ED के ऑफिस में पहुंचे अनिल अंबानी, 17000 करोड़ रुपये लोन फ्रॉड मामले में देंगे जवाब

Anil Ambani Loan Fraud Case: रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी दिल्ली स्थित ईडी की ऑफिस में पहुंच चुके हैं. यहां उनसे 17000 करोड़ रुपये लोन फ्रॉड मामले की जांच के सिलसिले में सवाल पूछे जाएंगे. अनिल अंबानी को पिछले हफ्ते ईडी की कथित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत तलब किया गया था. जिन कंपनियों पर सवाल उठाए गए थे उनमें रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) और रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) शामिल हैं.  #WATCH | Delhi: Anil Ambani reaches the Enforcement Directorate office after being summoned for questioning as part of ED's ongoing probe into an alleged Rs 17,000-crore loan fraud case. pic.twitter.com/IBZmhZiJmn — ANI (@ANI) August 5, 2025 क्या है आरोप? आरोप अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की इन कंपनियों ने बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का लोन लेकर उन पैसों का सही इस्तेमाल नहीं है. यानी कि जिस मकसद के साथ लोन लिया गया था उसे पूरा नहीं किया गया, इसके बदले शेल कंपनियों के जरिए उस पैसे को घुमाया. इसके अलावा, ईडी की जांच में कई फर्जी दस्तावेजों और बैंक गारंटी के भी इस्तेमाल होने की बात सामने आई है. प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत शुरू की गई ईडी की यह जांच लगभग 20 प्राइवेट और सरकारी बैंकों से लिए गए लोन से जुड़ा हुआ है, जो अब नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) में बदल गए हैं. ईडी की जांच के मुताबिक, RHFL पर 5,901 करोड़, RCFL पर 8,226 करोड़ से अधिक और RCom पर लगभग 4,105 करोड़ रुपये का बकाया है.  क्या होगा ईडी का अगला कदम? मामले की जानकारी रख रहे लोगों ने द इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि ईडी आगे आने वाले समय में बैंकों के सीनियर अधिकारियों को बुलाकर लोन देने के पूरे प्रॉसेस, चूक होने की समय सीमा, इसके बाद की गई कार्रवाई को लेकर पूछताछ कर सकती है. रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को लोन देने वाले बैंकों में यस बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, ICICI बैंक, HDFC बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर ईटी को बताया, ''हम यह जानना चाहते हैं कि बैंकों ने डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की, अगर कोई कार्रवाई की भी है तो. क्या उन्होंने किसी जांच एजेंसी में इन कंपनियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग करते हुए कोई शिकायत दर्ज कराई है?''  अनिल अंबानी से क्यों हो रही पूछताछ? ED ने हाल ही में इस मामले में BTPL नाम की एक कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार भी किया है. जांच में खुलासा हुआ कि इस कंपनी को फर्जी बैंक गारंटी बनाने के लिए रिलायंस पावर से करीब 5.4 करोड़ रुपये मिले थे. दरअसल, रिलायंस पावर ने एक सरकारी टेंडर में हिस्सा लिया था, जिसके लिए बैंक गारंटी लगाना जरूरी था. इसी काम के सिलसिले में  BTPL से संपर्क किया गया था. इसने अपने बनाए नकली बैंक गारंटी को असली दिखाने के लिए SBI के ऑफिशियल डोमेन से मिलते-जुलते फर्जी डोमेन का इस्तेमाल किया था. ED अब यह पता लगाने की कोशिश में जुटी हुई है कि इस पूरे फ्रॉड में किसका कितना रोल था, पैसे कहां से आए, ट्रांसफर कहां और कैसे हुआ, इसमें किन लोगों की मिलीभगत है. अब चूंकि मामले में रिलायंस पावर का भी नाम आया है और कंपनी से जुड़े कई लेन-देन की जांच चल रही है इसलिए ED ने अनिल अंबानी को तलब किया है.    ये भी पढ़ें: 17 हजार करोड़ के लोन फ्रॉड केस में बढ़ती जा रही अनिल अंबानी की मुश्किलें, अब बैंकरों से की जा सकती है पूछताछ

Aug 5, 2025 - 12:30
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ED के ऑफिस में पहुंचे अनिल अंबानी, 17000 करोड़ रुपये लोन फ्रॉड मामले में देंगे जवाब

Anil Ambani Loan Fraud Case: रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी दिल्ली स्थित ईडी की ऑफिस में पहुंच चुके हैं. यहां उनसे 17000 करोड़ रुपये लोन फ्रॉड मामले की जांच के सिलसिले में सवाल पूछे जाएंगे. अनिल अंबानी को पिछले हफ्ते ईडी की कथित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत तलब किया गया था. जिन कंपनियों पर सवाल उठाए गए थे उनमें रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) और रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) शामिल हैं. 

क्या है आरोप?

आरोप अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की इन कंपनियों ने बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का लोन लेकर उन पैसों का सही इस्तेमाल नहीं है. यानी कि जिस मकसद के साथ लोन लिया गया था उसे पूरा नहीं किया गया, इसके बदले शेल कंपनियों के जरिए उस पैसे को घुमाया. इसके अलावा, ईडी की जांच में कई फर्जी दस्तावेजों और बैंक गारंटी के भी इस्तेमाल होने की बात सामने आई है.

प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत शुरू की गई ईडी की यह जांच लगभग 20 प्राइवेट और सरकारी बैंकों से लिए गए लोन से जुड़ा हुआ है, जो अब नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) में बदल गए हैं. ईडी की जांच के मुताबिक, RHFL पर 5,901 करोड़, RCFL पर 8,226 करोड़ से अधिक और RCom पर लगभग 4,105 करोड़ रुपये का बकाया है. 

क्या होगा ईडी का अगला कदम?

मामले की जानकारी रख रहे लोगों ने द इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि ईडी आगे आने वाले समय में बैंकों के सीनियर अधिकारियों को बुलाकर लोन देने के पूरे प्रॉसेस, चूक होने की समय सीमा, इसके बाद की गई कार्रवाई को लेकर पूछताछ कर सकती है. रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को लोन देने वाले बैंकों में यस बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, ICICI बैंक, HDFC बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल हैं.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर ईटी को बताया, ''हम यह जानना चाहते हैं कि बैंकों ने डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की, अगर कोई कार्रवाई की भी है तो. क्या उन्होंने किसी जांच एजेंसी में इन कंपनियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग करते हुए कोई शिकायत दर्ज कराई है?'' 

अनिल अंबानी से क्यों हो रही पूछताछ?

ED ने हाल ही में इस मामले में BTPL नाम की एक कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार भी किया है. जांच में खुलासा हुआ कि इस कंपनी को फर्जी बैंक गारंटी बनाने के लिए रिलायंस पावर से करीब 5.4 करोड़ रुपये मिले थे. दरअसल, रिलायंस पावर ने एक सरकारी टेंडर में हिस्सा लिया था, जिसके लिए बैंक गारंटी लगाना जरूरी था.

इसी काम के सिलसिले में  BTPL से संपर्क किया गया था. इसने अपने बनाए नकली बैंक गारंटी को असली दिखाने के लिए SBI के ऑफिशियल डोमेन से मिलते-जुलते फर्जी डोमेन का इस्तेमाल किया था.

ED अब यह पता लगाने की कोशिश में जुटी हुई है कि इस पूरे फ्रॉड में किसका कितना रोल था, पैसे कहां से आए, ट्रांसफर कहां और कैसे हुआ, इसमें किन लोगों की मिलीभगत है. अब चूंकि मामले में रिलायंस पावर का भी नाम आया है और कंपनी से जुड़े कई लेन-देन की जांच चल रही है इसलिए ED ने अनिल अंबानी को तलब किया है. 

 

ये भी पढ़ें:

17 हजार करोड़ के लोन फ्रॉड केस में बढ़ती जा रही अनिल अंबानी की मुश्किलें, अब बैंकरों से की जा सकती है पूछताछ

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