'सांसदों को नहीं मिलना चाहिए भत्ता', विपक्ष के हंगामे पर भड़के सांसद; कहा- जनता का काम नहीं हो रहा

संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों का दोनों ही सदनों में लगातार हंगामा बना हुआ है. इस हंगामे की वजह से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही नहीं चल पाई है. हालांकि दमन दीव से निर्दलीय लोकसभा सांसद उमेश भाई पटेल ने संसद भवन में सदन न चलने पर प्रदर्शन किया है. इस प्रदर्शन के दौरान उमेश भाई पटेल ने मांग की है कि अगर सदन नहीं चले तो सांसदों को भत्ता भी नहीं मिले. सांसदों को तो भत्ता मिल जाता है लेकिन जनता के काम नहीं हो पाते हैं. सत्ता और विपक्ष इगो के चलते सदन नहीं चलने दे रहे हैं. वहीं विपक्षी दल सरकार को सदन नहीं चलने देने के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं. साजिश के तहत सदन नहीं चलने देते: उमेश भाई सरकार के तमाम नेता विपक्षी दलों पर साजिश के तहत सदन नहीं चलने देने का आरोप लगा रहे हैं. दरअसल, हंगामे की वजह बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान है. विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार से सदन में चर्चा की मांग को लेकर लगातार हंगामा कर रहे हैं. SIR का फैसला चुनाव आयोग का सरकार के सूत्रों का कहना है कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान करने का फैसला भारत चुनाव आयोग का है. चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, ऐसे में सरकार आयोग के फैसले पर सदन में कैसे जवाब दे सकती है. बता दें कि बिहार में इस अभियान के बाद करीब 65 लाख वोटर्स के नाम लिस्ट से हटा दिए गए हैं. SIR पर चर्चा करना चाहता है विपक्ष कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्ष के कई नेताओं के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि सरकार SIR पर चर्चा कराने के लिए तैयार नहीं होती तो समझा जाएगा कि वह लोकतंत्र और संविधान में विश्वास नहीं करती है. उनका कहना था कि एसआईआर पर चर्चा की मांग को लेकर समूचा विपक्ष एकजुट है. खरगे ने कहा,''सभी विपक्षी पार्टियां एसआईआर पर चर्चा चाहती हैं.'' ये भी पढ़ें: कोल्हापुर में ही पुनर्वास केंद्र बनाने को तैयार वंतारा, कहा - 'हथिनी माधुरी के लिए एकजुट होना जरूरी'

Aug 6, 2025 - 19:30
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'सांसदों को नहीं मिलना चाहिए भत्ता', विपक्ष के हंगामे पर भड़के सांसद; कहा- जनता का काम नहीं हो रहा

संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों का दोनों ही सदनों में लगातार हंगामा बना हुआ है. इस हंगामे की वजह से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही नहीं चल पाई है. हालांकि दमन दीव से निर्दलीय लोकसभा सांसद उमेश भाई पटेल ने संसद भवन में सदन न चलने पर प्रदर्शन किया है.

इस प्रदर्शन के दौरान उमेश भाई पटेल ने मांग की है कि अगर सदन नहीं चले तो सांसदों को भत्ता भी नहीं मिले. सांसदों को तो भत्ता मिल जाता है लेकिन जनता के काम नहीं हो पाते हैं. सत्ता और विपक्ष इगो के चलते सदन नहीं चलने दे रहे हैं. वहीं विपक्षी दल सरकार को सदन नहीं चलने देने के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं.

साजिश के तहत सदन नहीं चलने देते: उमेश भाई

सरकार के तमाम नेता विपक्षी दलों पर साजिश के तहत सदन नहीं चलने देने का आरोप लगा रहे हैं. दरअसल, हंगामे की वजह बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान है. विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार से सदन में चर्चा की मांग को लेकर लगातार हंगामा कर रहे हैं.

SIR का फैसला चुनाव आयोग का

सरकार के सूत्रों का कहना है कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान करने का फैसला भारत चुनाव आयोग का है. चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, ऐसे में सरकार आयोग के फैसले पर सदन में कैसे जवाब दे सकती है. बता दें कि बिहार में इस अभियान के बाद करीब 65 लाख वोटर्स के नाम लिस्ट से हटा दिए गए हैं.

SIR पर चर्चा करना चाहता है विपक्ष

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्ष के कई नेताओं के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि सरकार SIR पर चर्चा कराने के लिए तैयार नहीं होती तो समझा जाएगा कि वह लोकतंत्र और संविधान में विश्वास नहीं करती है. उनका कहना था कि एसआईआर पर चर्चा की मांग को लेकर समूचा विपक्ष एकजुट है. खरगे ने कहा,''सभी विपक्षी पार्टियां एसआईआर पर चर्चा चाहती हैं.''

ये भी पढ़ें: कोल्हापुर में ही पुनर्वास केंद्र बनाने को तैयार वंतारा, कहा - 'हथिनी माधुरी के लिए एकजुट होना जरूरी'

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