मानसून सत्र में पारित होगा नया आयकर विधेयक, 8 बड़े बिल लाने की तैयारी में मोदी सरकार, जानें सब
Monsoon Session Bill: संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा, जो 21 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान 21 कुल बैठकें होंगी. माना जा रहा है कि सत्र के दौरान इस बार भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है. इस सत्र में 8 महत्वपूर्ण बिल लाने की तैयारी है. विपक्ष की तरफ से पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा चलाए गए सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की मांग की जा सकती है. इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़ा विवाद भी सदन में गूंज सकता है. मोदी सरकार इस सत्र में नया आयकर विधेयक (इनकम टैक्स बिल) पारित कराने की कोशिश करेगी. यह विधेयक पिछले सत्र में पेश हुआ था और फिर संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था. सरकार की तरफ से वित्त मंत्री ने फरवरी में संसद में बताया था कि नया विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम की जटिलताओं को दूर करेगा और इसे आम लोगों के लिए समझना आसान बनाएगा. यदि यह विधेयक इस सत्र में पारित हो जाता है तो यह कानून 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा. बदल जाएगा टैक्स जमा करने का नियमप्रस्तावित बदलावों में ‘टैक्स ईयर’ (कर वर्ष) की नई अवधारणा शामिल है, जो वर्तमान में प्रचलित ‘वित्त वर्ष’ (FY) और ‘अकाउंटिंग ईयर’ (AY) की प्रणाली की जगह लेगी. उदाहरण के लिए, वर्तमान नियमों के तहत वर्ष 2023-24 में अर्जित आय पर टैक्स वर्ष 2024-25 में भरा जाता है, लेकिन नए नियम के तहत जिस वर्ष आय होगी, उसी वर्ष टैक्स भी देना होगा. इसके अलावा बिल में पुराने और अप्रासंगिक प्रावधानों, जैसे ‘फ्रिंज बेनिफिट टैक्स’ से जुड़े हिस्सों को हटाने का भी प्रस्ताव है. आयकर अधिनियम मूल रूप से 1961 में बनाया गया था और 1962 में लागू हुआ. अब यह इतने संशोधनों के बाद बहुत जटिल हो गया है. नया विधेयक इसे सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में कदम है. सरकार लाएगी नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयकइस सत्र में अन्य जो विधेयक पेश किए जाएंगे, उनमें नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक और माइन एंड मिनरल्स (खनिज और खदान) संशोधन विधेयक शामिल हैं. इसके अलावा आठ अन्य लंबित विधेयकों को भी पारित कराने की कोशिश की जाएगी, जिनमें ‘इंडियन पोर्ट्स बिल’ (भारतीय बंदरगाह विधेयक) भी शामिल है. बता दें कि ये सत्र करीब एक महीने तक चलेगा. ये भी पढ़ें: 'तमगा पहनना हो अवॉर्ड लेना हो तो प्रधानमंत्री, जब देश...', मोदी सरकार पर फायर हुए कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी

Monsoon Session Bill: संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा, जो 21 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान 21 कुल बैठकें होंगी. माना जा रहा है कि सत्र के दौरान इस बार भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है. इस सत्र में 8 महत्वपूर्ण बिल लाने की तैयारी है. विपक्ष की तरफ से पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा चलाए गए सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की मांग की जा सकती है. इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़ा विवाद भी सदन में गूंज सकता है.
मोदी सरकार इस सत्र में नया आयकर विधेयक (इनकम टैक्स बिल) पारित कराने की कोशिश करेगी. यह विधेयक पिछले सत्र में पेश हुआ था और फिर संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था. सरकार की तरफ से वित्त मंत्री ने फरवरी में संसद में बताया था कि नया विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम की जटिलताओं को दूर करेगा और इसे आम लोगों के लिए समझना आसान बनाएगा. यदि यह विधेयक इस सत्र में पारित हो जाता है तो यह कानून 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा.
बदल जाएगा टैक्स जमा करने का नियम
प्रस्तावित बदलावों में ‘टैक्स ईयर’ (कर वर्ष) की नई अवधारणा शामिल है, जो वर्तमान में प्रचलित ‘वित्त वर्ष’ (FY) और ‘अकाउंटिंग ईयर’ (AY) की प्रणाली की जगह लेगी. उदाहरण के लिए, वर्तमान नियमों के तहत वर्ष 2023-24 में अर्जित आय पर टैक्स वर्ष 2024-25 में भरा जाता है, लेकिन नए नियम के तहत जिस वर्ष आय होगी, उसी वर्ष टैक्स भी देना होगा.
इसके अलावा बिल में पुराने और अप्रासंगिक प्रावधानों, जैसे ‘फ्रिंज बेनिफिट टैक्स’ से जुड़े हिस्सों को हटाने का भी प्रस्ताव है. आयकर अधिनियम मूल रूप से 1961 में बनाया गया था और 1962 में लागू हुआ. अब यह इतने संशोधनों के बाद बहुत जटिल हो गया है. नया विधेयक इसे सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में कदम है.
सरकार लाएगी नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक
इस सत्र में अन्य जो विधेयक पेश किए जाएंगे, उनमें नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक और माइन एंड मिनरल्स (खनिज और खदान) संशोधन विधेयक शामिल हैं. इसके अलावा आठ अन्य लंबित विधेयकों को भी पारित कराने की कोशिश की जाएगी, जिनमें ‘इंडियन पोर्ट्स बिल’ (भारतीय बंदरगाह विधेयक) भी शामिल है. बता दें कि ये सत्र करीब एक महीने तक चलेगा.
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