सीबीएसई का बड़ा कदम: बेहतर गवर्नेंस और स्कूलों की निगरानी के लिए 6 नए रीजनल ऑफिस

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड छात्रों चाकू और स्कूलों की बड़ी राहत देते हुए देशभर में 6 नए क्षेत्रीय कार्यालय सेंटर आफ एक्सीलेंस और उप क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने का ऐलान किया है. इसका उद्देश्य शिक्षा से जुड़े कार्यों को और सुगम बनाना स्कूलों की बेहतर निगरानी करना और छात्रों को नजदीक से सुविधा उपलब्ध कराना है.  रायपुर और रांची में शुरू हुआ काम  22 अगस्त से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और झारखंड की राजधानी रांची में नए क्षेत्रीय कार्यालय और सेंटर आफ एक्सीलेंस में कामकाज शुरू कर दिया है. इन दफ्तरों के शुरू होने से छात्रों और स्‍कूलों अब दूर दराज के बड़े शहरों तक दस्तावेजी कामकाज और प्रशासनिक कार्यों  के लिए नहीं जाना पड़ेगा.  गुरुग्राम और लखनऊ में 1 सितंबर से नई शुरुआत  हरियाणा के गुरुग्राम का नया क्षेत्रीय कार्यालय 1 सितंबर से कामकाज संभालेगा. यह ऑफिस हरियाणा के दक्षिणी हिस्से के 12 जिलों को कवर करेगा, ज‍िनमें फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, पलवल, रेवाड़ी, झज्जर, चरखी और महेंद्रगढ़ जैसे जिले शामिल है. वहीं  अब तक पूरा हरियाणा पंचकुला स्थित क्षेत्रीय कार्यकाल से ही देखा जाता था. यूपी में भी 1 सितंबर से लखनऊ में नया क्षेत्रीय कार्यालय कामकाज शुरू करेगा. यह ऑफिस प्रदेश के 30 जिलों को कवर करेगा जिनमें लखनऊ, कानपुर नगर, कानपुर देहात, अयोध्या, रायबरेली, शाहजहांपुर, उन्नाव और झांसी जैसे जिले शामिल है. इससे पहले यह जिले प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के अधीन आते थे.  पूर्वोत्तर राज्यों को भी मिला फायदा  सीबीएसई ने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भी उप क्षेत्रीय कार्यालय खोलने का निर्णय लिया.  22 अगस्त से अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर और सिक्किम की राजधानी गंगटोक में उपक्षेत्रीय कार्यालय शुरू हो गए हैं. वहीं त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में 15 सितंबर से नया क्षेत्रीय कार्यालय काम करने लगेगा.  छात्रों और स्कूलों के लिए बड़ा फायदा  सीबीएसई के अनुसार नए दफ्तर के खुलने से न सिर्फ स्कूलों को प्रशासनिक मामलों में आसानी होगी बल्कि छात्रों को भी प्रमाण पत्र परीक्षा से जुड़ी जानकारी और अन्य सेवाएं स्थानीय स्तर पर ही मिल सकेगी. इससे शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और गवर्नेंस दोनों और मजबूत होंगे. ये भी पढ़ें-क्या संसद में बिल पास होते ही जेल जाने वाले सांसदों और विधायकों की भी चली जाएगी सदस्यता? जान लीजिए नए विधेयक में क्या है

Aug 23, 2025 - 19:30
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सीबीएसई का बड़ा कदम: बेहतर गवर्नेंस और स्कूलों की निगरानी के लिए 6 नए रीजनल ऑफिस

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड छात्रों चाकू और स्कूलों की बड़ी राहत देते हुए देशभर में 6 नए क्षेत्रीय कार्यालय सेंटर आफ एक्सीलेंस और उप क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने का ऐलान किया है. इसका उद्देश्य शिक्षा से जुड़े कार्यों को और सुगम बनाना स्कूलों की बेहतर निगरानी करना और छात्रों को नजदीक से सुविधा उपलब्ध कराना है. 

रायपुर और रांची में शुरू हुआ काम 

22 अगस्त से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और झारखंड की राजधानी रांची में नए क्षेत्रीय कार्यालय और सेंटर आफ एक्सीलेंस में कामकाज शुरू कर दिया है. इन दफ्तरों के शुरू होने से छात्रों और स्‍कूलों अब दूर दराज के बड़े शहरों तक दस्तावेजी कामकाज और प्रशासनिक कार्यों  के लिए नहीं जाना पड़ेगा. 

गुरुग्राम और लखनऊ में 1 सितंबर से नई शुरुआत 

हरियाणा के गुरुग्राम का नया क्षेत्रीय कार्यालय 1 सितंबर से कामकाज संभालेगा. यह ऑफिस हरियाणा के दक्षिणी हिस्से के 12 जिलों को कवर करेगा, ज‍िनमें फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, पलवल, रेवाड़ी, झज्जर, चरखी और महेंद्रगढ़ जैसे जिले शामिल है. वहीं  अब तक पूरा हरियाणा पंचकुला स्थित क्षेत्रीय कार्यकाल से ही देखा जाता था. यूपी में भी 1 सितंबर से लखनऊ में नया क्षेत्रीय कार्यालय कामकाज शुरू करेगा. यह ऑफिस प्रदेश के 30 जिलों को कवर करेगा जिनमें लखनऊ, कानपुर नगर, कानपुर देहात, अयोध्या, रायबरेली, शाहजहांपुर, उन्नाव और झांसी जैसे जिले शामिल है. इससे पहले यह जिले प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के अधीन आते थे. 

पूर्वोत्तर राज्यों को भी मिला फायदा 

सीबीएसई ने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भी उप क्षेत्रीय कार्यालय खोलने का निर्णय लिया.  22 अगस्त से अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर और सिक्किम की राजधानी गंगटोक में उपक्षेत्रीय कार्यालय शुरू हो गए हैं. वहीं त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में 15 सितंबर से नया क्षेत्रीय कार्यालय काम करने लगेगा. 

छात्रों और स्कूलों के लिए बड़ा फायदा 

सीबीएसई के अनुसार नए दफ्तर के खुलने से न सिर्फ स्कूलों को प्रशासनिक मामलों में आसानी होगी बल्कि छात्रों को भी प्रमाण पत्र परीक्षा से जुड़ी जानकारी और अन्य सेवाएं स्थानीय स्तर पर ही मिल सकेगी. इससे शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और गवर्नेंस दोनों और मजबूत होंगे.

ये भी पढ़ें-क्या संसद में बिल पास होते ही जेल जाने वाले सांसदों और विधायकों की भी चली जाएगी सदस्यता? जान लीजिए नए विधेयक में क्या है

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