ITR फाइलिंग में देरी पर इस साल 33 प्रतिशत तक मिल सकता है रिफंड पर ब्याज, जानें कैसे

ITR Filing And Tax Refund: जब कोई टैक्स रिटर्न भरता है उसके मन में ये बात जरूर आती है कि अगर देरी से भरेंगे तो क्या होगा. देरी से भरने पर जहां आयकर विभाग की तरफ से जुर्माना लगाया जाता है तो वहीं इस बार जब सीबीडीटी की तरफ से आईटीआर की डेडलाइन बढ़ाई गई है, उसके बाद क्या आपको पता है कि उस पर आपको बढ़ाकर ब्याज मिलेगा? दरअसल, आयकर विभाग की तरफ से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन इस बार बढ़ा दी गई है. अमूमन आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई रहती है. लेकिन इस बार कुछ खास वजह से टैक्सपेयर्स को 15 सितंबर 2025 तक आईटीआर फाइल करने का समय दिया गया है. अगर आप ज्यादा टैक्स टीडीएस, एडवांस टैक्स या फिर सेल्फ एसेसमेंट के तौर पर देते हैं तो आपको आईटीआर फाइलिंग के बाद रिफंड दिया जाता है. आयकर विभाग की धारा 244ए के मुताबिक, ज्यादा टैक्स कटौती पर आयकर विभाग की तरफ से 0.5 प्रतिशत प्रति महीने के हिसाब से ब्याज दिया जाता है. एक तरफ जहां ये कई लोगों के लिए एक राहत है तो वहीं दूसरी तरफ इसका मतलब ये है कि लोग ज्यादा रिफंड मिलने की इस बार उम्मीद करेंगे, जो आयकर विभाग की तरफ से ब्याज के तौर पर दिया जाता है. इस बार आएगा ज्यादा रिफंड निर्धारण वर्ष के एक अप्रैल से ही ब्याज शुरु हो जाता है और ये तब तक चलता रहता है जब तक कि रिफंड जारी नहीं हो जाता. ऐसे में जब आईटीआर फाइल करने की तारीख डेढ़ महीने बढ़ा दी गई है, ऐसी स्थिति में अगर अक्टूबर में आपका रिफंड प्रोसेस किया जाता है तो आपको दो महीने का एक्स्ट्रा ब्याज के तौर पर मिलेगा. यहां पर ये गौर करने वाली बात ये है कि जब टैक्स रिफंड पर ब्याज पाते हैं तो ये अन्य स्त्रोत से आय के अंतर्गत करयोग्य होता है और उसे आईटीआर में बताना होगा. हालांकि, ज्यादा रिफंड आने के बावजूट एक्सपर्ट इस तरह के ब्याज को लेकर आगाह भी कर रहे हैं. जल्दी ITR फाइलिंग से जल्दी मिलेगा रिफंड इसका मतलब ये है कि जल्दी आईटीआई फाइल करने के बाद उसे जल्दी प्रोसेस किया जाएगा. जल्दी आपको रिफंड मिल जाएगा और आप उस पैसे का कहीं और बेहतर विकल्प के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. इसलिए आईटीआर फाइल में देरी करने की जगह वो समय पर हो तो वो बेहतर रहेगा, ताकि आपको समय पर पैसा मिल पाएगा. ये भी पढ़ें: इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की सुस्त रफ्तार, 8 महीने में सबसे कम 2.7% पर आया, बिजली-माइनिंग ने भी दिया झटका

May 29, 2025 - 11:30
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ITR फाइलिंग में देरी पर इस साल 33 प्रतिशत तक मिल सकता है रिफंड पर ब्याज, जानें कैसे

ITR Filing And Tax Refund: जब कोई टैक्स रिटर्न भरता है उसके मन में ये बात जरूर आती है कि अगर देरी से भरेंगे तो क्या होगा. देरी से भरने पर जहां आयकर विभाग की तरफ से जुर्माना लगाया जाता है तो वहीं इस बार जब सीबीडीटी की तरफ से आईटीआर की डेडलाइन बढ़ाई गई है, उसके बाद क्या आपको पता है कि उस पर आपको बढ़ाकर ब्याज मिलेगा? दरअसल, आयकर विभाग की तरफ से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन इस बार बढ़ा दी गई है. अमूमन आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई रहती है. लेकिन इस बार कुछ खास वजह से टैक्सपेयर्स को 15 सितंबर 2025 तक आईटीआर फाइल करने का समय दिया गया है.

अगर आप ज्यादा टैक्स टीडीएस, एडवांस टैक्स या फिर सेल्फ एसेसमेंट के तौर पर देते हैं तो आपको आईटीआर फाइलिंग के बाद रिफंड दिया जाता है. आयकर विभाग की धारा 244ए के मुताबिक, ज्यादा टैक्स कटौती पर आयकर विभाग की तरफ से 0.5 प्रतिशत प्रति महीने के हिसाब से ब्याज दिया जाता है. एक तरफ जहां ये कई लोगों के लिए एक राहत है तो वहीं दूसरी तरफ इसका मतलब ये है कि लोग ज्यादा रिफंड मिलने की इस बार उम्मीद करेंगे, जो आयकर विभाग की तरफ से ब्याज के तौर पर दिया जाता है.

इस बार आएगा ज्यादा रिफंड

निर्धारण वर्ष के एक अप्रैल से ही ब्याज शुरु हो जाता है और ये तब तक चलता रहता है जब तक कि रिफंड जारी नहीं हो जाता. ऐसे में जब आईटीआर फाइल करने की तारीख डेढ़ महीने बढ़ा दी गई है, ऐसी स्थिति में अगर अक्टूबर में आपका रिफंड प्रोसेस किया जाता है तो आपको दो महीने का एक्स्ट्रा ब्याज के तौर पर मिलेगा.

यहां पर ये गौर करने वाली बात ये है कि जब टैक्स रिफंड पर ब्याज पाते हैं तो ये अन्य स्त्रोत से आय के अंतर्गत करयोग्य होता है और उसे आईटीआर में बताना होगा. हालांकि, ज्यादा रिफंड आने के बावजूट एक्सपर्ट इस तरह के ब्याज को लेकर आगाह भी कर रहे हैं.

जल्दी ITR फाइलिंग से जल्दी मिलेगा रिफंड

इसका मतलब ये है कि जल्दी आईटीआई फाइल करने के बाद उसे जल्दी प्रोसेस किया जाएगा. जल्दी आपको रिफंड मिल जाएगा और आप उस पैसे का कहीं और बेहतर विकल्प के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. इसलिए आईटीआर फाइल में देरी करने की जगह वो समय पर हो तो वो बेहतर रहेगा, ताकि आपको समय पर पैसा मिल पाएगा.

ये भी पढ़ें: इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की सुस्त रफ्तार, 8 महीने में सबसे कम 2.7% पर आया, बिजली-माइनिंग ने भी दिया झटका

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