सुप्रीम कोर्ट के स्ट्रीट डॉग्स को लेकर दिए आदेश पर प्रियंका चतुर्वेदी का पहला रिएक्शन, कहा- 'फरमान जारी कर देना...'

सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर दिए गए आदेश पर शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आम जनता के मन में आवारा कुत्तों को लेकर डर बढ़ रहा था. ऐसी बहुत घटनाएं हो रही थीं.  प्रियंका चतुर्वेदी ने पूछा कि जो फैसला लिया गया है वो कितना कार्यान्वयन योग्य है. उन्होंने कहा, 'सरकार के पास बजट नहीं है. आवारा जानवरों के लिए मिलने वाला बजट सबसे कम है. केवल एक फरमान जारी कर देना उन लोगों के साथ गुनाह होगा, जो बोल नहीं सकते हैं. वे अपना पक्ष नहीं रख सकते हैं. उनके साथ ऐसा व्यवहार क्यों?'मेनका गांधी ने भी की थी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आलोचनाइससे पहले पशु अधिकार कार्यकर्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेश की सोमवार को कड़ी आलोचना की थी. मेनका ने आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में रखने के शीर्ष अदालत के निर्देश को “अव्यावहारिक”, “वित्तीय लिहाज से अनुपयुक्त” और क्षेत्र के पारिस्थितिकी संतुलन के लिए “संभावित रूप से हानिकारक” करार दिया. मेनका ने कहा कि इस काम की जटिलता इसे “अव्यावहारिक” बनाती है.क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश?सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों की समस्या को “बेहद गंभीर” बताते हुए दिल्ली सरकार और नगर निकायों को सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को जल्द से जल्द उठाने और आश्रय स्थलों में रखने का आदेश दिया. शीर्ष अदालत ने इस अभियान में बाधा डालने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी.

Aug 12, 2025 - 20:30
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सुप्रीम कोर्ट के स्ट्रीट डॉग्स को लेकर दिए आदेश पर प्रियंका चतुर्वेदी का पहला रिएक्शन, कहा- 'फरमान जारी कर देना...'

सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर दिए गए आदेश पर शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आम जनता के मन में आवारा कुत्तों को लेकर डर बढ़ रहा था. ऐसी बहुत घटनाएं हो रही थीं. 

प्रियंका चतुर्वेदी ने पूछा कि जो फैसला लिया गया है वो कितना कार्यान्वयन योग्य है. उन्होंने कहा, 'सरकार के पास बजट नहीं है. आवारा जानवरों के लिए मिलने वाला बजट सबसे कम है. केवल एक फरमान जारी कर देना उन लोगों के साथ गुनाह होगा, जो बोल नहीं सकते हैं. वे अपना पक्ष नहीं रख सकते हैं. उनके साथ ऐसा व्यवहार क्यों?'

मेनका गांधी ने भी की थी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आलोचना
इससे पहले पशु अधिकार कार्यकर्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेश की सोमवार को कड़ी आलोचना की थी. मेनका ने आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में रखने के शीर्ष अदालत के निर्देश को “अव्यावहारिक”, “वित्तीय लिहाज से अनुपयुक्त” और क्षेत्र के पारिस्थितिकी संतुलन के लिए “संभावित रूप से हानिकारक” करार दिया. मेनका ने कहा कि इस काम की जटिलता इसे “अव्यावहारिक” बनाती है.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश?
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों की समस्या को “बेहद गंभीर” बताते हुए दिल्ली सरकार और नगर निकायों को सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को जल्द से जल्द उठाने और आश्रय स्थलों में रखने का आदेश दिया. शीर्ष अदालत ने इस अभियान में बाधा डालने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी.

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