Patwari Exam 2025: एक मिनट की देर हुई और पटवारी बनने से चूके कई कैंडिडेट्स, सख्ती देखकर हर कोई हैरान
राजस्थान में आज यानी रविवार (17 अगस्त) को पटवारी के 3705 पदों के लिए लिखित परीक्षा हुई, जिसके लिए राज्य के 38 जिलों में 1035 परीक्षा केंद्र बनाए गए. इस भर्ती के लिए करीब साढ़े छह लाख कैंडिडेट्स ने आवेदन किया. बता दें कि सबसे ज्यादा परीक्षा केंद्र राजधानी जयपुर में हैं. दो पालियों में आयोजित इस परीक्षा में काफी सख्ती बरती गई. वहीं, तमाम कैंडिडेट्स ऐसे भी रहे, जो महज एक मिनट देर से पहुंचने के कारण पटवारी बनने से चूक गए. नकल रोकने के लिए दिखी काफी सख्ती परीक्षा में किसी भी तरह की नकल या गड़बड़ी रोकने के लिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने सख्त कदम उठाए. सभी केंद्रों पर बायोमैट्रिक अटेंडेंस और फेस स्कैनिंग की व्यवस्था की गई. इसके अलावा महिला कैंडिडेट्स को सलाह दी गई थी कि वे अपने अंगूठे पर मेहंदी न लगाएं. इससे बायोमैट्रिक प्रोसेस में दिक्कत आती है. कई केंद्रों पर सख्ती इतनी ज्यादा थी कि कैंडिडेट्स को जूते-चप्पल भी क्लासरूम के बाहर उतारने पड़े. बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने सोशल मीडिया के जरिए कैडिडेट्स को लगातार दिशा-निर्देश दिए और निष्पक्ष परीक्षा का भरोसा दिलाया. परीक्षा केंद्रों पर लगीं लंबी कतारें, समय पर बंद हुए गेट परीक्षा केंद्रों के बाहर सुबह से ही कैंडिडेट्स की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं. पहली पाली के लिए सुबह 8 बजे गेट बंद कर दिए गए. नियमों के मुताबिक, एक मिनट की देरी होने पर भी किसी को एंट्री नहीं दी गई. राजसमंद जिले में लाइन में खड़े एक दिव्यांग युवक को ठीक 8 बजे गेट बंद होने की वजह से अंदर नहीं जाने दिया गया. उसने काफी गुहार लगाई, लेकिन नियमों का हवाला देकर उसे प्रवेश से रोक दिया गया. कई कैंडिडेट्स का कहना है कि वे लाइन में खड़े थे, फिर भी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया. कुछ कैंडिडेट्स ने बोर्ड पर सवाल उठाए और कहा कि इतने सख्त नियमों की वजह से कई मेहनती छात्र-छात्राओं का मौका छिन गया. कुछ केंद्रों पर नजर आई अव्यवस्था कई परीक्षा केंद्रों पर अव्यवस्था की शिकायतें भी सामने आईं. कुछ जगहों पर बैठने की व्यवस्था ठीक नहीं थी तो कहीं कैंडिडेट्स को समय पर सही जानकारी नहीं मिली. कुछ केंद्रों पर पानी और अन्य जरूरी सुविधाओं की कमी भी देखी गई. कैंडिडेट्स ने बताया कि इतनी बड़ी परीक्षा के लिए बेहतर इंतजाम किए जा सकते थे. बोर्ड का कहना है कि वे हर शिकायत को गंभीरता से ले रहे हैं और इसमें सुधार लाने की कोशिश करेंगे. सरकार ने दी मुफ्त बस यात्रा की सुविधा राजस्थान सरकार ने कैंडिडेट्स की मदद के लिए खास कदम उठाया. इसके तहत कैंडिडेट्स को 15 से 19 अगस्त तक रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई. इससे कैंडिडेट्स बिना किराया दिए अपने परीक्षा केंद्र तक पहुंच सके. हालांकि, इस सुविधा का फायदा उठाने के लिए उन्हें अपना प्रवेश पत्र दिखाना पड़ा. अहम बात यह है कि परीक्षा देने के बाद कैंडिडेट्स फ्री में ही अपने घर भी जा सकते हैं. ये भी पढ़ें: आयुष म्हात्रे या वैभव सूर्यवंशी, दोनों में से किसने ज्यादा की पढ़ाई? देख लें रिपोर्ट कार्ड

राजस्थान में आज यानी रविवार (17 अगस्त) को पटवारी के 3705 पदों के लिए लिखित परीक्षा हुई, जिसके लिए राज्य के 38 जिलों में 1035 परीक्षा केंद्र बनाए गए. इस भर्ती के लिए करीब साढ़े छह लाख कैंडिडेट्स ने आवेदन किया. बता दें कि सबसे ज्यादा परीक्षा केंद्र राजधानी जयपुर में हैं. दो पालियों में आयोजित इस परीक्षा में काफी सख्ती बरती गई. वहीं, तमाम कैंडिडेट्स ऐसे भी रहे, जो महज एक मिनट देर से पहुंचने के कारण पटवारी बनने से चूक गए.
नकल रोकने के लिए दिखी काफी सख्ती
परीक्षा में किसी भी तरह की नकल या गड़बड़ी रोकने के लिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने सख्त कदम उठाए. सभी केंद्रों पर बायोमैट्रिक अटेंडेंस और फेस स्कैनिंग की व्यवस्था की गई. इसके अलावा महिला कैंडिडेट्स को सलाह दी गई थी कि वे अपने अंगूठे पर मेहंदी न लगाएं. इससे बायोमैट्रिक प्रोसेस में दिक्कत आती है. कई केंद्रों पर सख्ती इतनी ज्यादा थी कि कैंडिडेट्स को जूते-चप्पल भी क्लासरूम के बाहर उतारने पड़े. बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने सोशल मीडिया के जरिए कैडिडेट्स को लगातार दिशा-निर्देश दिए और निष्पक्ष परीक्षा का भरोसा दिलाया.
परीक्षा केंद्रों पर लगीं लंबी कतारें, समय पर बंद हुए गेट
परीक्षा केंद्रों के बाहर सुबह से ही कैंडिडेट्स की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं. पहली पाली के लिए सुबह 8 बजे गेट बंद कर दिए गए. नियमों के मुताबिक, एक मिनट की देरी होने पर भी किसी को एंट्री नहीं दी गई. राजसमंद जिले में लाइन में खड़े एक दिव्यांग युवक को ठीक 8 बजे गेट बंद होने की वजह से अंदर नहीं जाने दिया गया. उसने काफी गुहार लगाई, लेकिन नियमों का हवाला देकर उसे प्रवेश से रोक दिया गया. कई कैंडिडेट्स का कहना है कि वे लाइन में खड़े थे, फिर भी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया. कुछ कैंडिडेट्स ने बोर्ड पर सवाल उठाए और कहा कि इतने सख्त नियमों की वजह से कई मेहनती छात्र-छात्राओं का मौका छिन गया.
कुछ केंद्रों पर नजर आई अव्यवस्था
कई परीक्षा केंद्रों पर अव्यवस्था की शिकायतें भी सामने आईं. कुछ जगहों पर बैठने की व्यवस्था ठीक नहीं थी तो कहीं कैंडिडेट्स को समय पर सही जानकारी नहीं मिली. कुछ केंद्रों पर पानी और अन्य जरूरी सुविधाओं की कमी भी देखी गई. कैंडिडेट्स ने बताया कि इतनी बड़ी परीक्षा के लिए बेहतर इंतजाम किए जा सकते थे. बोर्ड का कहना है कि वे हर शिकायत को गंभीरता से ले रहे हैं और इसमें सुधार लाने की कोशिश करेंगे.
सरकार ने दी मुफ्त बस यात्रा की सुविधा
राजस्थान सरकार ने कैंडिडेट्स की मदद के लिए खास कदम उठाया. इसके तहत कैंडिडेट्स को 15 से 19 अगस्त तक रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई. इससे कैंडिडेट्स बिना किराया दिए अपने परीक्षा केंद्र तक पहुंच सके. हालांकि, इस सुविधा का फायदा उठाने के लिए उन्हें अपना प्रवेश पत्र दिखाना पड़ा. अहम बात यह है कि परीक्षा देने के बाद कैंडिडेट्स फ्री में ही अपने घर भी जा सकते हैं.
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