16 जुलाई सूर्य कर्क में गोचर, जानें सूर्य संक्रांति के लाभ, राशियों पर असर और उपाय
Surya Gochar 2025: 16 जुलाई 2025 को सूर्य शाम 5:30 बजे कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे कर्क संक्रांति का पुण्य पर्व मनाया जाएगा. सूर्य का यह गोचर जहां कुछ राशियों के लिए शुभ अवसर लेकर आएगा, वहीं अन्य के लिए चुनौतियों का कारण बन सकता है. धार्मिक दृष्टि से यह दिन स्नान, दान और सूर्य उपासना का अत्यंत पुण्यदायक योग लेकर आता है. क्यों महत्वपूर्ण है 16 जुलाई की सूर्य संक्रांति? क्या: सूर्य मिथुन से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश कर रहे हैं. कब: 16 जुलाई 2025, शाम 5:30 बजे क्यों खास: यह दिन कर्क संक्रांति कहलाता है, जो उत्तरायण के अंत और दक्षिणायन की शुरुआत का प्रतीक है. क्या करें: उगते सूर्य को अर्घ्य दें, तीर्थ स्नान करें, दान दें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. सूर्य गोचर 2025: धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से क्यों है यह घटना विशेष? ज्योतिष के अनुसार, सूर्य का राशि परिवर्तन 'संक्रांति' कहलाता है और हर महीने होता है. कर्क राशि में सूर्य का प्रवेश दक्षिणायन की शुरुआत को दर्शाता है, जो मकर संक्रांति (14 जनवरी 2026) तक रहेगा. कर्क राशि चंद्रमा की राशि है, जो सूर्य का मित्र ग्रह है. इसलिए यह गोचर अधिकतर राशियों के लिए शुभ फलदायक हो सकता है. शास्त्रों में सूर्य की उपासना का महत्व"सप्ताश्वरथमारूढ़ं प्रचण्डं कश्यपात्मजम्.श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणम्यहम्॥" स्कंद और पद्म पुराण में कहा गया है कि आषाढ़ मास में सूर्य को जल चढ़ाने से पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है. वाल्मीकि रामायण के अनुसार, लंका युद्ध से पूर्व श्रीराम ने भी सूर्य की उपासना की थी. सूर्य उपासना के स्वास्थ्य लाभ ज्योतिषाचार्या नीतिका शर्मा के अनुसार: उगते सूर्य को जल चढ़ाने से शरीर को विटामिन D मिलता है. सूर्य की किरणें त्वचा और नेत्रों के लिए लाभकारी होती हैं. सूर्य पंचतत्वों में अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है, जो हार्ट, स्किन, लिवर और आंखों को सक्रिय करता है. सूर्य के कमजोर या अशुभ होने पर क्या होता है? आत्मविश्वास में कमी पितृदोष, नेत्र एवं हृदय रोग नौकरी में अस्थिरता, बदनामी या झूठे आरोप पिता से मतभेद, शासन से समस्याएं सूर्य यदि कुंडली में मजबूत हो तो मिलते हैं ये लाभ सरकारी नौकरी, उच्च पद, प्रतिष्ठा पिता का सहयोग और आशीर्वाद राजनीतिक सफलता, नेतृत्व क्षमता रोगमुक्त जीवन और आत्मबल की वृद्धि सूर्य गोचर का राशियों पर प्रभाव 1- शुभ राशियां (उन्नति, सम्मान, आत्मबल): वृष, कन्या, तुला, कुंभ 2- अशुभ राशियां (तनाव, स्वास्थ्य, बाधाएं): मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मकर, मीन सूर्य को जल चढ़ाने के उपाय ज्योतिषाचार्या नीतिका शर्मा द्वारा सुझाए गए विशेष उपाय: प्रतिदिन प्रातः उगते सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें. आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. रविवार का व्रत रखें. कपिला गाय या बंदर को गुड़-चना खिलाएं. घर से निकलने से पहले गुड़ या मिश्री खाकर पानी पिएं. पिता का सम्मान करें, रोज चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें. सूर्य: ग्रहों का राजा क्यों? सिंह राशि पर अधिपत्य मित्र ग्रह: चंद्र, मंगल, गुरु शत्रु ग्रह: शनि, शुक्र, राहु-केतु उच्च राशि: मेष नीच राशि: तुला आत्मा, प्रतिष्ठा, शासन, सम्मान और स्वास्थ्य का प्रमुख कारक सूर्य कर्क गोचर – असर और उपाय मेष अशुभ जल दान करें, तांबे का दान वृष शुभ सूर्य को जल, गुरु की सेवा मिथुन अशुभ वाणी संयम रखें, सूर्य नमस्कार कर्क अशुभ सूर्य स्तुति करें, कमर और नेत्र का ध्यान रखें सिंह अशुभ आत्ममंथन करें, गुड़-घी का दीपक जलाएं कन्या शुभ गुड़ का दान, रविवार उपवास तुला शुभ पिता को प्रसन्न करें, गाय को चारा वृश्चिक अशुभ अनाथ सेवा करें, जल में सूर्य को दिखाएं धनु अशुभ आदित्य कवच पढ़ें, नेत्र का इलाज कराएं मकर अशुभ पीपल पूजन करें, काली वस्तु न पहनें कुंभ शुभ आदित्य हृदय स्तोत्र, बंदर को भोजन मीन अशुभ मस्तिष्क और त्वचा की देखभाल करें FAQsQ1. कर्क संक्रांति का अर्थ क्या है?कर्क संक्रांति वह समय है जब सूर्य मिथुन से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करता है, जिससे दक्षिणायन की शुरुआत होती है. Q2. सूर्य को जल चढ़ाने का क्या वैज्ञानिक लाभ है?इससे विटामिन D प्राप्त होता है, आंखें और त्वचा स्वस्थ रहती हैं, और सकारात्मकता बढ़ती है. Q3. क्या सूर्य का गोचर हर महीने होता है?हां, सूर्य हर माह राशि बदलते हैं. इसे संक्रांति कहते हैं. Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Surya Gochar 2025: 16 जुलाई 2025 को सूर्य शाम 5:30 बजे कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे कर्क संक्रांति का पुण्य पर्व मनाया जाएगा. सूर्य का यह गोचर जहां कुछ राशियों के लिए शुभ अवसर लेकर आएगा, वहीं अन्य के लिए चुनौतियों का कारण बन सकता है. धार्मिक दृष्टि से यह दिन स्नान, दान और सूर्य उपासना का अत्यंत पुण्यदायक योग लेकर आता है.
- क्यों महत्वपूर्ण है 16 जुलाई की सूर्य संक्रांति?
- क्या: सूर्य मिथुन से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश कर रहे हैं.
- कब: 16 जुलाई 2025, शाम 5:30 बजे
- क्यों खास: यह दिन कर्क संक्रांति कहलाता है, जो उत्तरायण के अंत और दक्षिणायन की शुरुआत का प्रतीक है.
- क्या करें: उगते सूर्य को अर्घ्य दें, तीर्थ स्नान करें, दान दें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें.
सूर्य गोचर 2025: धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से क्यों है यह घटना विशेष?
- ज्योतिष के अनुसार, सूर्य का राशि परिवर्तन 'संक्रांति' कहलाता है और हर महीने होता है.
- कर्क राशि में सूर्य का प्रवेश दक्षिणायन की शुरुआत को दर्शाता है, जो मकर संक्रांति (14 जनवरी 2026) तक रहेगा.
- कर्क राशि चंद्रमा की राशि है, जो सूर्य का मित्र ग्रह है. इसलिए यह गोचर अधिकतर राशियों के लिए शुभ फलदायक हो सकता है.
शास्त्रों में सूर्य की उपासना का महत्व
"सप्ताश्वरथमारूढ़ं प्रचण्डं कश्यपात्मजम्.
श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणम्यहम्॥"
स्कंद और पद्म पुराण में कहा गया है कि आषाढ़ मास में सूर्य को जल चढ़ाने से पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है. वाल्मीकि रामायण के अनुसार, लंका युद्ध से पूर्व श्रीराम ने भी सूर्य की उपासना की थी.
सूर्य उपासना के स्वास्थ्य लाभ
ज्योतिषाचार्या नीतिका शर्मा के अनुसार:
- उगते सूर्य को जल चढ़ाने से शरीर को विटामिन D मिलता है.
- सूर्य की किरणें त्वचा और नेत्रों के लिए लाभकारी होती हैं.
- सूर्य पंचतत्वों में अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है, जो हार्ट, स्किन, लिवर और आंखों को सक्रिय करता है.
सूर्य के कमजोर या अशुभ होने पर क्या होता है?
- आत्मविश्वास में कमी
- पितृदोष, नेत्र एवं हृदय रोग
- नौकरी में अस्थिरता, बदनामी या झूठे आरोप
- पिता से मतभेद, शासन से समस्याएं
सूर्य यदि कुंडली में मजबूत हो तो मिलते हैं ये लाभ
- सरकारी नौकरी, उच्च पद, प्रतिष्ठा
- पिता का सहयोग और आशीर्वाद
- राजनीतिक सफलता, नेतृत्व क्षमता
- रोगमुक्त जीवन और आत्मबल की वृद्धि
सूर्य गोचर का राशियों पर प्रभाव
1- शुभ राशियां (उन्नति, सम्मान, आत्मबल): वृष, कन्या, तुला, कुंभ
2- अशुभ राशियां (तनाव, स्वास्थ्य, बाधाएं): मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मकर, मीन
सूर्य को जल चढ़ाने के उपाय
ज्योतिषाचार्या नीतिका शर्मा द्वारा सुझाए गए विशेष उपाय:
- प्रतिदिन प्रातः उगते सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें.
- आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें.
- रविवार का व्रत रखें.
- कपिला गाय या बंदर को गुड़-चना खिलाएं.
- घर से निकलने से पहले गुड़ या मिश्री खाकर पानी पिएं.
- पिता का सम्मान करें, रोज चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें.
सूर्य: ग्रहों का राजा क्यों?
- सिंह राशि पर अधिपत्य
- मित्र ग्रह: चंद्र, मंगल, गुरु
- शत्रु ग्रह: शनि, शुक्र, राहु-केतु
- उच्च राशि: मेष
- नीच राशि: तुला
- आत्मा, प्रतिष्ठा, शासन, सम्मान और स्वास्थ्य का प्रमुख कारक
सूर्य कर्क गोचर – असर और उपाय
- मेष अशुभ जल दान करें, तांबे का दान
- वृष शुभ सूर्य को जल, गुरु की सेवा
- मिथुन अशुभ वाणी संयम रखें, सूर्य नमस्कार
- कर्क अशुभ सूर्य स्तुति करें, कमर और नेत्र का ध्यान रखें
- सिंह अशुभ आत्ममंथन करें, गुड़-घी का दीपक जलाएं
- कन्या शुभ गुड़ का दान, रविवार उपवास
- तुला शुभ पिता को प्रसन्न करें, गाय को चारा
- वृश्चिक अशुभ अनाथ सेवा करें, जल में सूर्य को दिखाएं
- धनु अशुभ आदित्य कवच पढ़ें, नेत्र का इलाज कराएं
- मकर अशुभ पीपल पूजन करें, काली वस्तु न पहनें
- कुंभ शुभ आदित्य हृदय स्तोत्र, बंदर को भोजन
- मीन अशुभ मस्तिष्क और त्वचा की देखभाल करें
FAQs
Q1. कर्क संक्रांति का अर्थ क्या है?
कर्क संक्रांति वह समय है जब सूर्य मिथुन से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करता है, जिससे दक्षिणायन की शुरुआत होती है.
Q2. सूर्य को जल चढ़ाने का क्या वैज्ञानिक लाभ है?
इससे विटामिन D प्राप्त होता है, आंखें और त्वचा स्वस्थ रहती हैं, और सकारात्मकता बढ़ती है.
Q3. क्या सूर्य का गोचर हर महीने होता है?
हां, सूर्य हर माह राशि बदलते हैं. इसे संक्रांति कहते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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