Money Laundering Case: दिल्ली से हॉन्गकॉन्ग-सिंगापुर तक फैला 696 करोड़ का मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क, ED ने अमित अग्रवाल को किया गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अमित अग्रवाल नाम के एक शख्स को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है. अदालत ने उन्हें 7 दिन की ईडी कस्टडी में भेज दिया है. इस केस की शुरुआत दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग की तरफ से दर्ज एक FIR से हुई थी. FIR में आरोप था कि Kinzal Freight Forwarding OPC Pvt Ltd और कुछ अन्य कंपनियों ने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट विकाश मोहपाल के क्रेडेंशियल्स का गलत इस्तेमाल किया. जांच में पता चला कि इन कंपनियों ने फर्जी फॉर्म 15CB और 15CA बनाकर विदेश में पैसे भेजे. ये पैसे हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में भेजे गए और बहाना बनाया गया कि ये रकम गुड्स और सर्विसेस इंपोर्ट और ट्रांसपोर्ट खर्च के नाम पर भेजी जा रही है. '696 करोड़ रुपए भारत से बाहर भेजे गए'ई़डी की जांच के मुताबिक असल में भारत में ना तो कोई माल आया और ना ही कोई सर्विस दी गई. इससे देश को भारी नुकसान हुआ. ED की जांच में सामने आया कि इन कंपनियों के जरिए 696.69 करोड़ रुपए भारत से बाहर भेजे गए. पैसे बाहर भेजने के लिए फर्जी कंपनियां और नकली पहचान बनाई गई. इन कंपनियों के नाम पर बैंक अकाउंट खोले गए और फिर नकद लेकर उनके खातों में एंट्री दिखाई गई और उसके बाद फर्जी एयरवे बिल, इनवॉइस और फर्जी 15CB फॉर्म लगाकर पैसे बाहर भेज दिए गए. पूरे रैकेट में अहम भूमिका निभा रहा था अमित अग्रवाल ED के मुताबिक इस पूरे रैकेट में अमित अग्रवाल अहम भूमिका निभा रहा था. उसने नकली पहचान पर कंपनियां बनवाई. उन कंपनियों के नाम से बैंक अकाउंट खोले गए. फिर इन अकाउंट्स में अलग-अलग जगह से नकद लेकर एंट्री डलवाई गई. बाद में इन्हीं अकाउंट्स से विदेश में करोड़ों रुपए ट्रांसफर किए गए. ED का कहना है कि जांच अभी जारी है और आगे और बड़े खुलासे हो सकते हैं. ये भी पढ़ें Mann Ki Baat: 'एक ही मंत्र वोकल फॉर लोकल, एक ही रास्ता आत्मनिर्भर भारत', टैरिफ वॉर के बीच बोले PM मोदी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अमित अग्रवाल नाम के एक शख्स को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है. अदालत ने उन्हें 7 दिन की ईडी कस्टडी में भेज दिया है. इस केस की शुरुआत दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग की तरफ से दर्ज एक FIR से हुई थी.
FIR में आरोप था कि Kinzal Freight Forwarding OPC Pvt Ltd और कुछ अन्य कंपनियों ने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट विकाश मोहपाल के क्रेडेंशियल्स का गलत इस्तेमाल किया. जांच में पता चला कि इन कंपनियों ने फर्जी फॉर्म 15CB और 15CA बनाकर विदेश में पैसे भेजे. ये पैसे हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में भेजे गए और बहाना बनाया गया कि ये रकम गुड्स और सर्विसेस इंपोर्ट और ट्रांसपोर्ट खर्च के नाम पर भेजी जा रही है.
'696 करोड़ रुपए भारत से बाहर भेजे गए'
ई़डी की जांच के मुताबिक असल में भारत में ना तो कोई माल आया और ना ही कोई सर्विस दी गई. इससे देश को भारी नुकसान हुआ. ED की जांच में सामने आया कि इन कंपनियों के जरिए 696.69 करोड़ रुपए भारत से बाहर भेजे गए. पैसे बाहर भेजने के लिए फर्जी कंपनियां और नकली पहचान बनाई गई.
इन कंपनियों के नाम पर बैंक अकाउंट खोले गए और फिर नकद लेकर उनके खातों में एंट्री दिखाई गई और उसके बाद फर्जी एयरवे बिल, इनवॉइस और फर्जी 15CB फॉर्म लगाकर पैसे बाहर भेज दिए गए.
पूरे रैकेट में अहम भूमिका निभा रहा था अमित अग्रवाल
ED के मुताबिक इस पूरे रैकेट में अमित अग्रवाल अहम भूमिका निभा रहा था. उसने नकली पहचान पर कंपनियां बनवाई. उन कंपनियों के नाम से बैंक अकाउंट खोले गए. फिर इन अकाउंट्स में अलग-अलग जगह से नकद लेकर एंट्री डलवाई गई. बाद में इन्हीं अकाउंट्स से विदेश में करोड़ों रुपए ट्रांसफर किए गए. ED का कहना है कि जांच अभी जारी है और आगे और बड़े खुलासे हो सकते हैं.
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