एयरफोर्स में किस पद पर हैं सचिन तेंदुलकर और कितनी मिलती है सैलरी, क्या 8वें वेतन आयोग से उन्हें होगा फायदा?
भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को सिर्फ क्रिकेट मैदान पर ही नहीं, बल्कि देश की सेवा और सम्मान के लिए भी अलग पहचान मिली है. देश ने उन्हें न केवल खेल के क्षेत्र में बल्कि वंदनीय योगदान के लिए हमेशा सराहा है और यह सम्मान उन्हें भारतीय वायुसेना (IAF) में मिला है. सचिन तेंदुलकर को एयरफोर्स ने Honorary Group Captain का पद दिया है. यह पद वायुसेना में कर्नल के बराबर होता है और इसे पाने का मतलब सिर्फ रैंक या टाइटल नहीं बल्कि देश के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी को दर्शाता है. 2010 में मिला था सम्मान 2010 में यह सम्मान सचिन को उनके क्रिकेट करियर और देशभक्ति के लिए प्रदान किया गया. यह किसी प्रशिक्षण या पायलट के तौर पर नियुक्ति नहीं है, बल्कि यह एक Honorary पद है. यानि, सचिन तेंदुलकर को असली एयरफोर्स के कामकाज में शामिल नहीं किया गया और न ही उन्हें इस पद के लिए नियमित सैलरी या भत्ते मिलते हैं. वे इस पद के माध्यम से वायुसेना के ब्रांड एम्बेसडर की तरह देश और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहते हैं. कितनी मिलती है सचिन को सैलरी, क्या 8वें वेतन से होगा फायदा? हालांकि अक्सर लोग पूछते हैं कि इस पद पर होने के बाद सचिन को सैलरी कितनी मिलती है और क्या उन्हें 8वें वेतन आयोग से फायदा होगा. इसका साफ जवाब है कि किसी भी तरह की सरकारी तनख्वाह या भत्ता उन्हें नहीं मिलता है. 8वें वेतन आयोग के लाभ केवल असली commissioned अधिकारियों के लिए होते हैं, जो नियमित रूप से वायुसेना में कार्यरत होते हैं. चूंकि सचिन का पद honorary है, वेतन आयोग उनके लिए लागू नहीं होता. सचिन ने देश के लिए दिया है काफी योगदान सचिन तेंदुलकर का यह सम्मान केवल प्रतीकात्मक है, लेकिन इसका महत्व बहुत बड़ा है. यह दिखाता है कि देश ने उनके योगदान को कितना सराहा है. एक तरफ क्रिकेट के मैदान में उनके शतक, रिकॉर्ड और कड़ी मेहनत ने देश का नाम रोशन किया, वहीं दूसरी तरफ यह honorary पद उन्हें देशभक्ति और नागरिक सम्मान का प्रतीक बनाता है. वायुसेना में Honorary Group Captain का रैंक पायलटों और अधिकारियों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है. सचिन जैसे नामचीन और विश्व प्रसिद्ध खिलाड़ी को यह रैंक मिलने से यह संदेश जाता है कि देशभक्ति सिर्फ सैन्य सेवा में ही नहीं बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वालों को भी सम्मान मिलता है. यह भी पढ़ें: कितने साल की नौकरी के बाद मिलेगा DSP मोहम्मद सिराज को प्रमोशन, जान लीजिए सर्विस रूल

भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को सिर्फ क्रिकेट मैदान पर ही नहीं, बल्कि देश की सेवा और सम्मान के लिए भी अलग पहचान मिली है. देश ने उन्हें न केवल खेल के क्षेत्र में बल्कि वंदनीय योगदान के लिए हमेशा सराहा है और यह सम्मान उन्हें भारतीय वायुसेना (IAF) में मिला है. सचिन तेंदुलकर को एयरफोर्स ने Honorary Group Captain का पद दिया है. यह पद वायुसेना में कर्नल के बराबर होता है और इसे पाने का मतलब सिर्फ रैंक या टाइटल नहीं बल्कि देश के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी को दर्शाता है.
2010 में मिला था सम्मान
2010 में यह सम्मान सचिन को उनके क्रिकेट करियर और देशभक्ति के लिए प्रदान किया गया. यह किसी प्रशिक्षण या पायलट के तौर पर नियुक्ति नहीं है, बल्कि यह एक Honorary पद है. यानि, सचिन तेंदुलकर को असली एयरफोर्स के कामकाज में शामिल नहीं किया गया और न ही उन्हें इस पद के लिए नियमित सैलरी या भत्ते मिलते हैं. वे इस पद के माध्यम से वायुसेना के ब्रांड एम्बेसडर की तरह देश और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहते हैं.
कितनी मिलती है सचिन को सैलरी, क्या 8वें वेतन से होगा फायदा?
हालांकि अक्सर लोग पूछते हैं कि इस पद पर होने के बाद सचिन को सैलरी कितनी मिलती है और क्या उन्हें 8वें वेतन आयोग से फायदा होगा. इसका साफ जवाब है कि किसी भी तरह की सरकारी तनख्वाह या भत्ता उन्हें नहीं मिलता है. 8वें वेतन आयोग के लाभ केवल असली commissioned अधिकारियों के लिए होते हैं, जो नियमित रूप से वायुसेना में कार्यरत होते हैं. चूंकि सचिन का पद honorary है, वेतन आयोग उनके लिए लागू नहीं होता.
सचिन ने देश के लिए दिया है काफी योगदान
सचिन तेंदुलकर का यह सम्मान केवल प्रतीकात्मक है, लेकिन इसका महत्व बहुत बड़ा है. यह दिखाता है कि देश ने उनके योगदान को कितना सराहा है. एक तरफ क्रिकेट के मैदान में उनके शतक, रिकॉर्ड और कड़ी मेहनत ने देश का नाम रोशन किया, वहीं दूसरी तरफ यह honorary पद उन्हें देशभक्ति और नागरिक सम्मान का प्रतीक बनाता है. वायुसेना में Honorary Group Captain का रैंक पायलटों और अधिकारियों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है. सचिन जैसे नामचीन और विश्व प्रसिद्ध खिलाड़ी को यह रैंक मिलने से यह संदेश जाता है कि देशभक्ति सिर्फ सैन्य सेवा में ही नहीं बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वालों को भी सम्मान मिलता है.
यह भी पढ़ें: कितने साल की नौकरी के बाद मिलेगा DSP मोहम्मद सिराज को प्रमोशन, जान लीजिए सर्विस रूल
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