Goldman Sachs को कड़ा मुकाबला दे रहा है अपने देश का HDFC बैंक, घट रहा है दोनों के मार्केट कैपिटल में अंतर

HDFC Bank: भारत में प्राइवेट सेक्टर के बैंक HDFC और अमेरिकी इंवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स के मार्केट कैप में अंतर लगातार घटता जा रहा है. जहां एचडीएफसी बैंक लिमिटेड का मार्केट कैपिटल 14.69 लाख करोड़ रुपये (17628 करोड़ डॉलर) तक पहुंच गया है. वहीं, गोल्डमैन सैक्स का मार्केट कैपिटल 14.93 लाख करोड़ रुपये (17916 करोड़ डॉलर) है.  बैंक के शेयर में आई गजब की तेजी HDFC बैंक का मार्केट कैप अप्रैल 2024 में अपने 52-हफ्ते के निचले स्तर 1,426.80 रुपये से उछलकर लगभग बराबरी पर पहुंच गया है और अब इसके शेयर की कीमत 2000 रुपये तक पहुंचने के करीब है. IIFL फाइनेंस लिमिटेड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, HDFC बैंक के शेयर में गजब की तेजी आई है, जो अपने 52 हफ्ते के निचले स्तर से लगभग 34 परसेंट ऊपर है, जो मजबूत तिमाही के नतीजे, रणनीतिक बैलेंस शीट मैनेजमेंट और पॉजिटिव मार्केट सेंटिमेंट का असर है.  ये भी हैं शेयरों में उछाल आने के कारण नुवामा वेल्थ एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड की एक और रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक के स्टॉक में तेजी आने की एक और वजह हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी लिमिटेड) के साथ 2023 में विलय के बाद बैंक ने डिपॉजिट से जुड़ी चुनौतियों को कम करने पर फोकस किया. इससे भी बैंक के शेयरों में उछाल आया. इस मर्जर से बैंक का लोन पोर्टफोलियो भी काफी बढ़ गया है. हालांकि, इसके मुकाबले डिपॉजिट बेस बहुत कम रह गया है, जिससे मार्च 2024 में लोन-टू-डिपॉजिट रेशियो (एलडीआर) 104  परसेंट रह गया था. इसके बाद बैंक ने डिपॉजिट जुटाने पर फिर से फोकस किया, जिससे मार्च 2025 तक एलडीआर घटकर 96.5 परसेंट तक पहुंच गया है. LDR का लेवल होगा कम  बैंक के सीएफओ श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने कहा है कि बैंक के मैनेजमेंट को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 27 तक एलडीआर हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन से मर्जर के पहले के लेवल 85-90 परसेंट पर वापस आ जाएगी. नुवामा की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक ने सिस्टमैटिक लिक्विडिटी में सुधार और रेपो रेट में कटौती का अच्छा फायदा उठाया है. इससे नेट इंटरेस्ट मार्जिन को स्थिर रखने में मदद मिलेगी, जिसके वित्त वर्ष 27 तक 3.5-3.6 परसेंट तक पहुंचने का अनुमान है क्योंकि ऊंची लागत वाली उधारी समाप्त हो रही है और लोन मिक्स हाई यील्ड वाले रिटेल एसेट्स की ओर शिफ्ट हो रहा है. नुवामा ने वित्त वर्ष 25 और वित्त वर्ष 27 के बीच बैंक के डिपॉजिट ग्रोथ के 15 परसेंट की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने का अनुमान लगाया है.  दूसरी ओर, एचडीएफसी बैंक के विपरीत, गोल्डमैन सैक्स पारंपरिक रूप से डिपॉजिट या लोन पर निर्भर नहीं है. इसके चलते दोनों में सीधी तुलना नहीं की जा सकती है. फिर भी, दोनों के मार्केट कैपिटल में कम अंतर होना यह दिखाता है कि एचडीएफसी बैंक दुनिया के कई बड़े वित्तीय संस्थानों को कड़ी टक्कर देने की क्षमता रखता है. इसके अलावा, इसके अलावा, गोल्डमैन सैक्स ने हाल ही में एचडीएफसी बैंक के शेयर को 'Buy' रेटिंग दी है.  ये भी पढ़ें: ऑटो टैरिफ पर राहत का ट्रंप जल्द कर सकते हैं ऐलान, काफी कम हो जाएगा टैक्स का बोझ

Apr 29, 2025 - 15:30
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Goldman Sachs को कड़ा मुकाबला दे रहा है अपने देश का HDFC बैंक, घट रहा है दोनों के मार्केट कैपिटल में अंतर

HDFC Bank: भारत में प्राइवेट सेक्टर के बैंक HDFC और अमेरिकी इंवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स के मार्केट कैप में अंतर लगातार घटता जा रहा है. जहां एचडीएफसी बैंक लिमिटेड का मार्केट कैपिटल 14.69 लाख करोड़ रुपये (17628 करोड़ डॉलर) तक पहुंच गया है. वहीं, गोल्डमैन सैक्स का मार्केट कैपिटल 14.93 लाख करोड़ रुपये (17916 करोड़ डॉलर) है. 

बैंक के शेयर में आई गजब की तेजी

HDFC बैंक का मार्केट कैप अप्रैल 2024 में अपने 52-हफ्ते के निचले स्तर 1,426.80 रुपये से उछलकर लगभग बराबरी पर पहुंच गया है और अब इसके शेयर की कीमत 2000 रुपये तक पहुंचने के करीब है. IIFL फाइनेंस लिमिटेड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, HDFC बैंक के शेयर में गजब की तेजी आई है, जो अपने 52 हफ्ते के निचले स्तर से लगभग 34 परसेंट ऊपर है, जो मजबूत तिमाही के नतीजे, रणनीतिक बैलेंस शीट मैनेजमेंट और पॉजिटिव मार्केट सेंटिमेंट का असर है. 

ये भी हैं शेयरों में उछाल आने के कारण

नुवामा वेल्थ एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड की एक और रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक के स्टॉक में तेजी आने की एक और वजह हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी लिमिटेड) के साथ 2023 में विलय के बाद बैंक ने डिपॉजिट से जुड़ी चुनौतियों को कम करने पर फोकस किया. इससे भी बैंक के शेयरों में उछाल आया. इस मर्जर से बैंक का लोन पोर्टफोलियो भी काफी बढ़ गया है. हालांकि, इसके मुकाबले डिपॉजिट बेस बहुत कम रह गया है, जिससे मार्च 2024 में लोन-टू-डिपॉजिट रेशियो (एलडीआर) 104  परसेंट रह गया था. इसके बाद बैंक ने डिपॉजिट जुटाने पर फिर से फोकस किया, जिससे मार्च 2025 तक एलडीआर घटकर 96.5 परसेंट तक पहुंच गया है.

LDR का लेवल होगा कम 

बैंक के सीएफओ श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने कहा है कि बैंक के मैनेजमेंट को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 27 तक एलडीआर हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन से मर्जर के पहले के लेवल 85-90 परसेंट पर वापस आ जाएगी.

नुवामा की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक ने सिस्टमैटिक लिक्विडिटी में सुधार और रेपो रेट में कटौती का अच्छा फायदा उठाया है. इससे नेट इंटरेस्ट मार्जिन को स्थिर रखने में मदद मिलेगी, जिसके वित्त वर्ष 27 तक 3.5-3.6 परसेंट तक पहुंचने का अनुमान है क्योंकि ऊंची लागत वाली उधारी समाप्त हो रही है और लोन मिक्स हाई यील्ड वाले रिटेल एसेट्स की ओर शिफ्ट हो रहा है. नुवामा ने वित्त वर्ष 25 और वित्त वर्ष 27 के बीच बैंक के डिपॉजिट ग्रोथ के 15 परसेंट की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने का अनुमान लगाया है. 

दूसरी ओर, एचडीएफसी बैंक के विपरीत, गोल्डमैन सैक्स पारंपरिक रूप से डिपॉजिट या लोन पर निर्भर नहीं है. इसके चलते दोनों में सीधी तुलना नहीं की जा सकती है. फिर भी, दोनों के मार्केट कैपिटल में कम अंतर होना यह दिखाता है कि एचडीएफसी बैंक दुनिया के कई बड़े वित्तीय संस्थानों को कड़ी टक्कर देने की क्षमता रखता है. इसके अलावा, इसके अलावा, गोल्डमैन सैक्स ने हाल ही में एचडीएफसी बैंक के शेयर को 'Buy' रेटिंग दी है. 

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ऑटो टैरिफ पर राहत का ट्रंप जल्द कर सकते हैं ऐलान, काफी कम हो जाएगा टैक्स का बोझ

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