चर शब्द का अर्थ है धीमी गति से चलने वाला होता है. ‘शनि’ शनि ग्रह का प्रतीक है, जबकि ‘चर’ का अर्थ गति है. इस नाम का अर्थ इस तथ्य से लिया गया है कि शनि ग्रह 30 वर्षों की अवधि में सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करता है. जी हां, ये फैक्ट है कि शनि ग्रह को सूर्य का एक चक्कर लगाने में, यानी उसकी कक्षा को पूरा करने में, पृथ्वी के लगभग 29 दशमलव 46 वर्ष लगते हैं. इस मंद गति से चलते हुए शनि देव व्यक्ति की भी ढै़या या साढ़ेसाती या महादशा में भी उस व्यक्ति के किए गए सारे साम दाम दण्ड भेद समझ लेते हैं और उनके अनुसार ही उसे चालाक निकलने पर सजा और भोलाभाला निकलने पर आशीष निर्धारित करते रहते हैं, जोकि उस व्यक्ति को खुद भी सीधे-सीधे पता नहीं चलती पर जब वो शनि भगवान की भक्ति करते हुए उनके न्यायसंगत तरीके को पहचानने लगता है. चाहे वो खुद की गई चालाकियां या गलतियां माने या नहीं माने पर उसे भीतर में भान हो ही जाता है. शनि दोष से मुक्ति और तांत्रिक पूजा का महत्व: शनि जयंती का विशेष दिन उन लोगों के लिए बहुत मायने रखता है, जो अपनी कुंडली में शनि की स्थिति के नकारात्मक प्रभाव से पीड़ित हैं. शनि देव की प्रसन्नता हेतु इस दिन विशेष तांत्रिक पूजाएं करने का बहुत महत्व होता है. हमारे हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, दान-पुण्य से जुड़े सभी कार्य करने से व्यक्ति को अपने सभी ग्रह जनित कष्टों से मुक्ति मिलती है, खासकर उन कष्टों से जो शनि भगवान के अशुभ प्रभाव के कारण होते हैं. ऐसा कहा जाता है कि भगवान हनुमान की पूजा करने से व्यक्ति को अपने जीवन में आने वाली शनि जनित कठिनाइयों से निपटने की शक्ति मिलती है. यह भी पढ़ें: पितृ दोष से पाना है छुटकारा तो वैशाख पूर्णिमा पर इन 3 पेड़ों की करें पूजाDisclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

May 11, 2025 - 19:30
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Shani Jayanti 2025: शनि जयंती 27 मई को, मिलेगा इनाम या सजा

Shani Jayanti 2025: 27 मई 2025 को शनि जयंती का पर्व विशेष ज्योतिषीय महत्व रखता है. यह दिन न्याय के देवता शनि देव की आराधना और आत्मचिंतन का अवसर होता है. शनि देव अपने भक्तों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं और बुरे कर्मों पर सजा. शनि देव की पूजा पूरे देश में की जाती है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि शनिवार को उनकी पूजा करने से कर्म के कारण होने वाले बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है. 

शनि की धीमी चाल और न्याय का रहस्य

शनैश्चर शब्द का अर्थ है धीमी गति से चलने वाला होता है. ‘शनि’ शनि ग्रह का प्रतीक है, जबकि ‘चर’ का अर्थ गति है. इस नाम का अर्थ इस तथ्य से लिया गया है कि शनि ग्रह 30 वर्षों की अवधि में सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करता है. जी हां, ये फैक्ट है कि शनि ग्रह को सूर्य का एक चक्कर लगाने में, यानी उसकी कक्षा को पूरा करने में, पृथ्वी के लगभग 29 दशमलव 46 वर्ष लगते हैं.

इस मंद गति से चलते हुए शनि देव व्यक्ति की भी ढै़या या साढ़ेसाती या महादशा में भी उस व्यक्ति के किए गए सारे साम दाम दण्ड भेद समझ लेते हैं और उनके अनुसार ही उसे चालाक निकलने पर सजा और भोलाभाला निकलने पर आशीष निर्धारित करते रहते हैं, जोकि उस व्यक्ति को खुद भी सीधे-सीधे पता नहीं चलती पर जब वो शनि भगवान की भक्ति करते हुए उनके न्यायसंगत तरीके को पहचानने लगता है. चाहे वो खुद की गई चालाकियां या गलतियां माने या नहीं माने पर उसे भीतर में भान हो ही जाता है.

शनि दोष से मुक्ति और तांत्रिक पूजा का महत्व:

शनि जयंती का विशेष दिन उन लोगों के लिए बहुत मायने रखता है, जो अपनी कुंडली में शनि की स्थिति के नकारात्मक प्रभाव से पीड़ित हैं. शनि देव की प्रसन्नता हेतु इस दिन विशेष तांत्रिक पूजाएं करने का बहुत महत्व होता है. हमारे हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, दान-पुण्य से जुड़े सभी कार्य करने से व्यक्ति को अपने सभी ग्रह जनित कष्टों से मुक्ति मिलती है, खासकर उन कष्टों से जो शनि भगवान के अशुभ प्रभाव के कारण होते हैं. ऐसा कहा जाता है कि भगवान हनुमान की पूजा करने से व्यक्ति को अपने जीवन में आने वाली शनि जनित कठिनाइयों से निपटने की शक्ति मिलती है.

यह भी पढ़ें: पितृ दोष से पाना है छुटकारा तो वैशाख पूर्णिमा पर इन 3 पेड़ों की करें पूजा
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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