'शिक्षा में मातृभाषा और भारतीय परंपरा को बढ़ावा', RSS प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बैठक को लेकर दी खास जानकारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक के बाद रविवार (7 सितंबर 2025) को लालसागर में आयोजित पत्रकार वार्ता में अ. भा. प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर ने शिक्षा, समाज और राष्ट्रीय जीवन के विविध पहलुओं सहित संघ शताब्दी वर्ष की योजनाओं पर विस्तृत जानकारी साझा की. श्री सुनील आंबेकर ने बताया कि तीन दिवसीय समन्वय बैठक (5–7 सितंबर) में शिक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, विद्या भारती, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, भारतीय शिक्षण मंडल और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित विभिन्न संगठनों ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के अनुभव साझा किए.  मातृभाषा में पढ़ाई को प्रोत्साहित करने की दिशा में सकारात्मक प्रयास  उन्होंने कहा कि शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक मातृभाषा में पढ़ाई को प्रोत्साहित करने की दिशा में सकारात्मक प्रयास हो रहे हैं. भारतीय ज्ञान परंपरा और शिक्षा के भारतीयकरण हेतु पुस्तकों के पुनर्लेखन और शिक्षक प्रशिक्षण पर भी कार्य प्रगति पर है. पत्रकार वार्ता में देश की सामाजिक परिस्थितियों पर भी चर्चा का उल्लेख किया गया. पंजाब में बढ़ते मतांतरण और युवाओं में फैलते नशे को लेकर चिंता व्यक्त की गई और सेवा भारती व विद्यार्थी परिषद की ओर से समाज जागृति और नशा मुक्ति अभियानों की जानकारी दी गई.  मणिपुर घटनाओं को लेकर शांति प्रयासों की सराहना पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ और नागरिक सुरक्षा संबंधी चुनौतियों पर गंभीर चिंता जताई गई, वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में घटती हिंसा और बढ़ते विकास के संकेतों को सकारात्मक माना गया. मणिपुर की हाल की घटनाओं पर संवाद-आधारित शांति प्रयासों की सराहना की गई. जनजातीय क्षेत्रों के संदर्भ में बताया गया कि नक्सली और माओवादी हिंसा में कमी आई है, लेकिन समाज को भ्रमित करने के प्रयास अभी भी जारी है. वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से छात्रावासों और जनजातीय अधिकारों पर किए गए कार्यों का उल्लेख किया गया और जनजातीय समाज तक भारतीय परंपरा और राष्ट्रीय विचार पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया गया. संगठनों में बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी संघ शताब्दी वर्ष की योजनाओं पर भी विस्तृत जानकारी दी गई. पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन और नागरिक कर्तव्य जैसे विषयों पर विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे. 2 अक्टूबर 2025 को नागपुर में विजयादशमी उत्सव के साथ शताब्दी वर्ष का औपचारिक शुभारंभ होगा. महिला सहभागिता पर विशेष जोर देते हुए श्री आंबेकर ने बताया कि क्रीड़ा भारती की ओर से महिला खिलाड़ियों में योग-ज्ञान और अध्ययन को बढ़ावा दिया जा रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत महिला कार्यकर्ताओं की ओर से किए गए 887 कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि संगठनों में महिलाओं की भागीदारी निरंतर बढ़ रही है. भारतीय भाषाओं का सम्मान आवश्यक  पत्रकार वार्ता में मतांतरण, घुसपैठ, काशी-मथुरा जैसे विषयों पर भी विचार व्यक्त किए गए और स्पष्ट किया गया कि इन समस्याओं का समाधान संघर्ष या आंदोलन से नहीं, बल्कि कानूनी और आपसी बातचीत से खोजा जाएगा. भाषा के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए और सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान आवश्यक है. अंग्रेजी का विरोध नहीं है, किंतु भारतीय भाषाओं को शिक्षा और शासन में उचित स्थान मिलना चाहिए. कार्यक्रम में लोकगायक अनवर खान की प्रस्तुति इस बीच, 6 सितंबर की रात्रि में आयोजित कार्यक्रम में लोकगायक अनवर खान ने अपनी प्रस्तुति दी और सरसंघचालक जी ने उनका अभिनंदन किया. वार्ता के समापन पर श्री सुनील आंबेकर ने कहा कि दिशा सकारात्मक है, यद्यपि कुछ विषयों पर अभी और कार्य अपेक्षित है.  उन्होंने आश्वस्त किया कि शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में प्रारंभ हुए प्रयास आगामी वर्षों में भी सतत जारी रहेंगे. पत्रकार वार्ता के दौरान जोधपुर प्रांत संघचालक श्री हरदयाल वर्मा, अ. भा. सह प्रचार प्रमुख श्री प्रदीप जोशी और सह प्रचार प्रमुख श्री नरेन्द्र ठाकुर भी उपस्थित रहे. ये भी पढ़ें:- पाकिस्तान में लश्कर ने क्यों खुद ही गिराया हेडक्वार्टर मरकज तैयबा, ऑपरेशन सिंदूर में पहुंचा था नुकसान?

Sep 7, 2025 - 19:30
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'शिक्षा में मातृभाषा और भारतीय परंपरा को बढ़ावा', RSS प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बैठक को लेकर दी खास जानकारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक के बाद रविवार (7 सितंबर 2025) को लालसागर में आयोजित पत्रकार वार्ता में अ. भा. प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर ने शिक्षा, समाज और राष्ट्रीय जीवन के विविध पहलुओं सहित संघ शताब्दी वर्ष की योजनाओं पर विस्तृत जानकारी साझा की.

श्री सुनील आंबेकर ने बताया कि तीन दिवसीय समन्वय बैठक (5–7 सितंबर) में शिक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, विद्या भारती, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, भारतीय शिक्षण मंडल और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित विभिन्न संगठनों ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के अनुभव साझा किए. 

मातृभाषा में पढ़ाई को प्रोत्साहित करने की दिशा में सकारात्मक प्रयास 

उन्होंने कहा कि शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक मातृभाषा में पढ़ाई को प्रोत्साहित करने की दिशा में सकारात्मक प्रयास हो रहे हैं. भारतीय ज्ञान परंपरा और शिक्षा के भारतीयकरण हेतु पुस्तकों के पुनर्लेखन और शिक्षक प्रशिक्षण पर भी कार्य प्रगति पर है.

पत्रकार वार्ता में देश की सामाजिक परिस्थितियों पर भी चर्चा का उल्लेख किया गया. पंजाब में बढ़ते मतांतरण और युवाओं में फैलते नशे को लेकर चिंता व्यक्त की गई और सेवा भारती व विद्यार्थी परिषद की ओर से समाज जागृति और नशा मुक्ति अभियानों की जानकारी दी गई. 

मणिपुर घटनाओं को लेकर शांति प्रयासों की सराहना

पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ और नागरिक सुरक्षा संबंधी चुनौतियों पर गंभीर चिंता जताई गई, वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में घटती हिंसा और बढ़ते विकास के संकेतों को सकारात्मक माना गया. मणिपुर की हाल की घटनाओं पर संवाद-आधारित शांति प्रयासों की सराहना की गई.

जनजातीय क्षेत्रों के संदर्भ में बताया गया कि नक्सली और माओवादी हिंसा में कमी आई है, लेकिन समाज को भ्रमित करने के प्रयास अभी भी जारी है. वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से छात्रावासों और जनजातीय अधिकारों पर किए गए कार्यों का उल्लेख किया गया और जनजातीय समाज तक भारतीय परंपरा और राष्ट्रीय विचार पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया गया.

संगठनों में बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी

संघ शताब्दी वर्ष की योजनाओं पर भी विस्तृत जानकारी दी गई. पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन और नागरिक कर्तव्य जैसे विषयों पर विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे. 2 अक्टूबर 2025 को नागपुर में विजयादशमी उत्सव के साथ शताब्दी वर्ष का औपचारिक शुभारंभ होगा.

महिला सहभागिता पर विशेष जोर देते हुए श्री आंबेकर ने बताया कि क्रीड़ा भारती की ओर से महिला खिलाड़ियों में योग-ज्ञान और अध्ययन को बढ़ावा दिया जा रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत महिला कार्यकर्ताओं की ओर से किए गए 887 कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि संगठनों में महिलाओं की भागीदारी निरंतर बढ़ रही है.

भारतीय भाषाओं का सम्मान आवश्यक 

पत्रकार वार्ता में मतांतरण, घुसपैठ, काशी-मथुरा जैसे विषयों पर भी विचार व्यक्त किए गए और स्पष्ट किया गया कि इन समस्याओं का समाधान संघर्ष या आंदोलन से नहीं, बल्कि कानूनी और आपसी बातचीत से खोजा जाएगा. भाषा के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए और सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान आवश्यक है. अंग्रेजी का विरोध नहीं है, किंतु भारतीय भाषाओं को शिक्षा और शासन में उचित स्थान मिलना चाहिए.

कार्यक्रम में लोकगायक अनवर खान की प्रस्तुति

इस बीच, 6 सितंबर की रात्रि में आयोजित कार्यक्रम में लोकगायक अनवर खान ने अपनी प्रस्तुति दी और सरसंघचालक जी ने उनका अभिनंदन किया. वार्ता के समापन पर श्री सुनील आंबेकर ने कहा कि दिशा सकारात्मक है, यद्यपि कुछ विषयों पर अभी और कार्य अपेक्षित है. 

उन्होंने आश्वस्त किया कि शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में प्रारंभ हुए प्रयास आगामी वर्षों में भी सतत जारी रहेंगे. पत्रकार वार्ता के दौरान जोधपुर प्रांत संघचालक श्री हरदयाल वर्मा, अ. भा. सह प्रचार प्रमुख श्री प्रदीप जोशी और सह प्रचार प्रमुख श्री नरेन्द्र ठाकुर भी उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें:- पाकिस्तान में लश्कर ने क्यों खुद ही गिराया हेडक्वार्टर मरकज तैयबा, ऑपरेशन सिंदूर में पहुंचा था नुकसान?

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